- भारत,
- 23-Jul-2019 03:07 PM IST
आरिफ कुरेशी. अजमेर. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्लाह अपने दो सांसदों के साथ मंगलवार दोपहर दरगाह जियारत को पहुंचे। उन्होंने महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह जियारत कर जम्मू कश्मीर और पूरी दुनिया में अमन और खुशहाली के लिए ग्वार की जियारत की। इसके बाद डॉक्टर अब्दुल्ला ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर की समस्या के हल के लिए मध्यस्थता की जो बात की है, उसका स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्या हल होगी तो इससे देश में शांति और खुशहाली की बयार बहेगी पूरी दुनिया में अमन और शांति का पैगाम जाएगा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के ताशकंद दौरे का भी इस मामले को लेकर जिक्र किया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कश्मीर को तीन हिस्सों में बांटने की कवायद पर आपत्ति की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम हिंदू मुसलमानों को आपस में बांटने वाला है। इस तरह की कोशिशों से नफरत ही खेलेगी। क्या है मामलाट्रम्प ने सोमवार को ही इमरान खान के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। इस पर इमरान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर आप ऐसा करा सके, तो अरबों लोग आपको दुआ देंगे।भारतीय विदेश मंत्रालय ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के करीब एक घंटे बाद ही ट्रम्प के दावे को नकार दिया था। मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और ट्रम्प ऐसी कोई बात नहीं हुई। भारत अपने निर्णय पर कायम है। पाकिस्तान के साथ सारे मसले द्विपक्षीय बातचीत के जरिए ही हल किए जाएंगे।
