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- 15-Jun-2025 09:18 AM IST
Israel-Iran News: मध्य पूर्व एक बार फिर भीषण युद्ध की कगार पर खड़ा है। 13 जून की रात से शुरू हुए ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के बाद ईरान और इजराइल के बीच हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। शनिवार रात को दोनों देशों ने एक-दूसरे पर जवाबी हमले किए, जिससे तनाव नए चरम पर पहुंच गया है।
शनिवार देर रात इजराइली वायु सेना ने ईरान की राजधानी तेहरान सहित कई अहम स्थानों पर जोरदार हमले किए। इन हमलों में ईरान के रक्षा मंत्रालय, परमाणु प्रयोगशाला, न्यूक्लियर हेडक्वार्टर और दो तेल रिफाइनरियों को निशाना बनाया गया। सामने आई तस्वीरों में धमाकों के बाद भीषण आग और भारी तबाही देखी गई।
इजराइली हमलों के जवाब में ईरान ने भी पलटवार करते हुए हाइफा सहित इजराइल के कई शहरों पर मिसाइलों की बारिश कर दी। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने दावा किया कि उसने इजराइल के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया। इजराइली इमरजेंसी सेवा के मुताबिक, उत्तरी इजराइल में कम से कम तीन लोगों की मौत हुई है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को स्पष्ट कहा कि, “हम अयातुल्ला शासन के हर सैन्य, परमाणु और सामरिक लक्ष्य को तबाह करेंगे।” उनका यह बयान शुक्रवार को ईरानी हमले में मारे गए इजराइली सैन्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों के बाद आया है।
इजराइल ने यह भी कहा कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को "अस्तित्व के लिए खतरा" मानता है और उसे पूरी तरह खत्म करना चाहता है।
परमाणु वार्ता रद्द, कूटनीति ठप
घातक हमलों के बीच कूटनीतिक कोशिशों को भी बड़ा झटका लगा है। ईरान ने अमेरिका के साथ चल रही परमाणु वार्ता को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा, “इजराइल के हमलों के बाद वार्ता करना अब संभव नहीं है।”
IDF का दावा और अगली चेतावनी
इजराइली रक्षा बल (IDF) ने पुष्टि की कि उसके लड़ाकू विमानों ने तेहरान में परमाणु हथियार परियोजना से जुड़े ठिकानों पर हमले किए। इसमें एसपीएनडी मुख्यालय, रक्षा मंत्रालय के केंद्र और अन्य गुप्त ठिकाने शामिल थे, जहां इजराइल के अनुसार ईरान न्यूक्लियर प्रोजेक्ट को अंजाम दे रहा था।
इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल कैट्ज ने सोशल मीडिया पर लिखा, “तेहरान जल रहा है।” वहीं ईरानी राज्य टीवी ने बताया कि शहर के पूर्व और पश्चिम इलाकों में कई विस्फोट हुए।
आगे क्या?
इन ताजा घटनाक्रमों ने यह संकेत दे दिया है कि यह टकराव सीमित सैन्य कार्रवाई से आगे बढ़कर एक पूर्ण युद्ध का रूप ले सकता है। क्षेत्रीय और वैश्विक शक्तियां चिंतित हैं, लेकिन इस समय कूटनीति पृष्ठभूमि में जा चुकी है।