- भारत,
- 05-Jul-2025 03:20 PM IST
Share Market News: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अमेरिकी ग्लोबल ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट के खिलाफ अपनी जांच को और तेज कर दिया है। नियामक ने अब कंपनी की गतिविधियों को न केवल भारतीय मार्केट बल्कि अन्य इंडेक्स और एक्सचेंजों में भी जांच के दायरे में लाने का फैसला किया है। इससे पहले, सेबी ने जेन स्ट्रीट को भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने से रोक दिया था और कंपनी के करीब 4,843 करोड़ रुपये के फंड्स को जब्त करने का आदेश जारी किया था। अब इस मामले में सेबी के कड़े कदमों से कंपनी की मुश्किलें और बढ़ती नजर आ रही हैं।
सेबी की जांच और जेन स्ट्रीट का जवाब
मिंट के सूत्रों के हवाले से पता चला है कि जेन स्ट्रीट पर लगे अनियमितता के आरोपों की जांच में समय लग सकता है, लेकिन सेबी ने अपनी जांच को और व्यापक और तेज कर दिया है। दूसरी ओर, जेन स्ट्रीट ने सेबी के इस आदेश को गलत ठहराया है और दावा किया है कि वह सभी नियामक नियमों का पूरी तरह पालन करती है। कंपनी ने कहा है कि वह सेबी के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेगी। सेबी ने जेन स्ट्रीट को 21 दिनों के भीतर जवाब या आपत्ति दर्ज करने की अनुमति दी है। इसके अलावा, कंपनी के पास सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) में इस आदेश को चुनौती देने का भी विकल्प है।
क्या है पूरा मामला?
सेबी ने शुक्रवार को शेयर बाजार में संदिग्ध गड़बड़ियों के आधार पर जांच शुरू की थी, जिसमें अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट का नाम सामने आया। सेबी ने कंपनी और उससे जुड़ी चार अन्य फर्मों पर ट्रेडिंग प्रतिबंध लगा दिया और 4,843 करोड़ रुपये जब्त करने का आदेश दिया। सेबी का आरोप है कि जेन स्ट्रीट ने शेयर, फ्यूचर्स और ऑप्शंस में स्मार्ट रणनीतियों का उपयोग कर 36,671 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। कंपनी ने विशेष रूप से बैंक निफ्टी और निफ्टी के एक्सपायरी डे पर एक खास रणनीति अपनाई।
जेन स्ट्रीट की रणनीति
सेबी के अनुसार, जेन स्ट्रीट सुबह के समय बड़ी मात्रा में शेयर और फ्यूचर्स खरीदती थी। इसके बाद, ऑप्शंस में शॉर्ट पोजीशन लेकर दोपहर में शेयर बेच देती थी, जिससे इंडेक्स में गिरावट आती थी और ऑप्शंस से मुनाफा कमाया जाता था। कई बार, ट्रेडिंग के आखिरी दो घंटों में निफ्टी के शेयर खरीदकर और ऑप्शंस में लॉन्ग पोजीशन लेकर इंडेक्स को ऊपर चढ़ाया जाता था, ताकि ऑप्शंस को मुनाफे में बेचा जा सके। सेबी का दावा है कि इस तरह की रणनीतियों के जरिए जेन स्ट्रीट ने अपनी सहयोगी इकाइयों के माध्यम से बाजार में हेरफेर किया।
भारत में डेरिवेटिव्स मार्केट की स्थिति
भारत का डेरिवेटिव्स मार्केट दुनिया में सबसे बड़ा है। अप्रैल 2025 में यहां 7.3 अरब ट्रेड हुए, जो वैश्विक इक्विटी डेरिवेटिव ट्रेडिंग का लगभग 60% हिस है। इस मार्केट में बड़ी संख्या में छोटे निवेशक (रिटेल इनवेस्टर्स) हिस्सा लेते हैं, जिसके कारण सेबी ने कुछ सख्त नियम लागू किए हैं, जैसे कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या कम करना और ट्रेडिंग लॉट का आकार बढ़ाना। इन नियमों से एक्सपायरी के दिन छोटे निवेशकों की भागीदारी में कमी आई है, लेकिन फिर भी कम समय की ट्रेडिंग और एक्सपायरी डे पर निवेशकों का ध्यान केंद्रित रहता है।
आगे क्या?
जेन स्ट्रीट के खिलाफ सेबी की यह कार्रवाई भारतीय शेयर बाजार की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इस मामले का अंतिम निष्कर्ष निकलने में समय लग सकता है, क्योंकि जांच का दायरा अब और विस्तृत हो गया है। जेन स्ट्रीट के लिए यह मामला न केवल वित्तीय नुकसान का कारण बन सकता है