- भारत,
- 19-Aug-2025 10:21 PM IST
India-China Relations: चीन के विदेश मंत्री वांग यी तीन साल बाद भारत के दौरे पर आए हैं। इस महत्वपूर्ण यात्रा के दौरान उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें चीन के तियानजिन में आयोजित होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग का संदेश और निमंत्रण सौंपा। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों, सीमा विवाद, और क्षेत्रीय शांति जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की। आइए जानते हैं कि इस मुलाकात में क्या-क्या हुआ और पीएम मोदी ने क्या कहा।
पीएम मोदी का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वांग यी के साथ अपनी मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, "पिछले साल कज़ान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मेरी मुलाक़ात के बाद से, भारत-चीन संबंधों में एक-दूसरे के हितों और संवेदनशीलता के सम्मान के साथ लगातार प्रगति हुई है। मैं शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में होने वाली हमारी अगली मुलाक़ात का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। भारत और चीन के बीच स्थिर, पूर्वानुमानित और रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति एवं समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।"
सीमा पर शांति और सौहार्द पर जोर
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार, पीएम मोदी ने वांग यी के साथ मुलाकात में भारत-चीन सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सीमा विवाद के समाधान के लिए निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। पीएम मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि भारत और चीन के बीच स्थिर और रचनात्मक संबंध न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति व समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
SCO शिखर सम्मेलन और पीएम मोदी की चीन यात्रा
वांग यी ने पीएम मोदी को तियानजिन में होने वाले SCO शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग का निमंत्रण सौंपा। पीएम मोदी ने इस निमंत्रण के लिए राष्ट्रपति शी को धन्यवाद दिया और सम्मेलन में भाग लेने की अपनी स्वीकृति व्यक्त की। उन्होंने SCO शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए चीन के प्रति भारत का समर्थन जताया और कहा कि वे तियानजिन में राष्ट्रपति शी से मुलाकात के लिए उत्सुक हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएम मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर के बीच इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा कर सकते हैं।
भारत-पाकिस्तान संबंधों में चीन की मध्यस्थता की पेशकश
वांग यी की इस यात्रा के दौरान चीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है। चीन का कहना है कि वह दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंधों को बढ़ावा देना चाहता है और उनकी समस्याओं के समाधान में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। यह पेशकश ऐसे समय में आई है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।
भारत की कूटनीतिक रणनीति
वांग यी की यात्रा के साथ-साथ भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को अपना रूस दौरा शुरू किया है। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका भारत पर रूस से सस्ते तेल की खरीद को रोकने के लिए दबाव बना रहा है। जयशंकर का रूस दौरा भारत की स्वतंत्र और संतुलित कूटनीतिक रणनीति को दर्शाता है, जिसमें वह वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए काम कर रहा है।
Glad to meet Foreign Minister Wang Yi. Since my meeting with President Xi in Kazan last year, India-China relations have made steady progress guided by respect for each other's interests and sensitivities. I look forward to our next meeting in Tianjin on the sidelines of the SCO… pic.twitter.com/FyQI6GqYKC
— Narendra Modi (@narendramodi) August 19, 2025
