Uttar Pradesh / पूर्व मंत्री आजम खान की फिर बढ़ीं मुश्किलें, ED ने दर्ज किया एक और केस

Zoom News : Jun 10, 2022, 07:25 PM
Uttar Pradesh | लगभग 27 महीने जेल में रहने के बाद जमानत पर छूटे पूर्व मंत्री एवं रामपुर के विधायक मो. आजम खां की मुश्किलें फिर बढ़ने वाली हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके विरुद्ध एक और मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। ईडी ने भर्ती घोटाले की जांच शुरू करते हुए जल निगम से कई बिन्दुओं पर जानकारी मांगी है।

ईडी के लखनऊ जोन कार्यालय ने जल निगम भर्ती घोटाले से संबंधित यह नया केस प्रदेश पुलिस के विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) की चार्जशीट के आधार पर दर्ज किया है। यह केस प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत दर्ज है। एसआईटी की चार्जशीट में आजम और जल निगम के तत्कालीन एमडी समेत कुछ अन्य अधिकारियों को आरोपित किया गया है।

आजम खां उस नगर विकास मंत्री के साथ-साथ जल निगम के अध्यक्ष भी थे। भर्तियों से संबंधित मामले में उन्होंने जल निगम अध्यक्ष के तौर पर मंजूरी दी थी। हालांकि एसआईटी के सामने दर्ज कराए गए बयान में उन्होंने गड़बड़ियों के लिए तत्कालीन अधिकारियों को जिम्मेदार बता दिया था। बावजूद इसके एसआईटी ने भर्ती घोटाले में उनकी संलिप्तता मानते हुए कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी। एसआईटी ने जल निगम के तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी को भी दोषी ठहराया था।

जल निगम सूत्रों के अनुसार ईडी ने भर्ती प्रक्रिया के दौरान जल निगम में प्रमुख पदों पर तैनात रहे अफसरों के बारे में जानकारी मांगी है। यह भर्ती घोटाला वर्ष 2016 में सपा के शासनकाल में सामने आया था। उस समय जल निगम में सहायक अभियंता, अवर अभियंता व लिपिक के 1342 पदों पर भर्ती में व्यापक गड़बड़ी होने का आरोप था। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर प्रदेश सरकार ने मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी थी। एसआईटी की खुली जांच में दोषी पाए जाने के बाद शासन ने आजम खां एवं अन्य अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने की मंजूरी दी थी। विवेचना के बाद एसआईटी ने सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी थी।

जौहर विश्वविद्यालय मामले की पहले से जांच कर रहा ईडी

ईडी रामपुर के जौहर विश्वविद्यालय, शस्त्रु संपत्तियों तथा सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे के मामले में पहले से जांच कर रही है। इन मामलों में आजम के खिलाफ वर्ष 2019 में ही दर्ज किया गया था। ईडी की टीम रामपुर जाकर जौहर विश्वविद्यालय के अधिकारियों तथा जमीन कब्जे से प्रभावित किसानों का बयान दर्ज कर चुकी है। पुलिस ने जौहर विश्वविद्यालय के लिए जमीन कब्जे से संबंधित मुकदमे दर्ज किए थे।

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