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- 03-Oct-2025 08:40 AM IST
Auto Sector: भारत की प्रमुख ऑटो पार्ट्स निर्माता कंपनी SKF India Group ने अपने ऑटोमोबाइल और इंडस्ट्रियल बिज़नेस को अलग करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस डिमर्जर के बाद, कंपनी अब दो स्वतंत्र इकाइयों—SKF India Ltd (ऑटोमोबाइल) और SKF India (Industrial) Ltd—के रूप में काम करेगी। दोनों इकाइयां मिलकर 2030 तक करीब 1,460 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी, जिसका लक्ष्य क्षमता विस्तार और नई मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों की स्थापना है। यह कदम कंपनी के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है और निवेशकों को दो अलग-अलग ग्रोथ स्टोरीज में निवेश का अवसर प्रदान करता है।
इंडस्ट्रियल बिज़नेस का डिमर्जर: नई शुरुआत
1 अक्टूबर 2025 से इंडस्ट्रियल बिज़नेस का डिमर्जर प्रभावी हो चुका है, जिसे मुंबई के नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने मंजूरी दी है। नई इकाई, SKF India (Industrial) Ltd, को नवंबर 2025 तक शेयर मार्केट में लिस्ट करने की योजना है, बशर्ते सभी नियामक मंजूरियां समय पर मिल जाएं। इस डिमर्जर स्कीम के तहत, SKF India Ltd के प्रत्येक शेयरहोल्डर को SKF India (Industrial) Ltd का एक नया शेयर मिलेगा।
इस विभाजन से पुरानी कंपनी अब केवल ऑटोमोबाइल बिज़नेस पर ध्यान देगी, जबकि नई इकाई इंडस्ट्रियल सेक्टर में अपनी पहचान बनाएगी। यह निवेशकों के लिए एक अनूठा अवसर है, क्योंकि वे अब दो अलग-अलग सेक्टर्स की ग्रोथ संभावनाओं में हिस्सेदारी कर सकेंगे।
ऑटोमोबाइल बिज़नेस: मोबिलिटी ट्रांसफॉर्मेशन पर फोकस
SKF India Ltd अब भारत के तेजी से बदलते मोबिलिटी सेक्टर पर केंद्रित होगी। कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों (EV), हाइब्रिड मॉडल्स, प्रीमियम सेगमेंट, लास्ट-माइल डिलीवरी सॉल्यूशंस, और एडवांस्ड सेफ्टी सिस्टम्स जैसे क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति मजबूत करेगी। इसके लिए कंपनी 2030 तक हरिद्वार, पुणे और बेंगलुरु में 410-510 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
इस निवेश का मुख्य उद्देश्य ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (OEMs) की बढ़ती मांग को पूरा करना है। साथ ही, कंपनी अपने रिटेल और सर्विस नेटवर्क का विस्तार करेगी ताकि वह ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में पसंदीदा पार्टनर बनी रहे। यह रणनीति भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की बढ़ती मांग के अनुरूप है, जो सरकार की नीतियों और उपभोक्ता रुझानों से प्रेरित है।
इंडस्ट्रियल बिज़नेस: इंफ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा बदलाव का सहारा
नई इकाई, SKF India (Industrial) Ltd, इंडस्ट्रियल सेक्टर में ग्रोथ पर फोकस करेगी। यह यूनिट मैन्युफैक्चरिंग, रेलवे, रिन्यूएबल एनर्जी, सीमेंट, माइनिंग और मेटल्स जैसे क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता का विस्तार करेगी। ये सभी सेक्टर भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और ऊर्जा परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
इसके लिए कंपनी 2030 तक 800-950 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जिसमें पुणे में 2028 तक एक नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना शामिल है। इसके अलावा, कंपनी अपने चैनल नेटवर्क का विस्तार करेगी ताकि इंडस्ट्रियल सेक्टर में अपनी पहुंच और प्रभाव को बढ़ाया जा सके।
SKF India का पोर्टफोलियो: रोटेटिंग शाफ्ट टेक्नोलॉजी का आधार
SKF India का बिज़नेस रोटेटिंग शाफ्ट टेक्नोलॉजी पर आधारित है, जिसमें बेयरिंग्स, सील्स, लुब्रिकेशन मैनेजमेंट, कंडीशन मॉनिटरिंग और संबंधित सेवाएं शामिल हैं। ये उत्पाद और सेवाएं ऑटोमोबाइल और इंडस्ट्रियल दोनों सेक्टर्स में महत्वपूर्ण हैं, और कंपनी की तकनीकी विशेषज्ञता इसे बाजार में अग्रणी बनाती है।
डिमर्जर का कारण: फोकस और वैल्यू क्रिएशन
इस डिमर्जर को सबसे पहले FY24 की चौथी तिमाही में कंपनी के बोर्ड ने मंजूरी दी थी। इसके बाद शेयरहोल्डर्स और नियामक प्राधिकरणों ने भी इसे हरी झंडी दिखाई। डिमर्जर का मुख्य उद्देश्य दोनों बिज़नेस यूनिट्स को अधिक केंद्रित और कुशल बनाना है। इससे न केवल ऑपरेशनल दक्षता बढ़ेगी, बल्कि निवेशकों के लिए भी अधिक वैल्यू क्रिएट होगी।
दोनों इकाइयों के अलग होने से SKF India को ऑटोमोबाइल और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स की विशिष्ट जरूरतों पर बेहतर ध्यान देने का मौका मिलेगा। यह कदम कंपनी को भारत के तेजी से बढ़ते बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत करने में मदद करेगा।
