नई दिल्ली: भक्त प्रहलाद, हरिण्यकश्यप और उनकी बहन होलिका से जुड़ी होलिका दहन की पौराणिक कथा (Holika Dahan Story) तो हम सभी जानते हैं। यही कारण है कि होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत से जोड़कर देखा जाता है। होलिका दहन का त्योहार इस बार 28 मार्च रविवार को है और उसके अगले दिन 29 मार्च सोमवार को होली का त्योहार (Holi Festival) मनाया जाएगा जिसे धुलेंडी भी कहा जाता है। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) क्या है, दहन से पहले कैसे करें पूजा, किस राशि वालों को होलिका की अग्नि में क्या अर्पित करना चाहिए, यहां जानें हर एक डिटेल।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्तहोलिका दहन का मुहूर्त- 28 मार्च रविवार को शाम में 6।37 बजे लेकर रात में 8।56 बजे तकशुभ मुहूर्त का कुल समय- 2 घंटे 20 मिनट इसी मुहूर्त में होलिका दहन करना अत्यंत शुभ होगा और इस साल होलिका दहन के समय भद्रा (No bhadra during Holika dahan) नहीं रहेगी। रविवार दिन में 1:33 बजे भद्रा समाप्त हो जाएगी, साथ ही पूर्णिमा तिथि रविवार रात में 12:40 बजे तक रहेगी। शास्त्रों की मानें तो भद्रा रहित पूर्णिमा तिथि में ही होलिका दहन किया जाता है।
होलिका दहन पर बन रहे शुभ योगअभिजीत मुहूर्त- 28 मार्च दोपहर 12:07 मिनट से 12:56 तकअमृत काल- 28 मार्च को सुबह 11:04 मिनट से दोपहर में 12:31 मिनट तकसर्वार्थसिद्धि योग- 28 मार्च को सुबह 6:26 से शाम 5:36 तक अमृतसिद्धि योग- 28 मार्च को सुबह 5:36 बजे से 29 मार्च की सुबह 6:25 मिनट तकहोलिका दहन पूजा विधिहोलिका दहन से पहले उसकी पूजा की जाती है। पूजन सामग्री में एक लोटा गंगाजल, रोली, माला, अक्षत, धूप या अगरबत्ती, पुष्प, गुड़, कच्चे सूत का धागा, साबूत हल्दी, मूंग, बताशे, नारियल एवं नई फसल के अनाज गेंहू की बालियां, पके चने आदि होते हैं। इसके बाद पूरी श्रद्धा से होली के चारों और परिक्रमा करते हुए कच्चे सूत के धागे को लपेटा जाता है। होलिका की परिक्रमा तीन या सात बार की जाती है। इसके बाद शुद्ध जल सहित अन्य पूजा सामग्रियों को होलिका को अर्पित किया जाता है। इसके बाद होलिका में कच्चे आम, नारियल, सात अनाज, चीनी के खिलौने, नई फसल इत्यादि की आहुति दी जाती है। राशि अनुसार जानें होलिका की अग्नि में क्या डालेंमेष- होलिका दहन में गुड़ की आहुति दें। ऐसा करने से मानसिक परेशानियों से छुटकारा मिलेगावृष- इस राशि के लोग चीनी से आहुति दें। बाधाएं दूर होंगी।मिथुन- अपामार्ग और गेंहू की बाली से हालिका दहन करें और कपूर से आहुति दें।कर्क-लोहबान से होलिका दहन में आहुति दें। नौकरी और करियर से जुड़ा शुभ सामाचार मिलेगा।सिंह- गुड़ की आहुति देकर पितरों को जरूर याद करें, व्यापार से जुड़ी परेशानियां दूर होंगी।कन्या- कपूर की आहुति दें। कार्यक्षेत्र में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी।तुला- गूलर की लकड़ी जलाएं और कपूर की आहुति दें। जीवन की परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।वृश्चिक- होलिका दहन में गुड़ की आहुति दें। लाभ होगा।धनु- होलिका दहन में जौ व चना की आहुति दें। साथ में भगवान विष्णु की पूजा भी करें।मकर- होलिका दहन शमी की लकड़ी से करें और तिल की आहुति दें। आपके जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होंगी।कुंभ- शमी की लकड़ी से होलिका दहन करें और तिल की आहुति दें।मीन- होलिका दहन में जौ व चना की आहुति दें। इसके बाद पितरों का आभार व्यक्त करें। स्वास्थ्य संबंधी परेशानी दूर हो जाएगी।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्तहोलिका दहन का मुहूर्त- 28 मार्च रविवार को शाम में 6।37 बजे लेकर रात में 8।56 बजे तकशुभ मुहूर्त का कुल समय- 2 घंटे 20 मिनट इसी मुहूर्त में होलिका दहन करना अत्यंत शुभ होगा और इस साल होलिका दहन के समय भद्रा (No bhadra during Holika dahan) नहीं रहेगी। रविवार दिन में 1:33 बजे भद्रा समाप्त हो जाएगी, साथ ही पूर्णिमा तिथि रविवार रात में 12:40 बजे तक रहेगी। शास्त्रों की मानें तो भद्रा रहित पूर्णिमा तिथि में ही होलिका दहन किया जाता है।
होलिका दहन पर बन रहे शुभ योगअभिजीत मुहूर्त- 28 मार्च दोपहर 12:07 मिनट से 12:56 तकअमृत काल- 28 मार्च को सुबह 11:04 मिनट से दोपहर में 12:31 मिनट तकसर्वार्थसिद्धि योग- 28 मार्च को सुबह 6:26 से शाम 5:36 तक अमृतसिद्धि योग- 28 मार्च को सुबह 5:36 बजे से 29 मार्च की सुबह 6:25 मिनट तकहोलिका दहन पूजा विधिहोलिका दहन से पहले उसकी पूजा की जाती है। पूजन सामग्री में एक लोटा गंगाजल, रोली, माला, अक्षत, धूप या अगरबत्ती, पुष्प, गुड़, कच्चे सूत का धागा, साबूत हल्दी, मूंग, बताशे, नारियल एवं नई फसल के अनाज गेंहू की बालियां, पके चने आदि होते हैं। इसके बाद पूरी श्रद्धा से होली के चारों और परिक्रमा करते हुए कच्चे सूत के धागे को लपेटा जाता है। होलिका की परिक्रमा तीन या सात बार की जाती है। इसके बाद शुद्ध जल सहित अन्य पूजा सामग्रियों को होलिका को अर्पित किया जाता है। इसके बाद होलिका में कच्चे आम, नारियल, सात अनाज, चीनी के खिलौने, नई फसल इत्यादि की आहुति दी जाती है। राशि अनुसार जानें होलिका की अग्नि में क्या डालेंमेष- होलिका दहन में गुड़ की आहुति दें। ऐसा करने से मानसिक परेशानियों से छुटकारा मिलेगावृष- इस राशि के लोग चीनी से आहुति दें। बाधाएं दूर होंगी।मिथुन- अपामार्ग और गेंहू की बाली से हालिका दहन करें और कपूर से आहुति दें।कर्क-लोहबान से होलिका दहन में आहुति दें। नौकरी और करियर से जुड़ा शुभ सामाचार मिलेगा।सिंह- गुड़ की आहुति देकर पितरों को जरूर याद करें, व्यापार से जुड़ी परेशानियां दूर होंगी।कन्या- कपूर की आहुति दें। कार्यक्षेत्र में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी।तुला- गूलर की लकड़ी जलाएं और कपूर की आहुति दें। जीवन की परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।वृश्चिक- होलिका दहन में गुड़ की आहुति दें। लाभ होगा।धनु- होलिका दहन में जौ व चना की आहुति दें। साथ में भगवान विष्णु की पूजा भी करें।मकर- होलिका दहन शमी की लकड़ी से करें और तिल की आहुति दें। आपके जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होंगी।कुंभ- शमी की लकड़ी से होलिका दहन करें और तिल की आहुति दें।मीन- होलिका दहन में जौ व चना की आहुति दें। इसके बाद पितरों का आभार व्यक्त करें। स्वास्थ्य संबंधी परेशानी दूर हो जाएगी।
