Holi 2021 / होलिका दहन की पूजा विधि से लेकर शुभ मुहूर्त और उपाय तक, यहां जानें हर एक डिटेल

Zoom News : Mar 28, 2021, 02:01 PM
Holi 2021: भक्त प्रहलाद, हरिण्यकश्यप और उनकी बहन होलिका से जुड़ी होलिका दहन की पौराणिक कथा (Holika Dahan Story) तो हम सभी जानते हैं. यही कारण है कि होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत से जोड़कर देखा जाता है. होलिका दहन का त्योहार इस बार 28 मार्च रविवार को है और उसके अगले दिन 29 मार्च सोमवार को होली का त्योहार (Holi Festival)  मनाया जाएगा जिसे धुलेंडी भी कहा जाता है. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) क्या है, दहन से पहले कैसे करें पूजा, किस राशि वालों को होलिका की अग्नि में क्या अर्पित करना चाहिए, यहां जानें हर एक डिटेल.  

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

होलिका दहन का मुहूर्त- 28 मार्च रविवार को शाम में 6.37 बजे लेकर रात में 8.56 बजे तक

शुभ मुहूर्त का कुल समय- 2 घंटे 20 मिनट 

इसी मुहूर्त में होलिका दहन करना अत्यंत शुभ होगा और इस साल होलिका दहन के समय भद्रा (No bhadra during Holika dahan) नहीं रहेगी. रविवार दिन में 1.33 बजे भद्रा समाप्त हो जाएगी, साथ ही पूर्णिमा तिथि रविवार रात में 12:40 बजे तक रहेगी. शास्त्रों की मानें तो भद्रा रहित पूर्णिमा तिथि में ही होलिका दहन किया जाता है.

होलिका दहन पर बन रहे शुभ योग

अभिजीत मुहूर्त- 28 मार्च दोपहर 12.07 मिनट से 12.56 तक

अमृत काल- 28 मार्च को सुबह 11.04 मिनट से दोपहर में 12.31 मिनट तक

सर्वार्थसिद्धि योग- 28 मार्च को सुबह 6.26 से शाम 5.36 तक 

अमृतसिद्धि योग- 28 मार्च को सुबह 5.36 बजे से 29 मार्च की सुबह 6.25 मिनट तक

होलिका दहन पूजा विधि

होलिका दहन से पहले उसकी पूजा की जाती है. पूजन सामग्री में एक लोटा गंगाजल, रोली, माला, अक्षत, धूप या अगरबत्ती, पुष्प, गुड़, कच्चे सूत का धागा, साबूत हल्दी, मूंग, बताशे, नारियल एवं नई फसल के अनाज गेंहू की बालियां, पके चने आदि होते हैं. इसके बाद पूरी श्रद्धा से होली के चारों और परिक्रमा करते हुए कच्चे सूत के धागे को लपेटा जाता है. होलिका की परिक्रमा तीन या सात बार की जाती है. इसके बाद शुद्ध जल सहित अन्य पूजा सामग्रियों को होलिका को अर्पित किया जाता है. इसके बाद होलिका में कच्चे आम, नारियल, सात अनाज, चीनी के खिलौने, नई फसल इत्यादि की आहुति दी जाती है. 

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