अमेरिका / पूरी तरह वैक्सीनेट लोगों को बूस्टर शॉट ज़रूरी नहीं: फाइज़र की तीसरी खुराक पर यूएस एफडीए

Vikrant Shekhawat : Jul 09, 2021, 02:58 PM
न्यूयॉर्क: कोरोना वायरस (Coronavirus) को मात देने के लिए दुनियाभर में वैक्सीनेशन (Vaccination) का काम चल रहा है. वैक्सीन लगने के बाद कोरोना का खतरा ना बढ़े इसके लिए वैक्सीन निर्माताओं की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं. अमेरिकी वैक्सीन निर्माता फाइज़र (Pfizer)  ने वैक्सीन को दो डोज़ लगने के कुछ वक्त बाद एक और बूस्टर डोज़ लगाने के लिए इजाजत मांगने की तैयारी में है. 

फाइज़र की ओर से अमेरिका में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) से ये इजाजत मांगने की तैयारी थी. फाइज़र के मुताबिक, अगर दोनों वैक्सीन ले चुके लोगों को 12 महीने के भीतर तीसरा डोज़ यानी बूस्टर डोज़ दिया जाता है, तो इम्युनिटी मजबूत होगी और कोरोना के नए म्यूटेंट से लड़ने में आसानी होगी. 

हालांकि, फाइज़र के इस प्रस्ताव को अभी FDA ने ठुकरा दिया है. अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) और फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने साझा बयान जारी करते हुए कहा है कि जिन अमेरिकियों को वैक्सीन को दोनों डोज़ लग चुकी हैं, उन्हें बूस्टर शॉट की कोई ज़रूरत नहीं है.

रिसर्च के मुताबिक, फाइज़र वैक्सीन के दोनों डोज़ कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने की क्षमता देते हैं. इससे कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट के खिलाफ भी लड़ने की शक्ति मिलती है. फाइज़र के मुताबिक, कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी डेवलेप करने में वैक्सीन कारगर है. लेकिन इनको भी बाद में कुछ वक्त चाहिए, ऐसे में इस वक्त को बढ़ाने के लिए बूस्टर शॉट की ज़रूरत पड़ सकती है. 

आपको बता दें कि अभी दुनिया के अलग-अलग देशों में जिन वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है, उसमें अधिकतर दो डोज़ ही दी जा रही हैं. कई बार तीसरे बूस्टर शॉट (Booster Shot) की बात सामने आई है, लेकिन अभी तक उसपर वैज्ञानिक मुहर नहीं लगी है. कई देशों में इस बात पर भी रिसर्च चल रही है कि क्या कोरोना वैक्सीन की ज़रूरत हर साल पड़ेगी?

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