आज यानी 28 अक्टूबर को भारतीय सर्राफा बाजार में सोना और चांदी दोनों की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के अनुसार, 10 ग्राम सोने की कीमत ₹3,034 घटकर ₹1,18,043 पर आ गई है, जो इससे पहले ₹1,21,077 प्रति 10 ग्राम थी। इसी तरह, चांदी की कीमतों में भी तेज गिरावट देखने को मिली, जहां यह ₹3,135 गिरकर ₹1,41,896 प्रति किलोग्राम हो गई, जबकि कल इसकी कीमत ₹1,45,031 प्रति किलोग्राम थी। यह गिरावट निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे बाजार की अस्थिरता का संकेत मिलता है।
आज के बाजार का विस्तृत विश्लेषण
IBJA द्वारा जारी की गई सोने की इन कीमतों में 3%। GST, मेकिंग चार्ज और ज्वेलर्स का मार्जिन शामिल नहीं होता है। यही कारण है कि विभिन्न शहरों में सोने-चांदी के खुदरा दाम इन IBJA दरों से भिन्न होते हैं। हालांकि, ये दरें काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के रेट तय करने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है, और कई बैंक गोल्ड लोन की दरें निर्धारित करने के लिए भी इन्हीं आंकड़ों पर निर्भर करते हैं। इसलिए, ये आंकड़े बाजार की दिशा और वित्तीय उत्पादों के निर्धारण में एक बेंचमार्क का काम करते हैं।
आठ दिनों में ऐतिहासिक गिरावट
पिछले आठ दिनों में सोने की कीमतों में एक बड़ी गिरावट देखी गई है, जहां यह ₹11,541 घटकर आज ₹1,18,043 प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। 19 अक्टूबर को सोना अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर ₹1,29,584 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया था, जिसके बाद से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। चांदी की बात करें तो, इसमें भी पिछले आठ दिनों में ₹27,334 प्रति किलोग्राम की भारी कमी आई है, जो ₹1,69,230 प्रति किलोग्राम से गिरकर ₹1,41,896 प्रति किलोग्राम हो गई है। यह तीव्र गिरावट बाजार में एक बड़े सुधार का संकेत देती है, जो कई कारकों से प्रभावित है।
सोने और चांदी की कीमतों में यह तेज गिरावट कई महत्वपूर्ण कारकों का परिणाम है, जिनमें से तीन प्रमुख कारण सामने आए हैं। इन कारणों को समझना निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण है ताकि वे भविष्य के बाजार रुझानों का बेहतर आकलन कर सकें।
भारत में मौसमी खरीद का समापन
भारत में दिवाली जैसे बड़े त्योहारों के बाद सोने-चांदी की खरीददारी का उत्साह आमतौर पर कम हो जाता है। यह मौसमी मांग में कमी बाजार में इन कीमती धातुओं की डिमांड को प्रभावित करती है, जिससे कीमतों पर दबाव बनता है। त्योहारों के दौरान अत्यधिक खरीददारी के बाद, बाजार में एक ठहराव आता है, जो मौजूदा गिरावट का एक मुख्य कारण बन रहा है।
वैश्विक तनाव में कमी
सोना-चांदी को पारंपरिक रूप से 'सेफ-हेवन' संपत्ति माना जाता है। इसका मतलब है कि जब भी वैश्विक स्तर पर कोई राजनीतिक या आर्थिक अनिश्चितता या तनाव बढ़ता है, तो निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने-चांदी की ओर रुख करते हैं और हाल के दिनों में वैश्विक तनाव में कुछ कमी आने से 'सेफ-हेवन' संपत्तियों की मांग घटी है, जिससे इनकी कीमतों में गिरावट आई है।
प्रॉफिट-टेकिंग और ओवरबॉट संकेत
हाल ही में सोने-चांदी की कीमतों में हुई जबरदस्त रैली के बाद, कई निवेशक अब प्रॉफिट-बुकिंग कर रहे हैं। यानी, वे अपनी खरीदी हुई कीमती धातुओं को बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। इसके अलावा, रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) जैसे तकनीकी संकेतक यह दर्शा रहे थे कि कीमतें 'ओवरबॉट' जोन में पहुंच चुकी थीं, जिसका अर्थ है कि कीमतें अत्यधिक बढ़ चुकी थीं। ऐसे में, ट्रेंड फॉलोअर्स और डीलर्स ने बिकवाली शुरू कर दी, जिससे कीमतों में और गिरावट आई।
सालाना प्रदर्शन अब भी मजबूत
हालांकि हाल के दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में तेज गिरावट आई है, लेकिन इस साल अब तक का उनका समग्र प्रदर्शन काफी प्रभावशाली रहा है। 31 दिसंबर 2023 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत ₹76,162 थी, जो अब बढ़कर ₹1,18,043 हो गई है। यह इस साल ₹41,881 की वृद्धि दर्शाती है और इसी तरह, चांदी का भाव भी इस दौरान ₹55,879 प्रति किलोग्राम बढ़ गया है, जो 31 दिसंबर 2023 को ₹86,017 प्रति किलोग्राम था और अब ₹1,41,896 प्रति किलोग्राम है। यह दर्शाता है कि दीर्घकालिक निवेश के रूप में सोना और चांदी अभी भी आकर्षक बने हुए हैं।
सोना खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
सोना खरीदते समय हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए ताकि आपको शुद्ध और सही कीमत पर सोना मिल सके। खासकर जब बाजार में कीमतें अस्थिर हों, तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है।
**1.
हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। हॉलमार्क सोने की शुद्धता की गारंटी होता है और यह सुनिश्चित करता है कि आपने जो सोना खरीदा है, वह बताए गए कैरेट के अनुरूप है और हॉलमार्क पर एक अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है (जैसे AZ4524) जो सोने की विशिष्ट पहचान बताता है। यह आपको धोखाधड़ी से बचाता है और आपके निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
**2.
सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत को कई विश्वसनीय स्रोतों। (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करना महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करता है कि आप बाजार दर के अनुसार सही कीमत चुका रहे हैं और यह भी ध्यान रखें कि सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है, इसलिए अपनी आवश्यकतानुसार कैरेट की कीमत की जांच करें।
वर्तमान बाजार की स्थिति अस्थिरता से भरी हुई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट अल्पकालिक हो सकती है। लंबी अवधि में, कीमती धातुएं अभी भी निवेश के लिए एक सुरक्षित विकल्प बनी हुई हैं, विशेष रूप से विभिन्न आर्थिक और भू-राजनीतिक परिदृश्यों को देखते हुए।