चेन्नई / खुशखबरः IIT छात्रों ने बनाई दुनिया की पहली ऑयरन-ऑयन बैटरी, लिथियम से सस्ती और सुरक्षित

AMAR UJALA : Aug 28, 2019, 01:05 PM
इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली लिथियम-आयन बैटरी पर चीन का एकाधिकार खत्म करने की दिशा में भारत के एक संस्थान ने बड़ी पहल की है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मद्रास यानी आईआईटी मद्रास के छात्रों ने दुनिया की पहली ऑयरन-ऑयन बैटरी बनाई है।
 
कार्बन स्टील से बने एनोड का इस्तेमाल

आईआईटी मद्रास की रिसर्च टीम ने आधिकारिक तौर पर ऑयरन-ऑयन बैटरी बनाई है, जो परंपरागत लिथियम-आयन बैटरी से न केवल सस्ती होगी, बल्कि मैंटिनेंस भी कम होगा। ऑयरन-ऑयन बैटरी में शुद्ध आयरन धातु की जगह लो कार्बन स्टील से बने एनोड का इस्तेमाल किया गया है, वहीं कैथोड वैनेडियम पैंटोक्साइड से बनाया गया है, जो आयरन आयन की गति को आसान बनाता है।
 
लिथियम आयन बैटरियों में आग का खतरा

ऑयरन-ऑयन बैटरी में इलेक्ट्रोलाइट आयरन क्लोरेट से बने हुए हैं। आईआईटी मद्रास की रिसर्ट टीम की तरफ से बनाई गई यह बैटरी न केवल बेहद सस्ती है, बल्कि लिथियम आयन बैटरियों  मुकाबले उनमें स्टोरेज क्षमता भी ज्यादा है और स्थिर भी हैं। टीम के मुताबिक मौजूदा वक्त में इस्तेमाल हो रही बैटरियों के मुकाबले सुरक्षित भी हैं, क्योंकि लिथियम आयन बैटरियों में चार्जिंग के दौरान आग लगने का खतरा होता है। वहीं आयरन आयन बैटरियों में लोहा होता है, जो चार्जिंग के दौरान डेंड्राइट नहीं बनाता, जिससे बैटरी में शॉर्ट-सर्किट होने संभावना कम होती है।
 
लोहे दो अनुकूल गुणों की अनदेखी

वहीं आयरन-आयन बैटरियों दूसरी सबसे बड़ी खासियत इसके अनुकूल भौतिक और रासायनिक गुण हैं। टीम का दावा है कि आयरन आयन की रेडॉक्स क्षमता लिथियम-आयन से ज्यादा होती है, और Fe2 + आयन का रेडियस लिथियम-आयन के बराबर होता है। टीम का कहना है कि लोहे के इन दो अनुकूल गुणों की इतने सालों से अनदेखी की जा रही है और यही वजह है कि अभी तक आयरन आयन बैटरियां रिचार्जेबल नहीं बनी हैं।
बनी रहती है क्षमता

वहीं मेड इन इंडिया बैटरियों की बड़ी खासियत यह है कि कई बार चार्जिंग के बाद भी इनकी क्षमका कम नहीं होती है। रिसर्च टीम के मुताबिक आयरन आयन बैटरियां शोध दल के निष्कर्षों से पता चला है कि आयरन-आयन बैटरी को केवल 150 बार ही चार्ज किया जा सकता है और ये समय पर निर्वहन करने में सक्षम हैं। वहीं वर्तमान में, बैटरी का ऊर्जा घनत्व भी केवल 220Wh/kilo तक पहुंचने में सक्षम है, जबकि लिथियम आयन बैटरी का उर्जा घनत्व 350 Wh/kilo है जो लगभग 55-60 फीसदी ही है।

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