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- 29-Sep-2025 08:40 PM IST
Indian Economy: अमेरिका की प्रमुख रेटिंग एजेंसी मूडीज ने हाल ही में भारत की लॉन्ग-टर्म लोकल और फॉरेन करेंसी इश्यूअर रेटिंग को Baa3 पर स्थिर रखा है, साथ ही इसका आउटलुक भी ‘स्थिर’ बरकरार रखा है। इसके अलावा, सीनियर अनसिक्योर्ड रेटिंग भी Baa3 पर ही रही है। आसान शब्दों में, ये रेटिंग्स इस बात का संकेत देती हैं कि भारत अपनी मुद्रा (रुपये) और विदेशी मुद्रा (जैसे डॉलर) में लिए गए कर्ज को चुकाने की कितनी क्षमता रखता है। सीनियर अनसिक्योर्ड रेटिंग का मतलब है कि बिना किसी गारंटी के लिए गए कर्ज को चुकाने की भारत की ताकत मजबूत बनी हुई है।
मूडीज की स्थिर रेटिंग और भारत की आर्थिक मजबूती
मूडीज ने भारत की शॉर्ट-टर्म लोकल करेंसी रेटिंग को भी P-3 पर बरकरार रखा है। अपने बयान में मूडीज ने कहा कि ये रेटिंग्स और स्थिर आउटलुक भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, मजबूत बाहरी आर्थिक स्थिति (एक्सटर्नल पोजीशन), और ठोस घरेलू फाइनेंसिंग बेस को दर्शाते हैं। ये कारक भारत के मौजूदा राजकोषीय घाटे (फिस्कल डेफिसिट) को संभालने में मदद करते हैं।
मूडीज की रिपोर्ट में भारत की कुछ प्रमुख ताकतों पर भी जोर दिया गया है:
- तेज आर्थिक विकास: भारत की अर्थव्यवस्था लगातार तेजी से बढ़ रही है, जो इसे वैश्विक मंच पर मजबूत बनाती है।
- मजबूत बाहरी स्थिति: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार और निर्यात-आयात संतुलन इसे वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव से निपटने में सक्षम बनाता है।
- घरेलू फाइनेंसिंग का मजबूत आधार: भारत का घरेलू वित्तीय ढांचा इतना मजबूत है कि यह सरकारी खर्चों और कर्ज को संभालने में सहायता करता है।
वैश्विक चुनौतियों से निपटने की क्षमता
मूडीज ने यह भी बताया कि भारत की ये ताकतें इसे वैश्विक चुनौतियों, जैसे कि अमेरिका के हाई टैरिफ या अन्य वैश्विक नीतियों के प्रभाव से बचाने में मदद करती हैं। ये नीतियां भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, भारत की मजबूत आर्थिक नींव और लगातार बढ़ती जीडीपी ग्रोथ इसे इन जोखिमों से निपटने में सक्षम बनाती है।
लेकिन, मूडीज ने यह भी चेतावनी दी कि भारत का हाई डेट बर्डन (उच्च कर्ज का बोझ) अभी भी एक चुनौती है। भले ही भारत की जीडीपी ग्रोथ मजबूत हो और राजकोषीय स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही हो, कर्ज का स्तर कम होने में समय लगेगा। हाल के कुछ सरकारी कदम, जैसे कि निजी खपत को बढ़ावा देने की योजनाएं, ने सरकार के राजस्व आधार को कुछ हद तक कमजोर किया है।
बॉन्ड सीलिंग और अन्य रेटिंग्स
मूडीज ने भारत की लॉन्ग-टर्म लोकल करेंसी (LC) बॉन्ड सीलिंग को A2 और फॉरेन करेंसी (FC) बॉन्ड सीलिंग को A3 पर बरकरार रखा है। इससे पहले, 14 अगस्त को S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को ‘BBB-’ से बढ़ाकर ‘BBB’ किया था, जो भारत की बढ़ती आर्थिक विश्वसनीयता को दर्शाता है।
EY की ‘इकोनॉमी वॉच’ रिपोर्ट: भारत की ग्रोथ में भरोसा
EY ने अपनी हालिया ‘इकोनॉमी वॉच’ रिपोर्ट में भारत के लिए वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के रियल GDP ग्रोथ अनुमान को 6.5% से बढ़ाकर 6.7% कर दिया है। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण जून तिमाही में 7.8% की मजबूत GDP ग्रोथ और GST सुधारों के कारण डिमांड में सुधार है।
हालांकि, EY ने यह भी चेताया कि वैश्विक चुनौतियां, जैसे कि सामान और सेवाओं के निर्यात में रुकावटें, भारत की ग्रोथ को प्रभावित कर सकती हैं। फिर भी, EY को भरोसा है कि भारत FY26 में 6.7% की रियल GDP ग्रोथ हासिल करेगा।
भारत के लिए क्या मायने रखता है?
मूडीज और EY की ये रिपोर्ट्स भारत की आर्थिक ताकत और संभावनाओं को रेखांकित करती हैं। एक तरफ, भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और मजबूत वित्तीय ढांचा इसे वैश्विक मंच पर एक भरोसेमंद खिलाड़ी बनाता है। दूसरी तरफ, उच्च कर्ज और कुछ राजकोषीय कमजोरियां अभी भी चुनौतियां बनी हुई हैं। सरकार को इन कमजोरियों को दूर करने के लिए दीर्घकालिक नीतियों पर ध्यान देना होगा, ताकि भारत का आर्थिक विकास और स्थिरता बरकरार रहे।
