बड़ी खबर / लॉकडाउन के बीच सरकार जल्द दे सकती है आम आदमी को इस टैक्स से बड़ी राहत

News18 : May 30, 2020, 05:06 PM
नई दिल्ली। कोरोना के इस संकट (Coronavirus Covid19) में निवेशकों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार बड़ा ऐलान कर सकती है। CNBC-आवाज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister of India) के साथ फाइनेंशियल सेक्टर के रेगुलेटर के साथ बैठक में शेयर बाजार के घरेलू निवेशकों को मदद देने पर चर्चा हुई है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक घरेलू निवेशकों को मदद पहुंचाने के अलग-अलग विकल्पों पर SEBI ने प्रस्ताव रखा है।

बैठक में हुई इन पर चर्चा- वित्त मंत्री की अगुवाई में FSDC यानी Financial Stability and Development Council की बैठक में  इन मुद्दों पर चर्चा हुई। आपको बता दें कि काफी समय से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स, STT में रियायत की मांग की जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक कल के FSDC बैठक में शेयर बाजार से जुड़े तीन मुद्दे उठे। इस में बाजार में उतार-चढ़ाव, घरेलू निवेश को बढ़ाना शामिल है। हालांकि इस बैठक में बैड बैंक के प्रस्तावपर चार्च नहीं हुई। सूत्रों के मुताबिक बैठक में ये आम राय थी बाजार में गिरावट का दौर खत्म हुआ अभी ये कहना मुश्किल है।

वित्त मंत्रालय का अनुमान है कि देश में 20-25 फीसदी मैन्यूफैक्चरिंग एक्टिविटी शुरू हो गई है। सूत्रों के मताबिक फिस्कल डेफिसिट मोनेटाइजेशन पर अभी फैसला नहीं हुआ है। वहीं, बेरोजगारी के मुद्दे पर श्रम मंत्रालय आंकड़े जुटा रहा है, जल्द ही इस पर प्रस्ताव तैयार होगा।

आम आदमी को मिलेगी राहत- मौजूदा समय में प्रॉपर्टी की बिक्री से मिली रकम को 3 साल में फिर से प्रॉपर्टी में ही निवेश नहीं किया तो मुनाफे पर 30% कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होता है। दूसरी ओर कोई 24 महीने में ही प्रॉपर्टी को बेच देता है तो उसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना पड़ता है। 24 महीने बाद 20% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है।

घर की बिक्री से हुए कैपिटल गेन से अधिकतम दो घर खरीद सकते हैं। लेकिन, टैक्स में छूट का दावा करने के लिए कैपिटल गेन 2 करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए। यह छूट जीवन में सिर्फ एक बार ली जा सकती है।

शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स-घरेलू निवेशक एक साल तक शेयर रखने के बाद बेचते हैं तो उन्हें 20% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना पड़ता है। एनआरआई के लिए इस टैक्स की दर 10% है।

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