देश / केंद्र सरकार ने किया एक नए मंत्रालय का गठन; कहा- यह एक 'ऐतिहासिक कदम

Zoom News : Jul 07, 2021, 06:38 AM
नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कैबिनेट विस्तार से पहले एक नए मंत्रालय के गठन का फैसला किया है. 'सहकार से समृद्धि' के नज़रिए के साथ सरकार ने अलग से सहकारिता मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ को-ऑपरेशन) बनाया है. ये मंत्रालय देश में सहकारिता से जुड़े कार्यों के लिए प्रशासनिक, कानूनी और पॉलिसी फ्रेमवर्क को मज़बूत करने का काम करेगा. 

सरकार के फैसले के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि यह निर्णय सहकारिता सेक्टर और उससे जुड़े लोगों को सशक्त करेगा. भारत के सहकारिता सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा. उन्होंने कहा, ''मोदी सरकार पिछले 7 वर्षों से देश के गांव, गरीब व किसानों के कल्याण और उनसे संबंधित व्यवसायों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर सेवारत है.''

आपको बता दें कि केंद्र सरकार का कहना है कि ये मंत्रालय सहकारी समीतियों के लिए 'ईज़ ऑफ डुइंग बिज़नेस' की प्रक्रियाओं को आसान बनाएगा और बहु राज्य सहकारी समितियों के विकास को शुरू करने का काम करेगा. सरकारी सूत्रों का कहना है कि अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन वित्त मंत्री के ज़रिए किए गए बजट एलान को पूरा करता है.

कल शाम 6 बजे कैबिनेट विस्तार

प्रधानमंत्री के रूप में मई 2019 में 57 मंत्रियों के साथ अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पहली बार केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल व विस्तार कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, बुधवार शाम छह बजे राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शपथ ग्रहण समारोह होगा. सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिपरिषद में विस्तार व फेरबदल से पहले बुधवार सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल की बैठक करेंगे.

30 नए चेहरे हो सकते हैं शामिल- सूत्र

सूत्रों का कहना है कि इस बार विस्तार में नए चेहरों की संख्या 30 के पार भी जा सकती है, जबकि कई चेहरों को अलग अलग वजहों से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. इससे पहले खबरें थीं कि 17 से 22 मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. 

इस बार मंत्रिमंडल विस्तार के ज़रिए महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जा सकता है. प्रोफेशनल, मेनेजमेंट, MBA, पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं को शामिल किया जा रहा है. बड़े राज्य को ज़्यादा हिस्सेदारी दिए जाने की उम्मीद जताई जा रही है. बुंदेलखंड, पूर्वांचल, मराठवाड़ा, कोंकण जैसे इलाक़ों को भी हिस्सेदारी दी जा रही है.

मंत्रिमंडल में छोटे से छोटे समुदायों को भी प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है. इस बार यादव, कुर्मी, जाट, क़हार, पासी, कोरी, लोधी आदि समाज का प्रतिनिधित्व दिखेगा. दो दर्जन ओबीसी या पिछड़ा वर्ग के मंत्री इस विस्तार के बाद मंत्रिमंडल में हो जाएंगे.

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