PM Modi In Manipur / भारी बारिश ने रोकी उड़ान तो कार से सफर कर चूड़ाचांदपुर में हिंसा पीड़ितों से मिलने पहुंचे PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर दौरे पर भारी बारिश के कारण हेलीकॉप्टर की बजाय सड़क मार्ग से चूड़ाचांदपुर पहुंचे। इंफाल से करीब डेढ़ घंटे का सफर तय कर उन्होंने हिंसा प्रभावितों से मुलाकात की और जनसभा को संबोधित किया। पीएम ने कहा कि मणिपुर में शांति और विकास का नया सवेरा उग रहा है।

PM Modi In Manipur: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मणिपुर की अपनी पहली यात्रा के दौरान भारी बारिश के बावजूद सड़क मार्ग से कुकी बहुल चूड़ाचांदपुर जिले का दौरा किया। मई 2023 में जातीय हिंसा भड़कने के बाद यह उनका पहला मणिपुर दौरा था। इंफाल पहुंचने पर भारी बारिश के कारण हेलीकॉप्टर से सफर संभव नहीं था, जिसके चलते उन्होंने सड़क मार्ग से डेढ़ घंटे का सफर तय कर रैली स्थल तक पहुंचने का फैसला किया। इस यात्रा को पीएम मोदी ने "बेहद यादगार" बताया और मणिपुर के लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

भारी बारिश में सड़क मार्ग से चूड़ाचांदपुर का सफर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर इंफाल पहुंचे, जहां भारी बारिश हो रही थी। अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया कि मौसम के कारण हेलीकॉप्टर से चूड़ाचांदपुर जाना सुरक्षित नहीं है। रैली स्थल इंफाल से लगभग 60 किलोमीटर दूर था, और सड़क मार्ग से पहुंचने में करीब डेढ़ घंटे का समय लगना था। पीएम मोदी ने बिना देरी किए सड़क मार्ग से यात्रा करने का निर्णय लिया। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा कि चाहे कितना भी समय लगे, वे चूड़ाचांदपुर पहुंचकर लोगों से मिलेंगे और हिंसा पीड़ितों से बातचीत करेंगे।

इस सफर के दौरान सड़कों पर लोगों ने तिरंगे झंडे के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। चूड़ाचांदपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा,

"भारी बारिश के कारण मेरा हेलीकॉप्टर नहीं उड़ सका, लेकिन सड़क मार्ग से आने का फैसला सही था। रास्ते में आपने जो प्यार और स्नेह दिया, उसे मैं जीवनभर नहीं भूल सकता। मैं मणिपुर के लोगों के जज्बे को सलाम करता हूं।"

मणिपुर में शांति और विकास का संदेश

चूड़ाचांदपुर में आयोजित जनसभा में पीएम मोदी ने मणिपुर को "आशा और आकांक्षा की धरती" करार दिया। उन्होंने कहा कि मई 2023 में भड़की जातीय हिंसा ने इस खूबसूरत क्षेत्र पर अपनी छाया डाल दी थी, लेकिन अब स्थिति बदल रही है। उन्होंने हाल ही में राहत शिविरों में विस्थापित लोगों से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा,

"मैंने प्रभावित लोगों से बात की, और अब मैं कह सकता हूं कि मणिपुर में आशा और विश्वास का एक नया सवेरा उग रहा है।"

पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सरकार मणिपुर को शांति और समृद्धि का प्रतीक बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा,

"शांति के बिना विकास संभव नहीं है। पिछले 11 वर्षों में पूर्वोत्तर में कई संघर्षों का समाधान हुआ है। मैं सभी समूहों और संगठनों से शांति का रास्ता चुनने की अपील करता हूं।"

7,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत

चूड़ाचांदपुर में पीएम मोदी ने 7,300 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं का उद्देश्य मणिपुर, विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि अब मणिपुर देश के अन्य हिस्सों के साथ प्रगति कर रहा है।

"पहले दिल्ली के फैसले मणिपुर तक पहुंचने में दशकों लग जाते थे, लेकिन अब स्थिति बदल रही है। चूड़ाचांदपुर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना इसका उदाहरण है।"

हिंसा पीड़ितों से मुलाकात और उनकी समस्याओं को सुना

इंफाल में पीएम मोदी ने जातीय हिंसा के कारण विस्थापित लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। इसके बाद वे सड़क मार्ग से चूड़ाचांदपुर पहुंचे, जहां उन्होंने हिंसा पीड़ितों से भी बातचीत की। मणिपुर में मई 2023 में मैतेई समुदाय और कुकी जनजातियों के बीच हुए जातीय संघर्ष में 250 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, और लगभग 60,000 लोग विस्थापित हुए थे, जो अभी भी अस्थायी राहत शिविरों में रह रहे हैं।

मणिपुर के लोगों की तारीफ

चूड़ाचांदपुर में हजारों लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा,

"इतनी भारी बारिश में भी आप इतनी बड़ी संख्या में यहां आए। आपके इस प्यार और स्नेह के लिए मैं आभारी हूं। सड़क मार्ग से यात्रा करते समय जो दृश्य मैंने देखे, वे मेरे दिल को छू गए। मैं मणिपुर के लोगों को नमन करता हूं।"

मणिपुर में एक नया सवेरा

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में मणिपुर के लोगों में नई आशा और विश्वास की बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और मणिपुर अब प्रगति के पथ पर अग्रसर है। इस दौरे ने न केवल हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में शांति की उम्मीद को बल दिया, बल्कि यह भी दर्शाया कि सरकार मणिपुर के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।