दिल्ली / दिल्ली दंगों के दौरान पुलिस पर पिस्तौल तानने वाले शाहरुख पठान की ज़मानत याचिका खारिज

Zoom News : Apr 16, 2021, 12:53 PM
नई दिल्ली: दिल्ली दंगे के एक मामले में उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आरोपी शाहरुख पठान को जमानत देने से इनकार कर दिया है। पठान पर हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने और गोली चलाने का आरोप है। न्यायालय ने पठान की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि घटना को लेकर वायरल हुई वीडियो क्लिप ने कोर्ट की अंतरात्मा को हिला दिया है कि वह कैसे कानून और व्यवस्था को अपने हाथों में ले सकता है।

जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने फैसले में कहा है कि आरोपी शाहरुख पठान का शिकायतकर्ता पुलिस अधिकारी या वहां मौजूद लोगों में से किसी व्यक्ति को हवा में लहराती हुई पिस्तौल से गोली से मारने का इरादा था या नहीं, लेकिन इस बात पर भरोसा करना काफी मुश्किल है कि उसे इस बात का ज्ञान नहीं था कि वह जो कर रहा है कि उससे किसी की जान को नुकसान हो सकता है। न्यायालय ने कहा है कि मामला यह नहीं है कि आरोपी पठान घटना में शामिल नहीं था। न्यायालय ने कहा है कि सभी परिस्थितियों पर विचार करने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि निचली अदालत ने सही कहा है कि वह हिंसा में शामिल होने का आरोपी है और इस बारे में घटना को लेकर पेश तस्वीर चीख-चीखकर गवाही दे रही है। उच्च न्यायालय ने सभी पक्षों और अपराध की गंभीरता को देखते हुए कहा कि आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही न्यायालय ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद पठान की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

पुलिस ने जमानत का विरोध किया

इससे पहले आरोपी पठान की ओर से अधिवक्ता ने कहा था कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है और सुनवाई (ट्रायल) में काफी वक्त लगेगा। अधिवक्ता ने यह भी कहा था कि ऐसे में उनके मुवक्किल को जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि पठान पर संगीन आरोप है। पुलिस ने कहा कि आरोपी न सिर्फ हिंसा में शामिल रहा है बल्कि कानून व्यवस्था संभालने में लगे पुलिसकर्मी पर गोली चलाकर उसकी हत्या करने की कोशिश भी किया है। पुलिस ने यह भी कहा था कि आरोपी पठान की हिंसा भड़काने में अहम भूमिका रही है। यह दलील देते हुए दिल्ली पुलिस ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज करने की मांग की।

निचली अदालत ने जमानत नहीं दी थी

निचली अदालत ने आरोपों की प्रकृति को गंभीर बताते हुए कहा था कि आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा था कि आरोपी ने पुलिसकर्मी पर खुलेआम पिस्तौल तान रखी है और उसके इस कृत्य का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। बता दें सीएए के विरोध को लेकर पिछले साल फरवरी में उत्तरी पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई, जबकि 200 से अधिक घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने पठान को तीन मार्च 2020 को यूपी के शामली से गिरफ्तार किया था।

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