राजस्थान / धोखाधड़ी केस से CM के बेटे वैभव का नाम हटाया

Zoom News : Mar 24, 2022, 11:21 AM
राजस्थान में ई टॉयलेट के ठेके से जुड़े कथित धोखाधड़ी मामले से सीएम अशोक गहलोत के बेटे का नाम हटा दिया गया है। करीब 6.8 करोड़ रुपए के इस धोखाधड़ी केस में हुए एफआईआर में कुल 15 लोग नामजद कराए गए थे, लेकिन शिकायतकर्ता सुशील पाटिल ने अब महाराष्ट्र पुलिस में अपना सप्लीमेंटरी बयान दर्ज कराया है और उन्होंने इस मामले में वैभव गहलोत का किसी भी तरह के कनेक्शन से इनकार किया है। इसीलिए अब जांच में वैभव गहलोत से किसी तरह की पूछताछ नहीं की जाएगी।


उधर, पुलिस कमिश्नर के आदेश के बाद अब इस पूरे मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा(EOW) को दे दी गई है। नासिक पुलिस आयुक्त दीपक पांडेय ने बताया कि कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं, इनके समाधान के बाद जांच ईओडब्ल्यू को ट्रांसफर कर दी जाएगी।


केस से जुड़े पुलिस अधिकारी संजय सदाशिव ने बताया कि आम तौर पर दो करोड़ रुपए से ऊपर की ठगी के मामलों की जांच हम ईओडब्ल्यू को सौंप देते हैं। तकनीकी वजहों से सोमवार को ऑर्डर जारी नहीं किया जा सका। इस मामले के तार कई राज्यों से जुड़े हैं इस लिए यह इस केस को ईओडब्ल्यू के पास दिया जायेगा। उन्हें ही इस तरह के केस की जांच करने का अनुभव है।

यह था पूरा मामला

दरअसल नासिक के सुशील पाटिल नाम के कारोबारी की शिकायत पर गुजरात कांग्रेस के नेता सचिन वालेरा और वैभव सहित 15 लोगों के खिलाफ गंगापुर थाने में कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई थी। बाकी आरोपी अहमदाबाद और जोधपुर निवासी हैं। पाटिल का दावा है कि मोटे मुनाफे के झांसे में उनके साथ धोखाधड़ी की गई। उन्होंने 13 बैंक खातों में 3.93 करोड़ रुपए जमा कराए, मामला राजस्थान में ई-टॉयलेट (शौचालय) के ठेके से जुड़ा है। वालेरा की कंपनी को ठेका मिलना था। पाटिल ने वालेरा की कंपनी में निवेश किया था। 6.8 करोड़ के निवेश के बदले पाटिल को 19 करोड़ रुपए रिटर्न मिलने का भरोसा दिया गया था। लेकिन, पाटिल को सिर्फ 40 लाख रुपए मिले।

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