Coronavirus Vaccine / कितनी असरदार है रूस की वैक्सीन, भारत को दिए गए डेटा, यहां हो सकता है तीसरे फेज का ट्रायल

News18 : Sep 07, 2020, 08:26 AM
नई दिल्ली। रूस में तैयार की जा रही कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine) के तीसरे फेज का ह्यूमन ट्रायल भारत में भी हो सकता है। इसको लेकर रूस ने पहले और दूसरे फेज के नतीजों से जुड़े डेटा भारत को दिए हैं। कहा जा रहा है कि (Sputnik v) नाम के इस वैक्सीन के अब तक अच्छे नतीजे आए हैं। पिछले हफ्ते फेज 2 और 3 ट्रायल के नतीजे लैंसेट जर्नल (Lancet) में छपे हैं। बता दें कि रूस के इस वैक्सीन को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि रूस इसे जल्दबाजी में लॉन्च कर रहा है।


भारत में ट्रायल की तैयारी

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि भारत ने मॉस्को स्थित गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी से डेटा मांगे हैं। अखबार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि वैक्सीन को लेकर भारत की रूस से लगातार बातचीत हो रही है। इस सिलसिले में जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप और रूस में भारतीय राजदूत डी बी वेंकटेश वर्मा लगातार संपर्क में हैं। कहा जा रहा है कि फिलहाल इसके डेटा को देखा जा रहा है। ऐसे में अप्रूवल मिलने के बाद तीसरे फेज का ट्रायल शुरू हो सकता है।


फेज 2 और 3 की नतीजे

लैंसेट जर्नल के मुताबिक पहले और दूसरे फेज में 76 लोगों पर क्लीनिकल ट्रायल किए गए। इस ट्रायल में भाग लेने वालों पर 42 दिनों तक नजर रखी गई। दावा किया जा रहा है कि सभी लोगों में मजबूत प्रतिरोधी क्षमता दिखी। रूस ने सऊदी अरब, यूएई, ब्राजील और फिलीपींस सहित कई देशों में तीसरे फेज के ट्रायल को लेकर योजना बनाई है। इस वैक्सीन का प्रोडक्शन इसी महीने शुरू होने वाला है।बता दें कि रूस दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसने कोरोना वैक्सीन को रजिस्टर करवाया गया है।


युद्ध स्तर पर तैयारी

मॉस्‍को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने एडेनोवायरस को बेस बनाकर यह वैक्‍सीन तैयार की है। रिसर्चर्स का दावा है कि वैक्‍सीन में जो पार्टिकल्‍स यूज हुए हैं, वे खुद को रेप्लिकेट (कॉपी) नहीं कर सकते। मिली जानकारी के मुताबिक रिसर्च और मैनुफैक्‍चरिंग में शामिल कई लोगों ने खुद को इस वैक्‍सीन की डोज दी है। रूस ने प्‍लान किया है कि ये वैक्‍सीन सबसे पहले हेल्‍थ वर्कर्स को दी जाएगी, उसके बाद बुजुर्गों को। मॉस्‍को ने कई देशों को भी वैक्‍सीन सप्‍लाई करने की बात कही है।

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