टीकाकरण / जम्मू-कश्मीर व केरल यह कैसे कर पा रहे हैं?: डोर-टू-डोर टीकाकरण पर केंद्र से हाईकोर्ट

Zoom News : Jun 13, 2021, 07:11 AM
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को घर-घर टीकाकरण अभियान चलाने पर गौर करने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा, केरल और जम्मू कश्मीर की तर्ज पर देश में घर-घर टीकाकरण अभियान चलाया जा सकता है। ऐसे में इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। हालांकि, केंद्र की मौजूदा नीति में कहा गया है कि घर-घर जाकर टीका लगाना संभव नहीं है।

बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा, यह समझ में नहीं आ रहा है कि घर-घर टीका लगाने में केंद्र सरकार को क्या दिक्कत है, जबकि केरल और जम्मू कश्मीर पहले से ही यह अभियान चला रहे हैं।

इससे पहले इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने सवाल उठाया था कि एक बरिष्ठ नेता को मुंबई में कैसे उनके घर जाकर टीका लगाया गया। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की ओर से पेश अधिवक्ता अनिल साखरे ने कहा कि बीएमसी की ओर से किसी नेता के घर जाकर टीका नहीं लगाया गया।

इस पर कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वकील गीता शास्त्री से पूछा कि नेता को किसने टीका लगाया। शास्त्री ने इस पर जवाब देने के लिए एक सप्ताह का वक्त मांगा।

इस पर अदालत ने कहा, इस सूचना के लिए एक हफ्ता मांगना चिंता की बात है। अदालत वकील ध़ृति कापड़िया और कुणाल तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें 75 साल से अधिक उम्र के नागरिकों और दिव्यांगों को उनके घर जाकर टीका लगाने का अनुरोध किया गया है।

बीएमसी घर जाकर टीका लगाने को तैयार, केंद्र से मांगा दिशा-निर्देश

बुजुर्ग नागरिकों व दिव्यांगों को घर पर जाकर टीका लगाने की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने महामारी के दौरान बीएमसी के अच्छे कार्यों पर खुशी जताते हुए पूछा कि उसे घर-घर जाकर टीका लगाने से क्यों संकोच हो रहा है।

इस पर वकील साखने ने बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि बीएमसी घर-घर टीकाकरण अभियान चलाना चाहती है। इसके लिए केंद्र सरकार से दिशा-निर्देश देने का आग्रह किया गया है। इस पर पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह से कहा कि वह इस पत्र पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव से निर्देश लें।

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