Rahul Gandhi News / राहुल का कितना सच है डेड इकोनॉमी का दावा? खुद 5 साल में कमाए 3 करोड़

राहुल गांधी के 'डेड इकोनॉमी' बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। शेयर बाजार में बीते 5 साल में 115% से ज्यादा रिटर्न मिला है और खुद राहुल ने 3 करोड़ से अधिक की कमाई की है। जीडीपी, महंगाई और GST कलेक्शन सभी मजबूत संकेत दे रहे हैं।

Rahul Gandhi News: राहुल गांधी का हालिया बयान, जिसमें उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को 'डेड इकोनॉमी' करार दिया, ने संसद से लेकर सोशल मीडिया तक हंगामा मचा दिया है। सत्ताधारी पक्ष और मंत्रियों ने इस बयान की कड़ी आलोचना की है। लेकिन सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी का यह दावा तथ्यों पर आधारित है? आइए, इसे विभिन्न आर्थिक संकेतकों और राहुल गांधी के निजी निवेश रिकॉर्ड के आधार पर परखते हैं।

राहुल गांधी की कमाई: शेयर बाजार से मुनाफा

राहुल गांधी ने अपने बयान में भले ही अर्थव्यवस्था को 'बर्बाद' बताया हो, लेकिन उनके खुद के वित्तीय रिकॉर्ड कुछ और कहानी बयां करते हैं। उनके चुनावी हलफनामों के अनुसार:

  • 2019 में: शेयर बाजार में उनका निवेश 5,19,44,682 रुपये था।

  • 2024 में: यह निवेश बढ़कर 8,32,05,831 रुपये हो गया।

  • कमाई: 5 साल में 3,12,61,149 रुपये का मुनाफा, यानी 60.18% रिटर्न

  • कुल नेटवर्थ: 2019 में 15,88,77,063 रुपये से बढ़कर 2024 में 20,39,61,862 रुपये, यानी 4,50,84,799 रुपये का इजाफा।

यह आंकड़े दर्शाते हैं कि राहुल गांधी ने शेयर बाजार से अच्छा-खासा मुनाफा कमाया है, जो उनके 'डेड इकोनॉमी' दावे से विरोधाभास पैदा करता है।

शेयर बाजार का प्रदर्शन

शेयर बाजार किसी भी अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख संकेतक होता है। बीते 5 साल में भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है:

  • सेंसेक्स: 31 जुलाई 2020 को 37,606.89 अंक से बढ़कर 31 जुलाई 2025 को 81,185.58 अंक पर। यानी 43,578.69 अंकों की वृद्धि, जो 115.88% रिटर्न के बराबर है।

  • निफ्टी: 31 जुलाई 2020 को 11,073.45 अंक से बढ़कर 31 जुलाई 2025 को 24,768.35 अंक। यानी 13,694.90 अंकों की वृद्धि, जो 123.67% रिटर्न के बराबर है।

ये आंकड़े साफ तौर पर दिखाते हैं कि शेयर बाजार ने निवेशकों को डबल से ज्यादा रिटर्न दिया है, जो अर्थव्यवस्था की मजबूती का संकेत है।

अर्थव्यवस्था के अन्य प्रमुख संकेतक

राहुल गांधी के दावे को और गहराई से परखने के लिए कुछ अन्य आर्थिक संकेतकों पर नजर डालते हैं:

  1. जीडीपी ग्रोथ: आईएमएफ की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2025 में 6.7% रहने का अनुमान है, जो विश्व में सबसे ज्यादा है। यह दर्शाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है।

  2. महंगाई दर: जून 2025 में रिटेल महंगाई दर 2.10% के आसपास रही, जो 78 महीनों के निचले स्तर पर है। यह सरकार की महंगाई नियंत्रण नीतियों की सफलता को दर्शाता है।

  3. जीएसटी कलेक्शन: जून 2025 में जीएसटी संग्रह 1.85 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि अप्रैल और मई में यह क्रमशः 2.37 लाख करोड़ और 2.01 लाख करोड़ रुपये था। यह मजबूत कर संग्रह का संकेत है।

  4. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर: एसएंडपी ग्लोबल के अनुसार, जुलाई 2025 में एचएसबीसी फ्लैश इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 59.2 पर पहुंच गया, जो 17.5 वर्षों में उच्चतम स्तर है।

राहुल गांधी का बयान

राहुल गांधी ने लोकसभा में दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को छोड़कर सभी जानते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था 'बर्बाद' है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान का हवाला देते हुए कहा कि भारत और रूस अपनी अर्थव्यवस्थाओं को गर्त में ले जा रहे हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता ट्रंप की शर्तों पर होगा।