दिल्ली / मैं केवल अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित हूं: तिहाड़ जेल भेजे जाने के बाद चिदंबरम

ANI : Sep 05, 2019, 09:29 PM
नई दिल्ली: पी चिदंबरम (P Chidambaram) को सीबीआई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 19 सितंबर तक के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया. पी. चिदंबरम को जेल में अलग सेल, खाट और अलग बाथरूम की मांगें भी सीबीआई कोर्ट ने मंज़ूर कर ली. पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम तिहाड़ के जेल नंबर 7 में रहेंगे. तिहाड़ जेल के सूत्रों के मुताबिक पी चिदंबरम को एक सामान्य कैदी जैसे ही जेल में रखा जाएगा. उधर, जेल जाने फैसले के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि 'मैं केवल अर्थव्यवस्था के बारे में चिंतित हूं.' बता दें कि इससे पी चिदंबरम (P Chidambaram) को सीबीआई (CBI) ने राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) में पेश किया था. उनके वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने सरेंडर के लिए तैयार हैं, फिर जेल भेजे जाने की जरूरत क्यों है?

बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने इससे पहले भी सुनवाई के दौरान जीडीपी (GDP) में गिरावट के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Govt) पर निशाना साधा था. बता दें कि देश का सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी (GDP) वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में धीमी पड़कर 5 प्रतिशत रही. एक साल पहले इसी तिमाही में वृद्धि दर आठ प्रतिशत थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जीडीपी दर पहली तिमाही में 5.8 फीसदी से घटकर 5 फीसदी पर पहुंच गई. जो 6 साल में इसका सबसे निचला स्‍तर है.

कोर्ट रूम से पी चिदंबरम (P Chidambaram) के बाहर निकलने पर जब संवाददाताओं ने उनसे पूछा कि उन्हें अपनी सीबीआई हिरासत के बारे में क्या कहना है तो पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, 'पांच फीसदी. क्या आप जानते हैं पांच फीसदी क्या है?' उन्होंने पांचों अंगुलियां दिखाने के लिए अपना हाथ भी उठाया. तभी सीबीआई उन्हें हिरासत में ले लिया. कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से इसका वीडियो भी शेयर किया है.

बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम पर आरोप है कि वित्त मंत्री रहते विदेशी निवेश को मंज़ूरी दी गई. CBI ने इस मामले में उनके बेटे कार्ति को गिरफ़्तार किया था और फ़िलहाल ज़मानत पर हैं. कार्ति पर 2007 में आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने के लिए पैसे लेने का आरोप है. उस वक्त उनके पिता यूपीए सरकार में वित्तमंत्री थे. सीबीआई ने पिछले साल 15 मई को मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी. सीबीआई का आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया को मंजूरी दिलाने में अनियमितताएं बरती गईं और 305 करोड़ रुपये विदेशी निवेश हासिल किया गया. सीबीआई ने शुरू में आरोप लगाया था कि एफआईपीबी मंजूरी को सुविधाजनक बनाने के लिए कार्ति को रिश्वत के रूप में 10 लाख रुपये मिले थे. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय मामले की जांच कर रही है.

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