देश / मैंने भारत की कोविशील्ड ली है, यह वैक्सीन अधिकांश देशों को मिली है: यूएनजीए के अध्यक्ष

Zoom News : Oct 02, 2021, 02:41 PM
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) के 76वें सत्र के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद (Abdulla Shahid) ने बताया कि उन्हें भारतीय कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) की दो खुराकें मिली हैं. कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में किया गया है. शाहिद ने शुक्रवार को अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्हें नहीं पता है कि कितने देशों में कोविशील्ड स्वीकार्य है लेकिन इसका एक बड़ा हिस्सा कई देशों को मिला है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में अब्दुल्ला शाहिद ने कहा, ” मुझे भारत से कोविशील्ड मिली है, मुझे दो खुराक मिल गई हैं. मुझे नहीं पता कि कितने देशों को कोविशील्ड स्वीकार्य है या नहीं, लेकिन इसका एक बड़ा हिस्सा कई देशों को मिला है.” वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या किसी COVID वैक्सीन को मान्यता दी जानी चाहिए और उन पर विचार किया जाना चाहिए? या फिर उन्ही वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन या किसी अन्य समूह द्वारा मान्य किया गया है. इस सवाल का जवाब देते हुए अब्दुल्ला शाहिद ने कहा, “मुझे कोविशील्ड लगी थी और मैं बच गया. लेकिन किसी मेडिकल पर्सन को वह कॉल करने दो, मुझे नहीं.”

जनवरी में होगी संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक

भारत ने ग्रांट, कमर्शियल शिपमेंट और COVAX सुविधा के माध्यम से लगभग 100 देशों को 66 मिलियन से ज्यादा वैक्सीन खुराक का निर्यात किया है. मालदीव, भारत निर्मित टीके प्राप्त करने वाले पहले देशों में से एक था. जनवरी में कोविशील्ड की 100,000 खुराक माले को भेजी गई थी. तब से अब तक मालदीव मेड-इन-इंडिया कोविड टीकों की कुल 3.12 लाख खुराक मिली है.

अब्दुल्ला शाहिद वैश्विक टीकाकरण प्रयास और समानता का जायजा लेने के लिए जनवरी में संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाने की योजना बना रहे रहे हैं. इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “आम बहस में दुनियाभर के नेताओं को सुनने के दौरान उन्हें अब तक वैक्सीन के बारे में कई संदेश मिले हैं. उनमें अमेरिका,चीन और भारत के अलावा दुनिया के कई कोनों और खुद वैक्सीन उत्पादकों से सबसे सकारात्मक रिस्पांस रहा है.” अब्दुल्ला शाहिद ने कहा, ” मैं महासभा के अध्यक्ष की आयोजन शक्ति का उपयोग करते हुए जनवरी में उन सभी को एक साथ लाना चाहता हूं. मैं चाहता हूं कि हम सभी जनवरी की बैठक के बाद आशावादी सोच के साथ आगे बढ़ें , जब 2022 के अंत तक पूरी दुनिया को कोरोना का टीका लगाया जा सकेगा.”

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