अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के पूर्व मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाए हैं, जिससे क्रिकेट जगत में हलचल मच गई है. ब्रॉड ने एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया कि उन्हें अपने कार्यकाल में कई बार भारत की धीमी ओवर-रेट पर नरमी बरतने के लिए कहा गया था. उन्होंने इस दौरान पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली पर भी निशाना साधा, यह कहकर कि गांगुली ने उनकी बात सुनने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उन्हें विशेष निर्देश दिए गए थे और ये आरोप ऐसे समय में आए हैं जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज खेलने की तैयारी कर रही है, और इसने क्रिकेट प्रशासन में पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्रिस ब्रॉड ने द टेलीग्राफ को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि मैच रेफरी के रूप में उन्हें एक बार ऐसा फोन आया था, जिसमें उनसे कहा गया था, ‘ढील बरतो, थोड़ा समय निकालो क्योंकि ये भारत है. ’ ब्रॉड के अनुसार, भारत मैच के अंत में तीन या चार ओवर पीछे था, जिस पर नियमानुसार जुर्माना लगना चाहिए था। लेकिन उस फोन कॉल के बाद उन्हें ‘कुछ समय निकालना पड़ा’ और ओवर-रेट को निर्धारित सीमा से नीचे लाया गया, ताकि भारत पर जुर्माना न लगे। हालांकि, ब्रॉड ने यह नहीं बताया कि उन्हें फोन किसने किया था, और उन्हें यह भी याद नहीं कि वह कौन सा मैच था या भारत किस टीम के खिलाफ खेल रहा था। यह दावा क्रिकेट के शीर्ष स्तर पर दबाव और पक्षपात के सवाल उठाता है।
सौरव गांगुली पर निशाना
ब्रॉड ने आगे बताया कि यह घटना केवल एक बार की नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘अगले मैच में भी, बिल्कुल वैसा ही हुआ। ’ उस समय के भारतीय कप्तान सौरव गांगुली के बारे में ब्रॉड ने कहा कि उन्होंने उनकी बात नहीं सुनी। जब गांगुली ने नियमों का पालन नहीं किया, तो ब्रॉड ने फिर से फोन करके पूछा, ‘अब आप मुझसे क्या करवाना चाहते हैं? ’ और उन्हें कथित तौर पर कहा गया, ‘बस उनके साथ ही करो। ’ यह खुलासा भारतीय टीम के तत्कालीन कप्तान की भूमिका और मैच रेफरी के सामने आने वाली चुनौतियों पर गंभीर सवाल खड़े करता है और यह घटना दर्शाती है कि कैसे नियमों का पालन सुनिश्चित करना एक मैच रेफरी के लिए कितना मुश्किल हो सकता है, खासकर जब बड़ी टीमों से जुड़ा मामला हो।
ICC पर भारत का कथित नियंत्रण
क्रिस ब्रॉड ने अपने आरोपों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि विंस वैन डेर बिजल (ICC अंपायर मैनेजर) जब तक अपने पद पर थे, तब तक मैच रेफरी को उनका समर्थन मिला था, क्योंकि वे क्रिकेट की पृष्ठभूमि से थे। लेकिन उनके जाने के बाद, ब्रॉड के अनुसार, मैनेजमेंट काफी कमजोर हो गया। उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि ‘भारत को सारा पैसा मिल गया और अब उसने कई मायनों में ICC पर कब्जा कर लिया है। ’ ब्रॉड का यह बयान क्रिकेट की वैश्विक नियामक संस्था में भारत के बढ़ते प्रभाव और उसके संभावित दुरुपयोग की ओर इशारा करता है, जिससे खेल की निष्पक्षता पर चिंताएं बढ़ जाती हैं।
मैच रेफरी के रूप में करियर और सेवानिवृत्ति
क्रिस ब्रॉड ने फरवरी 2024 में मैच रेफरी के पद से सेवानिवृत्ति ले ली थी। अपने लंबे और शानदार करियर में उन्होंने 123 टेस्ट, 361 एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI) और 138 टी20 अंतर्राष्ट्रीय (T20I) मुकाबलों में मैच रेफरी की भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि वह अब इस पद पर नहीं हैं, क्योंकि यह ‘पहले से कहीं ज्यादा राजनीतिक पद है और ’ ब्रॉड का यह बयान उनके कार्यकाल के दौरान अनुभव किए गए दबाव और चुनौतियों को दर्शाता है, और यह भी बताता है कि उन्हें क्यों लगा कि यह पद समय के साथ अधिक राजनीतिक हो गया है। उनके आरोप निश्चित रूप से ICC और BCCI दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करेंगे।