PUBG BAN / पाकिस्तान में इमरान सरकार ने PUBG पर लगाया बैन, बताया इस्लाम विरोधी

Jansatta : Jul 16, 2020, 10:46 PM
PUBG BAN: पाकिस्तान इमरान खान की सरकार ने PUBG पर पाबंदी लगा दी है। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि ये इस्लाम विरोधी है। इस गेम को खेलने से इसकी लत लग जाती है। इतना ही नहीं ये समय की बर्बादी है। इस गेम को खेलने से युवाओं की सोच और शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

माना जा रहा है कि पीटीआई ने इस फैसले के बाद युवाओं के एक बड़े तबके को खुद से दूर कर लिया है। वहीं, इस खेल का समर्थन करने वाले सिंध और पंजाब सीमा पर धरना देने की धमकी दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि धार्मिक विचार, नौतिकता और समय की बर्बादी किसी खेल पर पाबंदी लगाने का पैमाना है तो सरकार को पूरा डिजिटल स्पेस ही बंद कर देना चाहिए।

मालूम हो कि पबजी के कारण पाकिस्तान में आत्महत्या के तीन मामले सामने आ चुके हैं। पाकिस्तान में इससे पहले साल 2013 में, युद्ध-थीम वाले गेम कॉल ऑफ ड्यूटी और मेडल ऑफ ऑनर को बंद किया जा चुका है। इसमें पाकिस्तान को आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित आश्रय के रूप में दिखाने के लिए स्टोर से हटा दिया गया था।

इस गेम बारे में कहा गया था कि इसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को अल-कायदा और अन्य जिहादी संगठनों का समर्थन करने के रूप में दिखाया है। जबकि वलकायरी ड्राइव: भिक्खुनी को 2017 में यौन सामग्री और समलैंगिक रोमांस के महिमामंडन के कारण प्रतिबंधित किया गया था।

इमरान खान पाकिस्तान में इन दिनों आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उनको उस वक्त भी आलोचना झेलनी पड़ी थी, जब उन्होंने अमेरिका में 9-11 हमले के मुख्य साजिशकर्ता ओसामा बिन लादेन को संसद में खड़ा होकर ‘शहीद’ करार दे दिया।

इस्लामाबाद स्थित खान के आवास पर बेरोकटोक आने जाने वालों में मौलवी, मौलाना तारिक जमील हैं जिन्होंने एक राष्ट्रीय टीवी चैनल पर कोरोना वायरस महामारी के लिये उन महिलाओं को जिम्मेदार बताया जो डांस करती हैं और छोटे कपड़े पहनती हैं ।

विश्लेषक एवं लेखक जाहिद हुसैन कहते हैं, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि इमरान खान और अधिक सहिष्णु पाकिस्तान चाहते हैं। वह अल्पसंख्यकों के लिए और अधिक व्यवस्था चाहते हैं, लेकिन समस्या यह है कि वह चरमपंथी तत्वों को सशक्त करते हैं जो इन सब को समाप्त कर देता है। चरमपंथी तत्व इतने सशक्त हो जाते हैं कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार पर हुक्म चला रहे हैं।’

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER