Pakistan / पाकिस्तान में तालिबान की पड़ गई नींव? इमरान खान के इस ऐलान से सवाल

Zoom News : Oct 11, 2021, 05:39 AM
Pakistan | अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से गदगद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी जिस तरह कट्टरवादी इस्लामिक समूह की शान में कसीदे गढ़ रहे हैं, उससे पहले ही संकेत मिल चुका था कि वह अपने मुल्क को भी उसी राह पर ले जाना चाहते हैं। अब उन्होंने इस दिशा में कदम आगे भी बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। रविवार को उन्होंने 'दुनिया में इस्लाम की सही तस्वीर' पेश करने का ठेका खुद को देते हुए रहमतुल लील आलमीन अथॉरिटी के गठन का ऐलान किया। बात यहां तक तो ठीक थी, लेकिन अगले ही पल उन्होंने इसका असली मकसद भी साफ कर दिया और कहा कि इस अथॉरिटी का काम पाकिस्तान की शिक्षा व्यवस्था को शरिया के मुताबिक बदलना है। माना जा रहा है कि इमरान खान ने एक तरह से देश में 'तालिबान की नींव' रख दी है।

बता दें कि बंदूक के दम पर हाल ही में अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने वाला कट्टरपंथी संगठन तालिबान की शुरुआत भी छात्र संगठन के रूप में हुई थी, जो खुद को इस्लाम का पैरोकार और शरिया का पालनकर्ता बताते हैं। शरिया के नाम पर क्रूरता करने वाले संगठन की इमरान जिस तरह तारीफ करते हैं, उससे यह आशंका लाजिमी है कि इमरान भी उसी राह पर चल सकते हैं।

इस्लामाबाद में आयोजित अशरा-ए-रहमतुल लील आलमीन (PBUH) को संबोधित करते हुए इमरान खान ने इसे देश के विकास से जोड़ते हुए कहा कि अपने नैतिक मूल्यों को कम करके कोई भी देश तरक्की नहीं कर सकता है। इमरान ने कहा, ''कई विद्वान इसका (अथॉरिटी) हिस्सा होंगे। इस अथॉरिटी का एक काम दुनिया को यह बताना होगा कि असल में इस्लाम क्या है। 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि मशहूर विद्वान इस अथॉरिटी का हिस्सा होंगे, जोकि स्कूलों के पाठ्यक्रम की निगरानी करेगा। तालिबान खान ने कहा, ''वे हमें बताएंगे कि क्या पाठ्यक्रम को बदलने की जरूरत है।'' देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में नाकाम रहे इमरान ने यह भी कहा कि दूसरे धर्मों की भी शिक्षा दी जाएगी। इमरान खान ने यह भी साफ किया कि मीडिया और सोशल मीडिया भी शरिया जानकारों के मुताबिक चलना होगा।  उन्होंने कहा कि एक विद्वान मीडिया और सोशल मीडिया से जुड़े मुद्दों को देखेगा। 

इमरान खान ने कहा कि अथॉरिटी को अपनी संस्कृति के मुताबिक कार्टून भी बनाने का काम दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ''कार्टून हमारे बच्चों को विदेशी संस्कृति दिखा रहे हैं। हम उन्हें रोक नहीं सकते हैं, लेकिन उन्हें विकल्प दे सकते हैं।  इमरान खान ने कहा कि अथॉरिटी पाकिस्तानी समाज पर पश्चिमी सभ्यता के फायदे नुकसान का भी आकलन करेगा। उन्होंने कहा, ''जब आप देश में पश्चिमी सभ्यता लाते हैं, इसका आकलन करने की भी जरूरत है कि इसका हमें क्या नुकसान हो रहा है।''

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