Imran Khan / इमरान खान पर PAK का कड़ा एक्शन: टीवी पर बैन, इंटरनेट से तस्वीरें गायब, परिवार चिंतित

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के परिवार ने उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है। डेढ़ साल से जेल में बंद इमरान का नाम और तस्वीर टीवी पर बैन कर दी गई है, और इंटरनेट से उनकी हालिया तस्वीरें हटा दी गई हैं। परिवार का कहना है कि उन्हें तीन हफ्तों से इमरान के जिंदा होने का कोई सबूत नहीं मिला है।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के परिवार ने उनकी सुरक्षा और ठिकाने को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। डेढ़ साल से अधिक समय से जेल में बंद खान के बारे में पिछले कुछ हफ्तों से छाई रहस्यमयी खामोशी ने उनके बेटों को यह कहने पर मजबूर कर दिया है कि उन्हें डर है कि कुछ बड़ा छुपाया जा रहा है। पाकिस्तान में टीवी चैनलों को इमरान खान का नाम और तस्वीर दिखाने से रोक दिया गया है, और इंटरनेट पर भी उनकी कोई हालिया झलक उपलब्ध नहीं है, जिससे यह आशंका और बढ़ गई है।

परिवार की बढ़ती चिंता और बेटों का बयान

इमरान खान के परिवार की बेचैनी तब और बढ़ गई जब उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री से मुलाकात की अनुमति नहीं मिली। उनके बेटों, विशेष रूप से लंदन में रहने वाले कासिम खान ने पहली बार सार्वजनिक रूप से अपनी आशंकाएं व्यक्त की हैं और कासिम खान ने रॉयटर्स से बात करते हुए कहा कि परिवार को पिछले तीन हफ्तों से कोई ऐसा सबूत नहीं मिला है जिससे यह यकीन हो सके कि उनके पिता जिंदा हैं। उन्होंने इसे एक तरह की मानसिक यातना बताया कि यह न जानना कि आपके पिता सुरक्षित हैं, घायल हैं या जीवित भी हैं या नहीं। कासिम ने आखिरी बार अपने पिता को नवंबर 2022 में देखा था, जब इमरान खान पर हमला हुआ था। यह स्थिति परिवार के लिए अत्यधिक तनावपूर्ण है, जो अब अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से मदद की गुहार लगा रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से अपील

इमरान खान के परिवार ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से हस्तक्षेप की मांग की है। उनकी मुख्य मांगों में अदालत के आदेश के अनुसार तुरंत मुलाकात बहाल करना, उनके निजी डॉक्टर को स्वास्थ्य। जांच की अनुमति देना और इमरान खान की वर्तमान स्थिति पर एक आधिकारिक अपडेट जारी करना शामिल है। परिवार का मानना है कि इन बुनियादी अधिकारों से वंचित करना मानवाधिकारों का उल्लंघन है और यह स्थिति इमरान खान के स्वास्थ्य और सुरक्षा के बारे में गंभीर सवाल खड़े करती है। जेल प्रशासन द्वारा लगातार मुलाकातों को टालने के कारण परिवार की चिंताएं और गहरी हो गई हैं।

इमरान खान की स्थिति पर अनिश्चितता

जेल प्रशासन ने दावा किया है कि इमरान खान ठीक हैं, लेकिन यह दावा केवल अनाम अधिकारियों के हवाले से आ रहा है। परिवार का कहना है कि इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई आधिकारिक या दृश्य प्रमाण उपलब्ध नहीं है। अदालत ने हफ्ते में एक बार मिलने का आदेश दिया था, लेकिन जेल प्रशासन लगातार इस आदेश की अवहेलना कर रहा है। इसके अतिरिक्त, उनकी निजी डॉक्टर को भी एक साल से अधिक समय से उनसे मिलने की इजाजत नहीं मिली है। यह पारदर्शिता की कमी और सूचना के अभाव ने परिवार को यह मानने पर मजबूर कर दिया है कि सरकार कुछ महत्वपूर्ण जानकारी छिपा रही है।

मीडिया पर प्रतिबंध और सार्वजनिक उपस्थिति का अभाव

इमरान खान को पूरी तरह से सार्वजनिक स्थान से गायब कर दिया गया है, जो परिवार की चिंता का एक प्रमुख कारण है। पाकिस्तान के कई टीवी चैनलों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए हैं कि वे इमरान खान का नाम न लें, उनकी तस्वीर या वीडियो न चलाएं, और उनके किसी भी बयान या प्रतिक्रिया को न दिखाएं और इस प्रतिबंध का परिणाम यह है कि खान की आखिरी कोई भी साफ तस्वीर एक पुरानी, धुंधली कोर्ट फोटो है, जो इंटरनेट पर घूम रही है। परिवार का आरोप है कि यह अलगाव जानबूझकर किया जा रहा है। उनका तर्क है कि इमरान खान लोगों के सबसे पसंदीदा नेता हैं, और सरकार जानती है कि उन्हें। लोकतांत्रिक तरीके से हराया नहीं जा सकता, इसलिए उन्हें सार्वजनिक स्मृति से मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।

जेल में बंद होने के कारण और राजनीतिक प्रतिशोध का दावा

इमरान खान अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं। उन्हें कई अलग-अलग मामलों में सजा सुनाई गई है। इनमें तोशाखाना केस, एक गुप्त केबल लीक करने का मामला जिसमें उन्हें 10 साल की सज़ा मिली है, और अल-कादिर ट्रस्ट केस जिसमें उन्हें 14 साल की सज़ा सुनाई गई है, शामिल हैं। इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) का लगातार यह कहना है कि ये सभी मामले राजनीतिक बदले की भावना से बनाए गए हैं। उनका आरोप है कि इन मुकदमों का एकमात्र उद्देश्य इमरान खान को राजनीति से दूर रखना और उन्हें आगामी चुनावों में भाग लेने से रोकना है और पीटीआई का दावा है कि ये कानूनी कार्रवाइयां लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने और एक लोकप्रिय नेता को चुप कराने का प्रयास हैं।