पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर गहरा सस्पेंस बना हुआ है। उनकी सेहत और जीवित होने को लेकर लगातार अफवाहों का बाजार गर्म है, जिसने पूरे देश में अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है। पिछले तीन हफ्तों से इमरान खान के परिवार और उनके करीबियों को उनसे मिलने या उनकी। खैरियत जानने की कोई खबर नहीं दी गई है, जिससे चिंताएं और भी बढ़ गई हैं। इस चुप्पी ने अटकलों को और हवा दी है, और अब स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि पाकिस्तान के सोशल मीडिया। प्लेटफॉर्म्स और यहां तक कि जापानी मीडिया में भी इमरान खान की जेल में मौत होने की खबरें तेजी से फैल रही हैं। इन अफवाहों ने पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
खैबरपख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री को रोका गया
इस गंभीर स्थिति के बीच, खैबरपख्तूनख्वा (KPK) राज्य के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी ने बृहस्पतिवार को अडियाला जेल में इमरान खान से मुलाकात करने का प्रयास किया और सोहेल अफरीदी, जो इमरान खान की पार्टी पीटीआई के एकमात्र मुख्यमंत्री हैं, को जेल अधिकारियों द्वारा इमरान खान से मिलने से स्पष्ट रूप से रोक दिया गया। यह घटनाक्रम पाकिस्तान की मौजूदा सरकार और न्यायपालिका पर गंभीर सवाल उठाता है, क्योंकि एक सेवारत मुख्यमंत्री को एक पूर्व प्रधानमंत्री से मिलने से रोकना असामान्य और चिंताजनक है और इस घटना ने इमरान खान के समर्थकों और राजनीतिक विश्लेषकों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है।
सीएम सोहेल अफरीदी का धरना
इमरान खान से मिलने की अनुमति न मिलने के बाद, मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी ने अडियाला जेल के बाहर ही धरने पर बैठने का फैसला किया और उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें इमरान खान से मिलने से मना कर दिया गया है, और जब तक उन्हें अनुमति नहीं मिलती, तब तक वह वहीं डटे रहेंगे। यह धरना प्रदर्शन पाकिस्तान के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि यह दर्शाता। है कि इमरान खान के समर्थक उनकी सुरक्षा और कल्याण को लेकर कितने चिंतित हैं। एक मुख्यमंत्री का इस तरह से विरोध प्रदर्शन करना सरकार पर दबाव बढ़ाने का एक स्पष्ट प्रयास है।
मौत की अफवाहों का बढ़ता बाजार
पिछले कई दिनों से इमरान खान की मौत होने की अफवाहें पाकिस्तान से लेकर विदेशी मीडिया तक में हाहाकार मचा रही हैं। इन अफवाहों ने जनता के बीच भय और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। सोशल मीडिया पर इन खबरों का तेजी से फैलना स्थिति को और भी जटिल बना रहा है, क्योंकि यह सरकार के लिए इन अफवाहों को नियंत्रित करना मुश्किल बना रहा है। जापानी मीडिया में भी इन खबरों का उल्लेख होना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे की गंभीरता को दर्शाता है। यह स्थिति पाकिस्तान की छवि और उसकी आंतरिक स्थिरता के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।
नेशनल असेंबली की आपातकालीन बैठक
इमरान खान से जुड़ी इन गंभीर अफवाहों और राजनीतिक तनाव के बीच, पाकिस्तान ने शाम साढ़े पांच बजे नेशनल असेंबली की आपातकालीन बैठक बुला ली है। इस बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ समेत अन्य बड़े नेता मौजूद होंगे। इस तरह की आपात बैठक का आह्वान आमतौर पर तब किया जाता है जब देश किसी बड़ी अनहोनी या राष्ट्रीय संकट का सामना कर रहा हो। इस बैठक से यह आशंका जन्म ले रही है कि पाकिस्तान में कोई बड़ा राजनीतिक या संवैधानिक संकट उत्पन्न हो सकता है, जिसमें आपातकाल की घोषणा भी शामिल हो सकती है और यह बैठक देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
इमरान खान का परिवार और उनकी पार्टी पीटीआई के कार्यकर्ता खुले तौर पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाक। आर्मी चीफ असीम मुनीर पर इमरान खान की जेल में ही हत्या करवाने का आरोप लगा रहे हैं। ये आरोप बेहद गंभीर हैं और इन्होंने देश में राजनीतिक ध्रुवीकरण को और बढ़ा दिया है। इन आरोपों ने जनता के बीच सरकार और सेना के प्रति अविश्वास पैदा किया है, जिससे स्थिति और भी विस्फोटक हो गई है और पीटीआई के कार्यकर्ता लगातार इन आरोपों को दोहरा रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।
देशव्यापी प्रदर्शनों का विस्तार
पिछले कई दिनों से हजारों की संख्या में इमरान समर्थक अडियाला जेल के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं और ये प्रदर्शनकारी इमरान खान की सुरक्षा और रिहाई की मांग कर रहे हैं। अब धीरे-धीरे यह प्रदर्शन केवल अडियाला जेल तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि अन्य शहरों में भी फैलता जा रहा है। यह दर्शाता है कि इमरान खान का समर्थन आधार अभी भी मजबूत है और उनके समर्थक किसी भी कीमत पर उनके लिए लड़ने को तैयार हैं और इन प्रदर्शनों का विस्तार सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है और यह देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
जनता सड़कों पर उतरेगी: सीएम सोहेल अफरीदी का ऐलान
अडियाला जेल में इमरान खान से मुलाकात नहीं कर पाने के बाद, खैबर पख्तूनख्वा के सीएम सोहेल अफरीदी ने एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि जनता इमरान के लिए सड़कों पर उतरेगी। यह बयान सरकार के लिए एक सीधी चुनौती है और यह देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों को जन्म दे सकता है। सीएम अफरीदी का यह आह्वान इमरान खान के समर्थकों को एकजुट करने और सरकार के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाने का प्रयास है। यह देखना होगा कि इस आह्वान का पाकिस्तान की जनता पर क्या असर होता है और क्या यह देश को एक बड़े राजनीतिक उथल-पुथल की ओर ले जाता है।