Israel-Palestine War / भारत ने बढ़ाया फिलिस्तीन की मदद के लिए हाथ, राहत सामग्री लेकर रवाना हुआ सबसे बड़ा विमान

Zoom News : Oct 22, 2023, 12:29 PM
Israel-Palestine War: भारत ने फिलिस्तीन को मानवीय सहायता भेजी है, जहां गाजा पट्टी में हजारों की संख्या में फिलिस्तीनी मारे गए हैं. इजराइली सेना ने हर तरफ तबाही मचाई हुई है. सीमाओं को बंद कर रखा है. खाना-पानी की दिक्कत हो रही है. भारतीय वायु सेना का C-17 विमान आज लगभग 6.5 टन मेडिकल और 32 टन डिजास्टर रिलीफ सामग्री लेकर मिस्र के एल-अरिश हवाई अड्डे के लिए रवाना हुई. सामग्री में दवाएं, सर्जिकल सामान, तंबू, स्लीपिंग बैग, तिरपाल, स्वच्छता सुविधाएं, जल शुद्धिकरण टैबलेट सहित अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं. मिस्र से सड़क मार्ग के जरिए इन राहत सामग्री को गाजा में भेजा जाएगा.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत ने इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर एक नरम रुख अपनाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराअल पर हमास के हमले से हैरानी जताई थी और इसे आतंकवादी हमला करार दिया था. हाल ही में गाजा पट्टी के एक अस्पताल पर हमले की प्रधानमंत्री ने आलोचना की थी, जहां इजराइल लगातार हमले से इनकार कर रहा है. प्रधानमंत्री ने अपने एक ट्वीट में इजराइल-फिलिस्तीन के मुद्दे पर भारत के पुराने रुख को भी दोहराया.

जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी सहित भारत के नेता यहूदी हितों के प्रति सहानुभूति रखते थे, लेकिन उन्होंने 1947 में फिलिस्तीन के लिए ब्रिटिश सरकार के विभाजन वाले आदेश का विरोध किया था. उन्होंने एक संघीय व्यवस्था की वकालत की, जो धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करती हो. भारत ने 1950 में इजराइल राज्य को मान्यता दी लेकिन 1992 तक पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित नहीं किए.

मोदी सरकार में इजराइल के साथ बढ़ा द्विपक्षीय सहयोग

मोदी सरकार ने इजराइल के प्रति भारत के रुख में बदलाव किया है. 2014 के बाद से, भारत और इजराइल के बीच राजनीतिक जुड़ाव और द्विपक्षीय सहयोग में बढ़ोतरी हुई है. पीएम मोदी 2017 में इजराइल का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने. इससे पहले प्रधानमंत्री फिलिस्तीन के दौरे पर भी गए थे, जहां 2017 में ही फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने उनकी मेजबानी की थी और फिलिस्तीन के सबसे बड़े सम्मान से पीएम को सम्मानित किया था.

इजराइल-फिलिस्तीन दोनों के साथ भारत के संबंध

इजराइल के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित करते हुए, भारत ने फिलिस्तीन के साथ राजनयिक संबंध भी बनाए रखा है, जो फिलिस्तीन के लिए अपने समर्थन को दर्शाता है. इजराइल भी भारत के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है. इजराइल फिलिस्तीन के बीच संघर्ष कूटनीतिक मोर्चे पर दो पक्षों का संघर्ष कहा जा सकता है, जहां एक पक्ष पश्चिम तो दूसरा पक्षा मध्य पूर्व है. भारत का पश्चिमी देशों के साथ भी अच्छा संबंध है और मिडिल ईस्ट में भी भारत की मौजूदगी लगातार बढ़ रही है. ऐसे में जरूरी है कि भारत फिलिस्तीन और इजराइल दोनों के साथ अपने संबंध को सामान्य करके चले.

इजराइल-फिलिस्तीन दोनों के समर्थन में भारत

भारत ने लगातार इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष के लिए दो-राज्य समाधान का समर्थन किया है, और इसमें शामिल पक्षों के बीच सीधी बातचीत की अपील की है. भारत इस मसले का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है, जिसमें इजराइल के साथ-साथ एक स्वतंत्र फिलिस्तीन बनाया जा सके. इजरायल-हमास संघर्ष के दौरान हाल ही में हुई हिंसा के जवाब में, मोदी ने इजरायल में आतंकवादी हमलों पर दुख व्यक्त किया और देश के साथ एकजुटता व्यक्त की. भारत ने आतंकवाद के सभी रूपों की स्पष्ट रूप से निंदा की है.

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