Indian Navy / भारत की रक्षा क्षेत्र में ऊंची उड़ान, पहली नेवल नौसेना एंटी-शिप मिसाइल का सफल परीक्षण

Zoom News : May 18, 2022, 01:53 PM
रक्षा मंत्रालय देश को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरा जोर लगा रहा है. इस कड़ी में अलग-अलग सरकारी संस्थाएं कई रिसर्च कर रही हैं, कई हथियार बना रही हैं. इस दिशा में सबसे ज्यादा काम रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) कर रहा है. वह कई आधुनिक हथियार बना चुका है और कई पर काम कर रहा है. 18 मई 2022 को डीआरडीओ ने एक और खास उपलब्धि दर्ज की है. आइए आपको विस्तार से बताते हैं क्या है यह अचीवमेंट.

सफल रहा परीक्षण

दरअसल, डीआरडीओ के सहयोग से भारतीय नौसेना ने 18 मई को आईटीआर बालासोर ओडिशा में सीकिंग 42 बी हेलीकॉप्टर से स्वदेशी रूप से विकसित पहली नौसेना एंटी-शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया. इसकी फायरिंग सफल रही. यह फायरिंग विशिष्ट मिसाइल टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और स्वदेशीकरण के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

भारत लगातार कर रहा प्रयास

बता दें कि भारत लगातार रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है. सरकार विदेश से लंबित सभी तरह की रक्षा खरीद योजना पर समीक्षा कर चुकी है. पिछले साल सरकार ने फैसला किया था कि जो रक्षा उपकरण बहुत जरूरी होंगे, सिर्फ उन्हीं को खरीदा जाएगा. बाकी सभी लंबित खरीद को या तो कैंसल किया जाएगा या इसमें कटौती की जाएगी. सरकार ने ये नियम भी बनाया था कि किसी भी देश से किसी भी तरह के रक्षा उपकरणों की खरीद नहीं की जाएगी. सिर्फ इमरजेंसी की स्थिति में ही विदेश से रक्षा उपकरण खरीदे जाएंगे.

पिछले साल बनी थी सहमति

दिसंबर 2021 में रक्षा सचिव अजय कुमार की अध्यक्षता में हुई रक्षा मंत्रालय की इंटरनल मीटिंग में इस बात की सैद्धांतिक सहमति बनी थी कि इंडिया भविष्य में रक्षा उपकरणों का आयात नहीं करेगा. इसके बाद भी इस मुद्दे पर कई बैठक हुई.

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