- भारत,
- 04-Jul-2025 08:57 PM IST
India-America Relations: भारतीय प्रतिनिधिमंडल हाल ही में अमेरिका के साथ अंतरिम व्यापार समझौते पर चर्चा के लिए वाशिंगटन से लौटा है। इस समझौते को 9 जुलाई, 2025 से पहले अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है, क्योंकि उसी दिन डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए जवाबी टैरिफ की 90-दिन की निलंबन अवधि समाप्त हो रही है। भारतीय दल का नेतृत्व वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने किया। हालांकि, कृषि और ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में कुछ अनसुलझे मुद्दों के कारण चर्चा अभी भी जारी रहेगी।
ऑटोमोबाइल सेक्टर में 25 प्रतिशत शुल्क का मुद्दा
भारत ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में अमेरिका द्वारा लगाए गए 25 प्रतिशत शुल्क को लेकर चिंता जताई है। यह शुल्क 26 मार्च, 2025 को भारत से आयातित यात्री वाहनों, हल्के ट्रकों और कुछ ऑटो पार्ट्स पर लागू किया गया था, और 3 मई, 2025 से यह अनिश्चितकाल के लिए प्रभावी होगा। भारत ने इस मुद्दे को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की सुरक्षा समिति में उठाया है और अमेरिकी स्टील व एल्युमीनियम टैरिफ के जवाब में चुनिंदा अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगाने का अधिकार सुरक्षित रखा है।
हालांकि, अमेरिका भारत से अपेक्षाकृत कम ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स आयात करता है। 2024 में अमेरिका ने वैश्विक स्तर पर 89 अरब डॉलर के ऑटो पार्ट्स आयात किए, जिनमें मेक्सिको का हिस्सा 36 अरब डॉलर और चीन का 10.1 अरब डॉलर था, जबकि भारत का योगदान केवल 2.2 अरब डॉलर का था।
कृषि क्षेत्र में चुनौतियां
कृषि क्षेत्र में, अमेरिका डेयरी उत्पादों, सेब, मेवों और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों पर शुल्क रियायतों की मांग कर रहा है। भारत के लिए यह क्षेत्र राजनीतिक रूप से संवेदनशील है, और किसी भी रियायत को लागू करना चुनौतीपूर्ण होगा। भारत ने अपने किसी भी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में डेयरी सेक्टर को नहीं खोला है और अमेरिकी कृषि उत्पादों पर शुल्क रियायत देने में सख्त रुख अपनाया है।
दोनों पक्षों की मांगें
भारत अमेरिका द्वारा लगाए गए अतिरिक्त 26 प्रतिशत टैरिफ से पूर्ण छूट चाहता है, जो 2 अप्रैल, 2025 को लागू किया गया था, लेकिन 90 दिनों के लिए निलंबित है। दूसरी ओर, अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, इलेक्ट्रिक वाहनों, वाइन और पेट्रोकेमिकल उत्पादों पर शुल्क रियायत की मांग कर रहा है। भारत अपने श्रम-प्रधान क्षेत्रों जैसे कपड़ा, रत्न और आभूषण, चमड़ा, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले के लिए शुल्क रियायत चाहता है।
बातचीत का समय और महत्व
भारतीय प्रतिनिधिमंडल 26 जून से 2 जुलाई, 2025 तक वाशिंगटन में था। यह चर्चा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 9 जुलाई को जवाबी टैरिफ की निलंबन अवधि समाप्त हो रही है। दोनों पक्ष इस तारीख से पहले समझौते को अंतिम रूप देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वर्तमान में, अमेरिका द्वारा लगाया गया 10 प्रतिशत मूल शुल्क अभी भी लागू है।