Indigo Crisis / जीएमआर ने यात्रियों को दी सलाह, डीजीसीए ने तय किए हवाई किराए

इंडिगो की उड़ानों में जारी देरी और रद्दीकरण के बीच दिल्ली एयरपोर्ट के ऑपरेटर जीएमआर ने यात्रियों को घर से निकलने से पहले फ्लाइट स्टेटस चेक करने की सलाह दी है। डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ को नोटिस जारी किया और यात्रियों के शोषण को रोकने के लिए हवाई किराए की अधिकतम सीमा भी तय की।

इंडिगो एयरलाइंस वर्तमान में एक गंभीर परिचालन संकट का सामना कर रही। है, जिसके परिणामस्वरूप देश भर में सैकड़ों उड़ानें रद्द और विलंबित हुई हैं। इस स्थिति ने हजारों यात्रियों के लिए व्यापक असुविधा पैदा की है और विमानन नियामक निकायों का ध्यान आकर्षित किया है। दिल्ली हवाई अड्डे के संचालक जीएमआर ने इस संकट के बीच यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की है, जबकि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने स्थिति को नियंत्रित करने और यात्रियों के हितों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाए हैं और यह संकट क्रू की कमी और फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों के अनुपालन में चुनौतियों के कारण उत्पन्न हुआ है, जिससे एयरलाइन की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।

जीएमआर की यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण सलाह

दिल्ली हवाई अड्डे के संचालक जीएमआर ने इंडिगो की उड़ानों में। जारी देरी और रद्दीकरण को लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया है। जीएमआर ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे अपने घर से निकलने से पहले अपनी फ्लाइट का नवीनतम स्टेटस अवश्य जांच लें। यह सलाह यात्रियों को हवाई अड्डे पर अनावश्यक प्रतीक्षा और असुविधा से बचाने के उद्देश्य से जारी की गई है। जीएमआर ने आगे कहा कि उनकी टीमें देरी को जल्द से जल्द कम करने और यात्रियों की यात्रा को आरामदायक बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रही हैं। किसी भी सहायता के लिए, यात्रियों को हवाई अड्डे के सूचना डेस्क पर जाने की सलाह दी गई है, जहाँ स्टाफ उनकी मदद के लिए मौजूद है। इसके अतिरिक्त, जीएमआर ने यात्रियों को हवाई अड्डे तक आने-जाने के लिए मेट्रो, बस और कैब जैसे कई आसान सार्वजनिक परिवहन विकल्पों का उपयोग करने का सुझाव दिया है, ताकि उनकी यात्रा सुगम बनी रहे। यह कदम यात्रियों को वर्तमान अनिश्चितता के माहौल में सूचित और तैयार रहने में मदद करने के लिए उठाया गया है।

रद्दीकरण का अभूतपूर्व पैमाना

इंडिगो का परिचालन संकट कई दिनों से जारी है, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द हुई हैं। रविवार, 7 दिसंबर को, 650 से अधिक इंडिगो उड़ानें रद्द कर दी गईं और इन रद्द हुई उड़ानों में दिल्ली, चेन्नई, जयपुर, हैदराबाद, भोपाल, मुंबई और त्रिची जैसे प्रमुख शहरों से जाने वाली उड़ानें शामिल थीं, जिससे इन शहरों से यात्रा करने वाले हजारों यात्री प्रभावित हुए। इससे पहले, शुक्रवार को लगभग 1600 उड़ानें रद्द हुई थीं, और शनिवार को भी लगभग 800 उड़ानें रद्द की गई थीं। इन लगातार और बड़े पैमाने पर हुए रद्दीकरणों ने यात्रियों के यात्रा कार्यक्रमों को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे। उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था करने या अपनी यात्रा योजनाओं को पूरी तरह से रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। यह स्थिति एयरलाइन के परिचालन क्षमता पर गंभीर दबाव को दर्शाती है और यात्रियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।

संकट का मूल कारण: क्रू की कमी और एफडीटीएल नियम

इंडिगो की उड़ानों में हो रही देरी और रद्दीकरण का मुख्य कारण क्रू की कमी और फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों के अनुपालन में चुनौतियां बताई जा रही हैं। एफडीटीएल नियम उड़ान दल के सदस्यों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं, जो उनके अधिकतम उड़ान घंटों और अनिवार्य आराम अवधि को निर्धारित करते हैं। पर्याप्त और आराम किए हुए क्रू सदस्यों की अनुपलब्धता सीधे तौर पर एयरलाइन की निर्धारित उड़ानों को सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करते हुए संचालित करने की क्षमता को प्रभावित करती है। यह संकट इस बात का संकेत देता है कि इंडिगो की क्रू नियोजन और संसाधन आवंटन उसकी परिचालन मांगों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त रहा है, जिसके परिणामस्वरूप एयरलाइन को नियामक आवश्यकताओं का पालन करते हुए अपनी उड़ानों को संचालित करने में कठिनाई हो रही है। इस समस्या के कारण ही देरी और रद्दीकरण का एक व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है।

डीजीसीए का कड़ा हस्तक्षेप और कारण बताओ नोटिस

यात्रियों को हो रही भारी परेशानी और इंडिगो की परिचालन विफलताओं के जवाब में, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कड़ा रुख अपनाया है। 6 दिसंबर को, डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया। इसके बाद 7 दिसंबर को एयरलाइन के जवाबदेह प्रबंधक को भी नोटिस दिया गया और नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इंडिगो ने एफडीटीएल नियमों के लिए पर्याप्त योजना नहीं बनाई, जिसके कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। डीजीसीए ने एयरलाइन द्वारा विश्वसनीय संचालन सुनिश्चित करने में विफलता पर जोर दिया, जो किसी भी हवाई वाहक के लिए एक मूलभूत आवश्यकता है। इंडिगो को इन नोटिसों का जवाब देने के लिए 24 घंटे का समय दिया गया है, और संतोषजनक जवाब न मिलने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है और यह नियामक हस्तक्षेप यात्री सुरक्षा और परिचालन मानकों को बनाए रखने के प्रति डीजीसीए की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

डीजीसीए द्वारा हवाई किराए का निर्धारण

इंडिगो की उड़ानों के बड़े पैमाने पर रद्द होने से अन्य एयरलाइंस पर उड़ानों की मांग में अचानक वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप हवाई टिकटों की कीमतें आसमान छू गईं। यात्रियों के शोषण को रोकने के लिए, डीजीसीए ने हस्तक्षेप करते हुए हवाई किराए की अधिकतम सीमा तय की। यह महत्वपूर्ण कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि यात्रियों को उच्च मांग और सीमित उपलब्धता की अवधि के दौरान अनुचित मूल्य निर्धारण प्रथाओं का सामना न करना पड़े। नए नियमों के तहत, 500 किलोमीटर तक की दूरी के लिए कोई भी एयरलाइन 7,500 रुपये से अधिक किराया नहीं ले पाएगी। 500 से 1000 किलोमीटर की दूरी तक की यात्राओं के लिए, अधिकतम किराया 12,000 रुपये निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त, सभी अन्य मार्गों के लिए अधिकतम किराया 18,000 रुपये तय किया गया है।

डीजीसीए द्वारा यह निर्णायक कार्रवाई उन यात्रियों को बहुत आवश्यक राहत प्रदान करती है जिन्हें अन्यथा इस संकट के कारण महत्वपूर्ण वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ सकता था। इंडिगो में चल रही परिचालन चुनौतियाँ, व्यापक उड़ान रद्दीकरण और नियामक जांच से चिह्नित, विमानन क्षेत्र को प्रभावित करना जारी रखे हुए हैं और जबकि जीएमआर और डीजीसीए ने यात्रियों की असुविधा को कम करने और शोषण को रोकने के लिए कदम उठाए हैं, एयरलाइन को अपने आंतरिक मुद्दों को संबोधित करने और विश्वसनीय संचालन बहाल करने, यात्रियों का विश्वास और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि का सामना करना पड़ रहा है। इस संकट का समाधान न केवल इंडिगो के लिए बल्कि पूरे भारतीय विमानन उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है।