केंद्र सरकार ने इंडिगो एयरलाइन संकट के मामले में चार दिन बाद शनिवार को कड़ा रुख अपनाया है और नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने इंडिगो को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वह रविवार रात 8 बजे तक रद्द किए गए टिकटों का पूरा पैसा यात्रियों को वापस करे। इसके साथ ही, यात्रियों के सामान को भी अगले 48 घंटों के भीतर लौटाने का। आदेश दिया गया है, ताकि यात्रियों को हो रही असुविधा को कम किया जा सके। यह निर्देश ऐसे समय में आया है जब इंडिगो की उड़ानें लगातार पांचवें दिन भी प्रभावित रहीं, जिससे हजारों यात्री फंसे हुए हैं और उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हवाई किराए पर सरकार का नियंत्रण
इंडिगो संकट के बीच, अन्य एयरलाइंस द्वारा किराए में मनमानी वृद्धि की खबरों के बाद सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने हवाई किराए को फिक्स कर दिया है ताकि यात्रियों का शोषण न हो। नए नियमों के अनुसार, अब 500 किलोमीटर तक की हवाई यात्रा के लिए अधिकतम 7,500 रुपये का किराया लगेगा। 500 से 1000 किलोमीटर तक की यात्रा के लिए अधिकतम 12,000 रुपये, 1000 से 1500 किलोमीटर तक के लिए अधिकतम 15,000 रुपये और 1500 किलोमीटर से ऊपर की यात्रा के लिए अधिकतम 18,000 रुपये का किराया निर्धारित किया गया है। हालांकि, यह नियम बिजनेस क्लास की उड़ानों पर लागू नहीं होगा। यह कदम यात्रियों को अत्यधिक किराए से बचाने और हवाई यात्रा को अधिक किफायती बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इंडिगो की परिचालन चुनौतियां जारी
इंडिगो के परिचालन में लगातार पांचवें दिन शनिवार को भी कोई खास सुधार देखने को नहीं मिला। न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, देश के चार बड़े हवाई अड्डों – दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु – सहित कई शहरों से इंडिगो की 400 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। पिछले चार दिनों में कुल मिलाकर 2,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, जिससे हजारों यात्रियों की यात्रा योजनाएं बाधित हुई हैं। इसके अलावा, रोजाना औसतन 500 उड़ानें देरी से चल रही हैं, जिससे यात्रियों को लंबे इंतजार और अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति एयरलाइन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है और यात्रियों के बीच असंतोष बढ़ रहा है।
DGCA के नए नियम और स्टाफ की कमी
इंडिगो में स्टाफ की कमी का मुख्य कारण नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा लागू किए गए नए नियम हैं, जिन्हें 'फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL)' नाम दिया गया है। इन नियमों का उद्देश्य पायलटों और बाकी क्रू मेंबर्स को पर्याप्त आराम सुनिश्चित करके यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाना है। DGCA ने 1 नवंबर से पायलटों और बाकी क्रू मेंबर्स के काम से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए थे और इन बदलावों को दो चरणों में लागू किया गया था, जिसका पहला चरण 1 जुलाई को प्रभावी हुआ और दूसरा चरण 1 नवंबर से लागू हुआ। इन नए और सख्त नियमों के कारण, एयरलाइंस को अपने क्रू मेंबर्स के लिए अधिक आराम के समय का प्रावधान करना पड़ा, जिससे उपलब्ध पायलटों और क्रू मेंबर्स की संख्या में कमी आई। इंडिगो जैसी बड़ी एयरलाइन, जिसके पास पहले से ही एक बड़ा ऑपरेशनल नेटवर्क है, को इन नियमों के कारण स्टाफ की कमी का सामना करना पड़ा।
DGCA द्वारा अस्थायी राहत
स्टाफ की कमी के कारण उत्पन्न हुई स्थिति को देखते हुए, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइंस, विशेषकर इंडिगो को 10 फरवरी 2026 तक के लिए अस्थायी राहत प्रदान की है और dGCA ने साप्ताहिक आराम के बदले कोई भी छुट्टी नहीं देने के अपने पहले के फैसले को वापस ले लिया है। यह कदम एयरलाइंस को अपने क्रू मेंबर्स के शेड्यूल को अधिक लचीले ढंग से प्रबंधित करने में मदद करेगा और उम्मीद है कि इससे स्टाफ की कमी की समस्या कुछ हद तक कम होगी। यह राहत एयरलाइंस को नए FDTL नियमों के अनुकूल होने और अपने परिचालन को सामान्य करने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करती है।
इंडिगो का बयान और सुधार के प्रयास
इंडिगो एयरलाइन ने शनिवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि वे अपनी उड़ानों को सामान्य करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। एयरलाइन ने दावा किया कि उड़ान रद्द होने की संख्या में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। उनके अनुसार, शनिवार को 850 से भी कम उड़ानें रद्द हुईं, जो शुक्रवार की तुलना में काफी कम है। इंडिगो ने यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि वे जल्द से जल्द स्थिति को सामान्य करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं और हालांकि, यात्रियों को अभी भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
CBI जांच की मांग
देशभर में इंडिगो की उड़ानें रद्द होने और यात्रियों को हो रही परेशानी के मद्देनजर, इंडियन एसोसिएशन काउंसिल ऑफ एविएशन के अध्यक्ष नितिन जाधव ने इस पूरे मामले की CBI जांच की मांग की है। जाधव ने आरोप लगाया कि इस स्थिति के लिए पूरी तरह से इंडिगो मैनेजमेंट जिम्मेदार है, न कि पायलट। उन्होंने यह भी कहा कि DGCA भी इंडिगो का साथ दे रहा है और इसके पीछे कोई छुपा हुआ एजेंडा हो सकता है। जाधव ने DGCA पर अपना काम ठीक से न करने का। आरोप लगाया और एक निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर जोर दिया। यह मांग इस संकट की गंभीरता और इसमें संभावित अनियमितताओं की ओर इशारा करती है।