हाल ही में इंडिगो एयरलाइन द्वारा यात्रियों को हुई परेशानी और उड़ानों के रद्द होने के बाद सरकार ने इस मामले पर कड़ा रुख अख्तियार किया है और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने संसद में इस मुद्दे पर अपनी बात रखी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि सरकार इस स्थिति को कितनी गंभीरता से ले रही है। यह संकट एयरलाइन के आंतरिक परिचालन में गंभीर खामियों की ओर। इशारा करता है, जिस पर अब सरकार की सीधी नजर है।
संसद में मंत्री का बयान
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने राज्यसभा में इंडिगो की हालिया उड़ानें रद्द होने के कारणों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ये रद्दियां एयरलाइन के भीतर की आंतरिक समस्याओं का परिणाम थीं और मंत्री ने बताया कि इंडिगो अपने क्रू मैनेजमेंट और रोस्टर को सही तरीके से संभालने में विफल रही, जिसके कारण परिचालन में बड़ी जटिलताएं और व्यवधान उत्पन्न हुए। यह आंतरिक खामी सीधे तौर पर यात्रियों के लिए असुविधा और यात्रा योजनाओं में बाधा का कारण बनी, जिससे हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
यात्री सुरक्षा से कोई समझौता नहीं
मंत्री नायडू ने जोर देकर कहा कि सरकार यात्रियों, पायलटों और क्रू की सुरक्षा से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगी। उन्होंने यह बात सभी एयरलाइंस को स्पष्ट रूप से बता दी है कि सुरक्षा मानकों और परिचालन अखंडता का पालन करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और सरकार का यह रुख भारतीय हवाई क्षेत्र में सुरक्षा के उच्चतम स्तर को बनाए रखने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, और किसी भी एयरलाइन को इन मूलभूत सिद्धांतों से भटकने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यात्रियों की असुविधा को गंभीरता से लेना
राम मोहन नायडू ने स्वीकार किया कि उड़ानों में देरी और रद्द होने के कारण यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि सरकार इस स्थिति को हल्के में नहीं। ले रही है और यात्रियों को हुई परेशानी को पूरी तरह से समझती है। सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ऐसी स्थितियां भविष्य में कम से कम हों और एयरलाइंस। अपनी परिचालन विफलताओं के लिए जवाबदेह हों, ताकि यात्रियों को एक सहज और विश्वसनीय यात्रा अनुभव मिल सके।
प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा और नई एयरलाइंस
मंत्री ने चेतावनी दी कि यदि किसी भी एयरलाइन द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी और उन्होंने कहा कि ऐसा उदाहरण पेश किया जाएगा जिसे सभी एयरलाइंस गंभीरता से लेंगी। यह कदम उड्डयन क्षेत्र में सख्त अनुपालन की संस्कृति स्थापित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सभी एयरलाइंस परिचालन मानकों और यात्री सेवा प्रतिबद्धताओं का पालन करें, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
राम मोहन नायडू ने भारतीय उड्डयन क्षेत्र को मजबूत करने के लिए सरकार की व्यापक रणनीति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत में और एयरलाइंस आनी चाहिए ताकि प्रतिस्पर्धा बढ़े और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हो। उन्होंने Udan योजना के तहत Fly 91 और Star Air जैसी कई नई एयरलाइंस के आगमन का उल्लेख किया, यह दर्शाता है कि भारत में एयरलाइन शुरू करने का यह एक बेहतरीन समय है। प्रतिस्पर्धा बढ़ने से यात्रियों को बेहतर विकल्प और सेवाएं मिलेंगी, जिससे पूरे क्षेत्र को लाभ होगा।
तकनीकी उन्नयन और वैश्विक मानक
मंत्री ने बताया कि सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दे की जांच शुरू कर दी गई है, यह स्वीकार करते हुए कि आधुनिक उड्डयन में तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका है और इसमें लगातार सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने सरकार के लक्ष्य को भी दोहराया कि भारत के उड्डयन क्षेत्र में दुनिया के सबसे उच्च मानकों को हासिल किया जाए। इसमें न केवल परिचालन दक्षता और सुरक्षा शामिल है, बल्कि प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और यात्रियों के लिए समग्र उड़ान अनुभव को बेहतर बनाने के लिए उन्नत तकनीक का लाभ उठाना भी शामिल है। सरकार का यह दृष्टिकोण भारतीय उड्डयन को वैश्विक मंच पर एक अग्रणी स्थान पर स्थापित करने का है।
सरकार का यह रुख इंडिगो जैसी एयरलाइंस को अपनी आंतरिक प्रणालियों को सुधारने और यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए प्रेरित करेगा। साथ ही, नई एयरलाइंस को बढ़ावा देकर, सरकार एक अधिक मजबूत और प्रतिस्पर्धी उड्डयन पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में काम कर रही है, जिसमें यात्री कल्याण हमेशा केंद्र में रहेगा।