- भारत,
- 14-Jun-2025 09:12 AM IST
Israel-Iran War: शुक्रवार की देर रात मध्य-पूर्व में युद्ध की ज्वाला फिर भड़क उठी, जब इजराइली फाइटर जेट्स ने ईरान के परमाणु ठिकानों को एक बार फिर निशाना बनाया। ईरान के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत ने सुरक्षा परिषद को जानकारी दी कि इन हमलों में अब तक 78 लोग मारे गए और 350 से अधिक घायल हुए हैं। यह जवाब उस पलटवार के रूप में आया, जब ईरान ने इजरायल की वाणिज्यिक राजधानी तेल अवीव पर लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला कर दिया।
शनिवार सुबह यरुशलम और तेल अवीव के आसमान में सायरनों की गूंज और धमाकों की गड़गड़ाहट सुनाई दी — यह सब इजरायल की इंटरसेप्टर प्रणाली "आयरन डोम" के जवाबी प्रयासों के संकेत थे।
ईरान का करारा जवाब: 150 बैलिस्टिक मिसाइलें
ईरान ने इजरायली हमलों को “आक्रामक हत्याओं की श्रृंखला” बताया है। इसके जवाब में शुक्रवार देर रात ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने ऑपरेशन के तीसरे चरण के तहत इजरायल पर हमला शुरू किया। अब तक दो चरणों में ईरान ने इजरायल पर करीब 150 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं।
तेहरान के मेहराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आग लगने की खबरें आई हैं। तस्नीम समाचार एजेंसी द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में लपटें और काला धुआं देखा गया है। वहीं, इजरायल में इचिलोव अस्पताल में मिसाइल हमले के बाद सात लोगों का इलाज किया गया — जिनमें छह को मामूली और एक को हल्की चोटें आईं।
तेल अवीव बना निशाना: इमारतें गिरीं, आग लगी
ईरानी मिसाइलों का सबसे भयावह असर तेल अवीव में देखा गया। यहां एक मिसाइल ने 50 मंजिला इमारत को निशाना बनाया, जिससे तेज धमाका हुआ और आसमान में धुएं का गुबार छा गया। इजरायली चैनल 13 ने इस दृश्य को “अभूतपूर्व विनाश” कहा है — कई इमारतें ढह गईं, दर्जनों लोग घायल हुए और इलाके में आग फैल गई।
रमत गन क्षेत्र में नौ इमारतें पूरी तरह नष्ट हो गईं जबकि सैकड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा। जाफ़ा, डैन और ग्रेटर तेल अवीव क्षेत्र के कई हिस्सों में आपात सेवाएं मुस्तैदी से लगी हैं, जहां लोग अब भी मलबे में फंसे हुए हैं।
इजरायल का जवाब: सख्त सेंसरशिप और चेतावनी
इजरायली सेना ने नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। आयरन डोम प्रणाली लगातार मिसाइलों को रोकने में जुटी रही, हालांकि कुछ मिसाइलों ने सुरक्षा कवच को चकमा दे दिया और बड़े पैमाने पर तबाही मचाई।
हमलों के बाद इजरायली प्रशासन ने मीडिया सेंसरशिप लागू कर दी है। स्थानीय मीडिया को हमले की जगहों की तस्वीरें और वीडियो साझा करने से मना किया गया है। सेना ने निवासियों से भी विनाश की कोई जानकारी सार्वजनिक न करने का आग्रह किया है, ताकि "दुश्मन" को लाभ न मिले।
युद्ध के साये में भविष्य
तेल अवीव से लेकर तेहरान तक पसरा धुआं इस बात का संकेत है कि यह संघर्ष अब सीमाओं से परे जा चुका है। दोनों देशों के बीच प्रतिशोध की यह होड़ पूरे पश्चिम एशिया को ज्वालामुखी के मुहाने पर ले आई है। सवाल यह है कि क्या वैश्विक शक्तियां समय रहते हस्तक्षेप करेंगी, या यह टकराव एक बड़ी युद्धगाथा का आगाज बनेगा?
