Zoom News : May 25, 2021, 11:35 AM
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से पूरी दुनिया में तबाही मची हुई है। इस खतरनाक वायरस का असर न सिर्फ लोगों के फेफड़ों पर होता है बल्कि शरीर के कई अंगों को ये तबाह कर देता है। मसलन कोरोना से ठीक होने वाले मरीज लंबे वक्त तक अस्पतालों के चक्कर काटते रहते हैं। ये वायरस फेफड़ों के अलावा मरीजों के हार्ट, किडनी और लिवर को खासा नुकसान पहुंचा रहा है। हाल में दुनिया में कोरोना की चपेट में आने वालों लोगों पर कई तरह की रिसर्च हुई हैं। इसके तहत पता चला है कि ये वायरस लोगों की सेक्स लाइफ भी खराब कर रहा है।
कोरोना आखिर लोगों की सेक्स करने की क्षमता पर किस तरह असर डाल रहा है इसको लेकर इस साल मार्च में रिसर्च के नतीजे छपे थे। इसमें लिखा था कि जिन पुरुषों को कोरोना हो रहा है वो 'इरेक्टाइल डिस्फंक्शन 'की शिकायत कर रहे हैं। भारत में आम बोलचाल की भाषा में इसे नपुंसकता भी कहते हैं। ऐसे लोगों में सेक्स के दौरान इरेक्शन नहीं होता है।क्या कहती हैं रिसर्च?हाल ही में इटली के पुरुषों पर एक रिसर्च किया गया। इसमें पता चला कि कोरोना वायरस लोगों के कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को तबाह कर देता है। कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम के तहत ही इंसानों के शरीर के खून के जरिए कोशिकाओं के बीच पोषक तत्व और ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। रिसर्च के मुताबिक इसके चलते ही इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी समस्या आ रही है। वर्ल्ड जर्नल ऑफ मेन्स हेल्थ में प्रकाशित एक दूसरे अध्ययन में ये पाया गया कि पुरुषों में शुरुआती संक्रमण के बाद लंबे समय तक कोरोना वायरस लिंग (Penis) में मौजूद रहता है। लिहाज़ा इससे भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या हो जाती है।क्या कहते हैं भारत के डॉक्टर?फिलहाल इस तरह की रिसर्च भारत में नहीं हुई हैं। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना से ठीक होने वाले मरीज़ इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी परेशानियों के साथ उनके पास आ रहे हैं। डीएनबी-यूरोलॉजी के डॉक्टर एसएस वासन ने News18 को बताया, 'मेरे पास ऐसे 8 से 9 मरीज आए हैं, जिन्होंने कोविड से ठीक होने के बाद इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या के बारे में बताया है। हालांकि अभी हमलोग पक्के तौर पर ये नहीं कह सकते कि ये कोरोना के चलते हुआ है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन वास्तव में COVID-19 से होता है, इसके लिए हमें और अध्ययन करने की जरूरत है। अब तक, हमने प्रश्नों पर आधारित अध्ययन देखे हैं। लेकिन हमें और अधिक ठोस वैज्ञानिक प्रमाण की आवश्यकता है।'महामारी ने खराब की सेक्स लाइफदिल्ली स्थित एक और एंड्रोलॉजिस्ट डॉक्टर गौतम बंगा ने News18 को बताया, 'ये महामारी ही कई समस्याएं लेकर आई है। पिछले साल कोरोना के चलते लोगों को वित्तीय संकटों का सामना करना पड़ा। अपनों को खोने के दुख और अकेलेपन का सामना ये ऐसी चीजें है जिसके चलते खुद ब खुद लोगों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या हो रही हैं।' डॉक्टर बंगा ने आगे बताया कि उनके अनुभव के मुताबिक कोरोना महमारी ने 20-30 साल के लोगों की सेक्स लाइफ खराब कर दी है। सोशल न होने के चलते सिंगल रहने वाले लोगों को सेक्स के लिए पार्टनर नहीं मिल रहे हैं। डॉक्टर ने आगे बताया कि जो लोग शादी शुदा हैं वो वर्क फ्रॉम होम के चलते काफी दवाब में में हैं। ऐसे लोग लंबे वक्त तक काम के चलते सेक्स नहीं कर पाते हैं।
कोरोना आखिर लोगों की सेक्स करने की क्षमता पर किस तरह असर डाल रहा है इसको लेकर इस साल मार्च में रिसर्च के नतीजे छपे थे। इसमें लिखा था कि जिन पुरुषों को कोरोना हो रहा है वो 'इरेक्टाइल डिस्फंक्शन 'की शिकायत कर रहे हैं। भारत में आम बोलचाल की भाषा में इसे नपुंसकता भी कहते हैं। ऐसे लोगों में सेक्स के दौरान इरेक्शन नहीं होता है।क्या कहती हैं रिसर्च?हाल ही में इटली के पुरुषों पर एक रिसर्च किया गया। इसमें पता चला कि कोरोना वायरस लोगों के कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को तबाह कर देता है। कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम के तहत ही इंसानों के शरीर के खून के जरिए कोशिकाओं के बीच पोषक तत्व और ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। रिसर्च के मुताबिक इसके चलते ही इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी समस्या आ रही है। वर्ल्ड जर्नल ऑफ मेन्स हेल्थ में प्रकाशित एक दूसरे अध्ययन में ये पाया गया कि पुरुषों में शुरुआती संक्रमण के बाद लंबे समय तक कोरोना वायरस लिंग (Penis) में मौजूद रहता है। लिहाज़ा इससे भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या हो जाती है।क्या कहते हैं भारत के डॉक्टर?फिलहाल इस तरह की रिसर्च भारत में नहीं हुई हैं। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना से ठीक होने वाले मरीज़ इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी परेशानियों के साथ उनके पास आ रहे हैं। डीएनबी-यूरोलॉजी के डॉक्टर एसएस वासन ने News18 को बताया, 'मेरे पास ऐसे 8 से 9 मरीज आए हैं, जिन्होंने कोविड से ठीक होने के बाद इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या के बारे में बताया है। हालांकि अभी हमलोग पक्के तौर पर ये नहीं कह सकते कि ये कोरोना के चलते हुआ है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन वास्तव में COVID-19 से होता है, इसके लिए हमें और अध्ययन करने की जरूरत है। अब तक, हमने प्रश्नों पर आधारित अध्ययन देखे हैं। लेकिन हमें और अधिक ठोस वैज्ञानिक प्रमाण की आवश्यकता है।'महामारी ने खराब की सेक्स लाइफदिल्ली स्थित एक और एंड्रोलॉजिस्ट डॉक्टर गौतम बंगा ने News18 को बताया, 'ये महामारी ही कई समस्याएं लेकर आई है। पिछले साल कोरोना के चलते लोगों को वित्तीय संकटों का सामना करना पड़ा। अपनों को खोने के दुख और अकेलेपन का सामना ये ऐसी चीजें है जिसके चलते खुद ब खुद लोगों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या हो रही हैं।' डॉक्टर बंगा ने आगे बताया कि उनके अनुभव के मुताबिक कोरोना महमारी ने 20-30 साल के लोगों की सेक्स लाइफ खराब कर दी है। सोशल न होने के चलते सिंगल रहने वाले लोगों को सेक्स के लिए पार्टनर नहीं मिल रहे हैं। डॉक्टर ने आगे बताया कि जो लोग शादी शुदा हैं वो वर्क फ्रॉम होम के चलते काफी दवाब में में हैं। ऐसे लोग लंबे वक्त तक काम के चलते सेक्स नहीं कर पाते हैं।