दुनिया / ISIS ने 50 लोगों का सिर किया कलम, फिर अफ्रीकी शहर पर कर लिया कब्जा

Zoom News : Mar 30, 2021, 03:04 PM
अफ्रीका के देश मोजाम्बिक्यू के एक शहर में बीते कुछ दिनों से सन्नाटा पसरा है। पाल्मा नाम के इस शहर से लोग सड़क, बोट या पैदल ही भागने को मजबूर हो चुके हैं। दरअसल लंबे विद्रोह के बाद आतंकी संगठन आईएसआईएस ने इस शहर पर कब्जा कर लिया है। आईएसआईएस के आतंकियों ने इस शहर पर बीते बुधवार को हमला किया था। इस हमले में दर्जनों लोग मारे गए हैं। 

बता दें कि साल 2017 से उत्तरी मोजाम्बिक्यू में खूनी संघर्ष चल रहा है। अफ्रीकी प्रशासन ने इस मामले में कहा है कि ये आतंकी काफी सुनियोजित तरीके से हमला करने में कामयाब रहे और अब भी इस शहर के हजारों लोग लापता चल रहे हैं। इस हमले के बाद से ही एक ब्रिटिश कॉन्ट्रेक्टर भी लापता हैं। 

रिपोर्ट्स के अनुसार, फिल जिस होटल कॉम्प्लेक्स में ठहरे थे उसे आईएस के आतंकियों ने घेराबंदी कर दिया था और पचास लोगों के सिर काट दिए थे। इसके अलावा इन आतंकियों ने 17 गाड़ियों में ओपन फायर भी किया था। 44 साल के फिल मावेर को लेकर उनके भाई बिल ने कहा कि मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि मेरा भाई भी उस होटल में था जहां आईएस ने हमला किया था। 

सिविल सोसाइटी एक्टिविस्ट एद्रियानो नुवुंगा ने एएफपी के साथ बातचीत में कहा कि पाल्मा को माइनिंग का शहर भी कहा जाता है। इस शहर में अफ्रीका की सबसे बड़ी नैचुरल गैस फील्ड है। 75 हजार से ज्यादा लोगों वाले इस शहर के हालात खराब हो चुके हैं। कई लोग ऐसे हैं जो 180 किलोमीटर दूर म्युडा में अपनी जान बचाकर भागे थे। वे कई दिनों तक जंगल के रास्ते चलते रहे। कई बूढ़े और बच्चे चलते-चलते बेहोश भी हो गए थे।

एक स्थानीय शख्स जो अब म्युडा में शिफ्ट हो चुका है। उसने एएफपी के साथ बातचीत में कहा कि ये आतंकी हमले से कुछ दिनों पहले शहर आए थे। वे कुछ स्थानीय लोगों को पैसा देने के बाद उनके घरों में छिप गए थे। इसके बाद उन्होंने पाल्मा की मेन रोड्स से हमला करना शुरू किया था। पुलिस इन्हें संभालने की कोशिश करती इससे पहले ही घरों में छिपे हमलावरों ने अटैक शुरू कर दिया था। 

गौरतलब है कि कई ऐसे भी लोग थे जो गैस प्रोजेक्ट साइट से निकाले गए और उन्हें बोट के सहारे क्षेत्रीय राजधानी पेंबा भेजा गया है। यूएन के प्रवक्ता स्टीफन डुजेरिक ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि हम पाल्मा के हालातों को लेकर बेहद चिंतित हैं। यहां 24 मार्च से ही जबरदस्त हिंसा शुरू हो गई थी और इस हिंसा के बाद से ही सैंकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। हम स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर इस हिंसा से प्रभावित लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। 

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