ISRO Mission / ISRO खंगालेगा ब्लैक होल के रहस्य, इस दिन लांच होगा ये मिशन

Zoom News : Dec 05, 2023, 06:00 AM
ISRO Mission: चंद्रयान-3 और आदित्य L-1 की सफलता के बाद अब ISRO ब्लैक होल के रहस्य खंगालेगा. इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने पूरी तैयारी कर ली है. यह देश का पहला और दुनिया का दूसरा ऐसा मिशन होगा जो ब्लैकहोल के साथ अन्य खगोलीय घटनाओं के बारे में जानकारी जुटाएगा. अब तक सिर्फ NASA ही इस तरह का मिशन लांच कर पाया है.

भारत के इस महत्वाकांक्षी मिशन का नाम एक्स-रे पोलारिमेट्री है, यह एक तरह की सैटेलाइट है जो अलग-अलग तरह के खगोलीय स्रोतों के बारे में पता करेगी. इसके साथ POLIX और XSPECT दो पेलोड भी जाएंगे. पिछले लंबे समय से इस मिशन पर काम चल रहा था. इसरो चीफ एस सोमनाथ ने खुद इस बात का ऐलान किया था कि साल के अंत तक इस मिशन को लांच कर दिया जाएगा.

इस दिन होगा लांच

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO का यह पहला पोलारिमेट्री मिशन इसी साल के अंत तक लांच किया जाना प्रस्तावित था. अब ISRO वैज्ञानिकों ने इसकी तारीख का ऐलान कर दिया है. एचटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि 28 दिसंबर तक यह मिशन लॉन्च कर दिया जाएगा. वैज्ञानिकों के मुताबिक इस मिशन का उद्देश्य तीव्र एक्सरे स्रोतों और ध्रुवीकरण की जांच करना है. यह खगोल विज्ञान के रहस्य सुलझाने के साथ टाइम डोमेन अध्ययन और स्पेक्ट्रोस्कोपी पर ध्यान केंद्रित करता है जो भारत के लिए बेहद खास होने वाला है.

XPoSat मिशन से क्या होगा?

भारत का एक्स-रे पोलारिमेट्री मिशन बेहद खास साबित होगा, ISRO वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक यह मिशन न्यूट्रॉन तारे, गैलेक्टिक नाभिक, पल्सर पवन निहारिका और ब्लैकहोल जैसे खगोलीय रहस्यों को सुलझाएगा. इसके अलावा यह ध्रुवीकरण की डिग्री और ध्रुवीकरण का कोण और इस प्रकार की अन्य प्रक्रियाओं को भी समझने में मदद करेगा, ताकि भारत उन जानकारियों को हासिल कर सके जिससे अब तक अंजान हैं.

मिशन के साथ जाएंगे दो पेलोड

ISRO का यह मिशन भारतीय खगोलविदों की मुश्किलें काफी हद तक कम कर देगा. इसके साथ दो पेलोड भेजे जाएंगे. इसमें POLIX पोलराइजेशन के पैरामीटर मापने का काम करेगा. इसके अलावा उनकी डिग्री और एंगल भी देखा जाएगा. इसके अलावा XSPECT (एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी और टाइमिंग) पेलोड 0.8-15 केवी की एनर्जी रेंज में स्पेक्ट्रोस्कोपिक जानकारी देगा. इसे यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के सहयोग से तैयार किया जा रहा है. हालांकि इसका प्राइमरी पेलोड पोलिक्स रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया है.

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