Share Market Crash / H-1B वीजा पर ट्रंप के नए फैसले से क्रैश हुए IT कंपनियों के स्टॉक

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के H-1B वीजा पर 1,00,000 डॉलर की फीस लगाने के फैसले से भारतीय शेयर बाजार पर भारी दबाव देखा गया। सोमवार को सेंसेक्स 466.26 अंक गिरकर 82,159.97 पर और निफ्टी 124.70 अंक फिसलकर 25,202.35 पर बंद हुआ। आईटी शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई।

Share Market Crash: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीजा के लिए आवेदन शुल्क को बढ़ाकर 1,00,000 डॉलर करने के फैसले ने भारतीय शेयर बाजार, विशेषकर आईटी क्षेत्र, पर भारी असर डाला है। इस नीति के कारण भारतीय आईटी कंपनियों के शेयरों में तीव्र गिरावट देखी गई, जिसने सोमवार को बाजार के प्रमुख सूचकांकों को भी प्रभावित किया। इस लेख में हम इस घटना के बाजार पर प्रभाव और विभिन्न कंपनियों के प्रदर्शन का विश्लेषण करेंगे।

बाजार का प्रदर्शन

सोमवार, 22 सितंबर 2025 को हफ्ते के पहले कारोबारी दिन, भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स 466.26 अंकों (0.56%) की गिरावट के साथ 82,159.97 अंकों पर बंद हुआ। इसी तरह, एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स भी 124.70 अंकों (0.49%) के नुकसान के साथ 25,202.35 अंकों पर बंद हुआ। इस गिरावट का मुख्य कारण H-1B वीजा शुल्क में वृद्धि से भारतीय आईटी कंपनियों पर बढ़ता दबाव रहा, क्योंकि ये कंपनियां अमेरिकी बाजार पर काफी हद तक निर्भर हैं।

सेंसेक्स और निफ्टी में कंपनियों का प्रदर्शन

सेंसेक्स

सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से केवल 9 कंपनियों के शेयर ही बढ़त के साथ हरे निशान में बंद हुए, जबकि शेष 21 कंपनियों के शेयर लाल निशान में बंद हुए। सेंसेक्स में शामिल एटरनल के शेयर सबसे अधिक 1.55% की बढ़त disclosures: टेक महिंद्रा के शेयरों में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई, जो 3.20% नीचे बंद हुए।

बढ़त वाले शेयर

कुछ कंपनियों ने बाजार की मंदी के बावजूद सकारात्मक प्रदर्शन किया। इनमें शामिल हैं:

  • बजाज फाइनेंस: 1.31% की बढ़त

  • अडाणी पोर्ट्स: 1.17% की बढ़त

  • अल्ट्राटेक सीमेंट: 0.98% की बढ़त

  • हिंदुस्तान यूनिलीवर: 0.42% की बढ़त

  • एक्सिस बैंक: 0.40% की बढ़त

  • बजाज फिनसर्व: 0.17% की बढ़त

  • एनटीपीसी: 0.16% की बढ़त

  • पावरग्रिड: 0.07% की बढ़त

गिरावट वाले शेयर

आईटी कंपनियों के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखी गई। प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन इस प्रकार रहे:

  • टीसीएस: 3.02% की गिरावट

  • इंफोसिस: 2.61% की गिरावट

  • एचसीएल टेक: 1.84% की गिरावट

  • टाटा मोटर्स: 1.69% की गिरावट

  • ट्रेंट: 1.38% की गिरावट

  • रिलायंस इंडस्ट्रीज: 1.23% की गिरावट

  • एलएंडटी: 0.92% की गिरावट

  • भारतीय स्टेट बैंक: 0.84% की गिरावट

  • अन्य कंपनियों जैसे आईटीसी (0.74%), सनफार्मा (0.73%), बीईएल (0.61%), कोटक महिंद्रा बैंक (0.45%), मारुति सुजुकी (0.39%), एचडीएफसी बैंक (0.34%), और आईसीआईसीआई बैंक (0.07%) में भी गिरावट दर्ज की गई।

निफ्टी 50

निफ्टी 50 की 50 कंपनियों में से 18 कंपनियों के शेयर हरे निशान में बंद हुए, 31 कंपनियों के शेयर लाल निशान में रहे, और एक कंपनी का शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुआ।

H-1B वीजा शुल्क वृद्धि का प्रभाव

H-1B वीजा भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए अमेरिका में काम करने का एक प्रमुख माध्यम रहा है। इस शुल्क वृद्धि से भारतीय आईटी कंपनियों की परिचालन लागत में वृद्धि होगी, जिसका असर उनकी लाभप्रदता और शेयर कीमतों पर स्पष्ट रूप से देखा गया। टीसीएस, इंफोसिस, और एचसीएल टेक जैसी कंपनियां, जो अमेरिकी क्लाइंट्स पर निर्भर हैं, विशेष रूप से प्रभावित हुईं। यह नीति न केवल लागत बढ़ाएगी, बल्कि भारतीय आईटी क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता को भी प्रभावित कर सकती है, क्योंकि कंपनियों को अब उच्च शुल्क के साथ-साथ अन्य वैकल्पिक रणनीतियों पर विचार करना होगा।