IND vs ENG / जायसवाल के पास इतिहास रचने का मौका, तोड़ सकते हैं द्रविड़-सहवाग का रिकॉर्ड

इंग्लैंड-भारत टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला एजबेस्टन में खेला जाएगा, जहां यशस्वी जायसवाल के पास इतिहास रचने का मौका होगा। वे 97 रन बनाकर टेस्ट क्रिकेट में भारत की ओर से सबसे तेज 2000 रन बनाने वाले बल्लेबाज बन सकते हैं। इस समय यह रिकॉर्ड सुनील गावस्कर के नाम है।

IND vs ENG: इंग्लैंड और भारत के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला एजबेस्टन के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जाएगा, जहां भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के पास एक खास उपलब्धि अपने नाम करने का सुनहरा मौका होगा। यह मुकाबला सिर्फ सीरीज में बढ़त के लिहाज से नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक और नाम जुड़ने की संभावना को लेकर भी महत्वपूर्ण है।

2000 रन के क्लब में सबसे तेज़ एंट्री के करीब

यशस्वी जायसवाल ने अब तक 20 टेस्ट मैचों में 52.86 की औसत से 1903 रन बनाए हैं। यानी वे टेस्ट क्रिकेट में 2000 रन पूरे करने से महज 97 रन दूर हैं। अगर वह एजबेस्टन टेस्ट की पहली पारी में यह स्कोर बना लेते हैं, तो वह भारत के लिए सबसे कम मैचों में 2000 टेस्ट रन पूरे करने वाले बल्लेबाज बन जाएंगे।

फिलहाल यह रिकॉर्ड भारत के ‘लिटिल मास्टर’ सुनील गावस्कर के नाम है, जिन्होंने 23 टेस्ट मैचों में यह आंकड़ा पार किया था। जायसवाल के पास यह रिकॉर्ड दो टेस्ट मैचों के भीतर तोड़ने का अवसर है, जिससे वे भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक नया मील का पत्थर स्थापित कर सकते हैं।

पारी के हिसाब से भी रिकॉर्ड की रेस में

मैचों के अलावा पारी के हिसाब से सबसे तेज 2000 रन बनाने वाले भारतीयों की सूची में राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग का नाम सबसे ऊपर है, जिन्होंने यह मुकाम 40-40 पारियों में हासिल किया था। सुनील गावस्कर ने 44 पारियों में 2000 रन पूरे किए थे। जायसवाल अब तक 38 पारियां खेल चुके हैं, और यदि वे एजबेस्टन में पहली पारी में 97 रन बना लेते हैं, तो वह इन सभी दिग्गजों को पीछे छोड़कर यह रिकॉर्ड अपने नाम कर लेंगे।

लीड्स टेस्ट में शानदार बैटिंग, लेकिन खराब फील्डिंग रही चर्चा में

लीड्स टेस्ट में जायसवाल ने पहली पारी में शानदार शतक जड़ा था, जिसने उनके आत्मविश्वास को मजबूत किया। लेकिन दूसरी ओर, उनकी फील्डिंग की काफी आलोचना हुई। दोनों पारियों में उन्होंने कुल मिलाकर पांच कैच छोड़े, जिससे उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल भी किया गया। दूसरी पारी में उनका बल्ला नहीं चला और वे सिर्फ 4 रन बनाकर आउट हो गए।

एजबेस्टन टेस्ट: दबाव में चमकने की घड़ी

अब निगाहें एजबेस्टन पर टिकी हैं, जहां जायसवाल के पास खुद को एक सम्पूर्ण टेस्ट खिलाड़ी साबित करने का मौका है। जहां एक ओर वह बल्ले से ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना सकते हैं, वहीं फील्डिंग में पिछली गलतियों को सुधारने का भी अवसर होगा। यह मैच उनके करियर के एक निर्णायक मोड़ की तरह साबित हो सकता है।