जयपुर / जानिए जालोर की नर्मदा परियोजना का नाम क्यों चमका देश में?

Zoom News : Sep 26, 2019, 02:26 PM
जयपुर | जल संरक्षण और सिंचाई जल के दक्षतापूर्ण उपयोग के लिए देश में राज्य की दो परियोजनाओं का नाम चमका है। इसमें राजस्थान की नर्मदा नहर परियोजना को जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए पहला अवार्ड मिला है। इंदिरा गांधी नहर परियोजना के द्वितीय चरण में तेजपुर नहर प्रणाली को अपनी श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार मिला है।

राजस्थान के जल संरक्षण, सिंचाई जल के दक्षतापूर्ण उपयोग के प्रयास भारत सरकार के राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से सम्मानित हुए हैं। राजस्थान की नर्मदा नहर परियोजना को जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अतिरिक्त इन्दिरा गांधी नहर परियोजना द्वितीय चरण के अन्तर्गत तेजपुर नहर प्रणाली को भी सूक्ष्म सिंचाई पद्धति अपनाकर जल के दक्षतापूर्ण उपयोग पर द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

यह दोनों पुरस्कार नई दिल्ली में दिनांक 24 सितंबर से 28 सितंबर तक आयोजित छठे इंडिया वाटर वीक 2019 में प्रदान किए गए। केंद्रीय मंत्री, जल शक्ति गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा बुधवार को यह पुरस्कार प्रदान किए गए। राज्य सरकार की ओर से शासन सचिव, जल संसाधन विभाग नवीन महाजन ने दोनों पुरस्कार प्राप्त किए। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के राष्ट्रीय जल मिशन द्वारा जल संरक्षण व कुशलतम जल उपयोगों को प्रोत्साहित करने के लिए इस क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्र स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।

नर्मदा नहर परियोजना भारत की पहली वृहद परियोजना है जिसमें पूरे 2.46 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई पद्धति अपनाकर सिंचाई जल उपयोग किया जा रहा है। राजस्थान को नर्मदा नदी से आवंटित 0.5 मिलियन एकड़ फीट जल का उपयोग जालोर व बाड़मेर जिलों के 2.46 लाख हैक्टेयर कमाण्ड में सिंचाई उपलब्ध करवाने के साथ-साथ 3 शहरों व 1541 गांवों को पेयजल उपलब्ध करवाया जाता है। परियोजना में कमाण्ड क्षेत्र पूर्व में 1.35 लाख हैक्टेयर आंकलित था, जिसे सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली पर परिवर्तित करने से 2.46 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा दिया जाना संभव हुआ। परियोजना के फलस्वरूप जालोर व बाड़मेर के मरू क्षेत्र आज खेती से सरसब्ज हो रहे हैं तथा अनार जैसे फलों की खेती भी संभव हुई है। परियोजना का सिंचाई प्रबंधन काश्कारों की गठित 2232 जल उपयोगिता संगमों द्वारा किया जा रहा है।
प्रथम राष्ट्रीय जल मिशन अवार्ड के अन्तर्गत जल संरक्षण व बचाव के क्षेत्र में राज्यों द्वारा की गई कार्यवाही की श्रेणी में नर्मदा नहर परियोजना को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। परियोजना का भौतिक सत्यापन इस हेतु गठित केन्द्रीय दल द्वारा किया जाकर सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से जल के कुशलतम उपयोग की सराहना करते हुए केन्द्रीय दल द्वारा अवार्ड की अनुशंषा पर भारत सरकार द्वारा गठित पुरस्कार चयन समिति द्वारा प्रथम पुरस्कार निर्धारित किया गया।

साथ ही इन्दिरा गांधी नहर परियोजना स्टेज द्वितीय के अन्तर्गत तेजपुर माईनर में सूक्ष्म सिंचाई पद्धति अपनाकर सिंचाई दक्षता में वृद्धि के लिये द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इंदिरा गांधी नहर परियोजना स्टेज द्वितीय में जलांक केवल 2 क्यूसेक प्रति 1000 एकड निर्धारित किया गया है। सामान्य प्रचलित पद्धति से तेजपुर माईनर में निर्धारित 1857 हैक्टेयर क्षेत्र में से केवल औसतन 144 हैक्टेयर क्षेत्र में ही सिंचाई संभव हो पाती थी। इस माईनर पर राज्य सरकार द्वारा 2012-13 में फव्वारा पद्धति से सिंचाई प्रणाली लागू की गयी, जिससे सिंचाई जल दक्षता में वृद्धि के फलस्वरूप पूर्व 144 हैक्टेयर के विरूद्ध 1111 हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई संभव हुई तथा कृषि उत्पाद में बढ़ोतरी संभव हुई। परियोजना में दक्षतापूर्ण कार्यां का भौतिक सत्यापन केन्द्रीय दल द्वारा किया जाकर उनकी सराहना व अनुशंषा उपरान्त भारत सरकार की गठित अवार्ड चयन समिति द्वारा परियोजना को द्वितीय पुरस्कार हेतु चयनित किया गया।

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