जम्मू-कश्मीर की दो विधानसभा सीटों, बडगाम और नगरोटा, पर होने वाले उपचुनाव को लेकर। कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि वह सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। ये उपचुनाव 11 नवंबर को होंगे। जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन में है। ऐसे में अगर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने का फैसला करती है, तो गठबंधन में दरार पड़ सकती है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक कर्रा ने बताया कि दोनों सीटों पर उपचुनाव लड़ने को लेकर पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व ही अंतिम निर्णय लेगा।
उमर अब्दुल्ला का बयान और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत में कर्रा ने कहा, "हमने दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारने का मामला अपने केंद्रीय नेतृत्व के सामने रखा है। उनकी हरी झंडी का इंतजार है। सभी रास्ते खुले हैं। " उन्होंने यह भी जानकारी दी कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने नगरोटा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन देने की बात कही है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि उनकी पार्टी बडगाम सीट पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन नगरोटा में यदि कांग्रेस उम्मीदवार उतारती है, तो नेशनल कॉन्फ्रेंस उसे समर्थन देगी।
गठबंधन में तल्खी के संकेत
हाल ही में राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस को 'सुरक्षित सीट' न। दिए जाने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के फैसले के बाद गठबंधन में तल्खी की खबरें आई थीं। इस पर कर्रा ने कहा, "कौन कहता है कि गठबंधन में सब ठीक नहीं है और " हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के इस फैसले से कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व थोड़ा हैरान था। कर्रा ने कहा, "हमारे नेतृत्व को उम्मीद थी कि नेशनल कॉन्फ्रेंस अपनी बात पर कायम रहेगी, लेकिन उनकी तरफ से यू-टर्न या वादे से पीछे हटने की बात स्वाभाविक रूप से हमें अच्छी नहीं लगी। " यह बयान मौजूदा गठबंधन में आंतरिक खींचतान की ओर इशारा करता है।