श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में 14 नवंबर, 2025 की रात लगभग 11:20 बजे एक भीषण विस्फोट हुआ, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया और इस भयावह घटना में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई और 29 अन्य घायल हो गए, जिन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए ले जाया गया। विस्फोट की आवाज इतनी तेज थी कि यह दूर-दूर तक। सुनाई दी, जिससे आसपास के क्षेत्रों में भी दहशत फैल गई। प्रारंभिक रिपोर्टों में इसे एक 'भारी विस्फोट' बताया गया था, लेकिन जम्मू और कश्मीर पुलिस के अधिकारियों ने बाद में स्पष्ट किया कि यह कोई आतंकवादी हमला नहीं था, बल्कि एक दुर्भाग्यपूर्ण आकस्मिक घटना थी।
विस्फोट की परिस्थितियाँ
यह दुखद घटना नौगाम पुलिस स्टेशन में एक नियमित निरीक्षण और सैंपलिंग प्रक्रिया के दौरान हुई। इस प्रक्रिया में फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) की टीम, स्थानीय पुलिस कर्मी और एक तहसीलदार (राजस्व अधिकारी) शामिल थे। वे जब्त की गई सामग्री का आकलन कर रहे थे, जब अचानक विस्फोट हो गया। यह दर्शाता है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल के बावजूद, कुछ अप्रत्याशित कारकों के कारण यह त्रासदी हुई। इस घटना ने पुलिस स्टेशनों में जब्त किए गए खतरनाक पदार्थों के भंडारण और प्रबंधन की सुरक्षा प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच दल यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि आखिर किन परिस्थितियों में यह विस्फोट हुआ और क्या किसी प्रकार की लापरवाही बरती गई थी।
विस्फोट का कारण और सामग्री
विस्फोट का मुख्य कारण पुलिस स्टेशन में बड़ी मात्रा में जब्त की गई अमोनियम नाइट्रेट-आधारित विस्फोटक सामग्री बताई गई है। यह सामग्री नवंबर की शुरुआत में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक आतंकवादी मॉड्यूल की जांच के हिस्से के रूप में जब्त की गई थी और अमोनियम नाइट्रेट एक अत्यधिक अस्थिर रासायनिक यौगिक है जिसका उपयोग अक्सर विस्फोटकों के निर्माण में किया जाता है, और इसकी बड़ी मात्रा का असुरक्षित भंडारण या अनुचित हैंडलिंग विनाशकारी परिणाम दे सकता है। ऐसा प्रतीत होता है कि इस सामग्री को पुलिस स्टेशन के भीतर ही संग्रहित किया गया। था, और सैंपलिंग के दौरान किसी अज्ञात कारण से इसमें आग लग गई या यह फट गई। इस प्रकार की सामग्री को संभालने के लिए विशेष विशेषज्ञता और उपकरणों की आवश्यकता होती है, और यह। घटना इस बात पर प्रकाश डालती है कि ऐसी सामग्री को कितनी सावधानी से प्रबंधित किया जाना चाहिए।
विनाश का दृश्य और प्रभाव
घटनास्थल के वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों से पुलिस स्टेशन के पार्किंग क्षेत्र में व्यापक तबाही का पता चलता है। कई वाहन, जिनमें पुलिस की गाड़ियां भी शामिल थीं, आग में जलकर राख हो गए। विस्फोट के बाद मलबा दूर-दूर तक फैल गया, जिससे आसपास की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा। विस्फोट से उठी गाढ़ी धुएं की लहर ने आसपास के घरों और इमारतों की खिड़कियों को तोड़ दिया, जिसमें रावलपोरा जैसे पड़ोसी क्षेत्र भी शामिल हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि उन्होंने एक जोरदार धमाका सुना और उसके बाद आग की लपटें और धुआं देखा, जिससे वे अपने घरों से बाहर निकलने पर मजबूर हो गए। इस घटना ने न केवल पुलिस स्टेशन को भारी नुकसान पहुंचाया है, बल्कि आसपास के समुदाय में भी भय और अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है।
जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल से संबंध
यह विस्फोटक सामग्री जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक नए आतंकवादी मॉड्यूल की जांच के दौरान जब्त की गई थी। इस मॉड्यूल में डॉक्टर और मौलवी जैसे कट्टरपंथी पेशेवर शामिल। थे, जो समाज में अपनी स्थिति का दुरुपयोग कर रहे थे। इस मॉड्यूल का खुलासा तब हुआ जब 19 अक्टूबर, 2025 को नौगाम क्षेत्र में JeM के प्रचार पोस्टर दिखाई दिए और इन पोस्टरों ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया और एक व्यापक जांच शुरू की गई, जिसके परिणामस्वरूप यह मॉड्यूल सामने आया। इस मॉड्यूल के सदस्यों की गिरफ्तारी और विस्फोटकों की जब्ती एक बड़ी सफलता थी, लेकिन दुर्भाग्य से, जब्त की गई सामग्री के कारण यह दुखद दुर्घटना हो गई।
दिल्ली आतंकी धमाके से जुड़ाव
इस जांच के परिणामस्वरूप जम्मू एवं कश्मीर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में कई गिरफ्तारियां हुईं। इस दौरान 2,900 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक, रासायनिक पदार्थ और हथियार जब्त किए गए। इनमें से कुछ सामग्री का संबंध 10 नवंबर, 2025 को दिल्ली के लाल किले के पास हुए एक भयंकर कार बम विस्फोट से था, जिसमें कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी और 20 अन्य घायल हुए थे और यह दर्शाता है कि जब्त की गई सामग्री कितनी खतरनाक थी और इसका उपयोग बड़े पैमाने पर विनाश के लिए किया जा सकता था। नौगाम पुलिस स्टेशन में हुआ विस्फोट इस बात की याद दिलाता है कि आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ी सामग्री को संभालना कितना जोखिम भरा हो सकता है, भले ही वह पुलिस हिरासत में ही क्यों न हो। यह घटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है कि वे जब्त किए। गए खतरनाक पदार्थों के भंडारण और निपटान के लिए और भी सख्त प्रोटोकॉल लागू करें।