- भारत,
- 07-Sep-2025 02:14 PM IST
PM Shigeru Ishiba: जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने रविवार को अचानक अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की, जिसने देश की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। यह फैसला जुलाई 2025 में हुए संसदीय चुनावों में उनकी सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) की करारी हार के बाद पार्टी के भीतर बढ़ती असहमति और दबाव के बीच आया है। इशिबा, जिन्होंने अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री का पद संभाला था, ने अपनी ही पार्टी के दक्षिणपंथी धड़े के विरोध का सामना किया और अंततः पार्टी में विभाजन से बचने के लिए इस्तीफा देने का फैसला किया।
पृष्ठभूमि: संसदीय चुनाव में हार और पार्टी के भीतर तनाव
जुलाई 2025 के संसदीय चुनावों में LDP और उसके गठबंधन सहयोगियों को ऊपरी सदन की 248 सीटों में बहुमत हासिल करने में असफलता मिली। इस हार ने इशिबा के नेतृत्व पर सवाल उठाए और उनकी पार्टी के भीतर दक्षिणपंथी नेताओं ने उनके खिलाफ असंतोष जाहिर करना शुरू कर दिया। पिछले एक महीने से इशिबा इन मांगों का विरोध करते रहे, लेकिन पार्टी के भीतर बढ़ते दबाव और नेतृत्व चुनाव की तैयारियों ने उन्हें यह कठिन निर्णय लेने के लिए मजबूर किया।
इशिबा ने अपने इस्तीफे की घोषणा में हार की जिम्मेदारी ली, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह औपचारिक रूप से कब पद छोड़ेंगे। उनका यह कदम ऐसे समय में आया है, जब LDP सोमवार को अपने नए नेता का चुनाव करने वाली थी। यदि इशिबा का इस्तीफा स्वीकार किया जाता है, तो यह उनके खिलाफ एक प्रकार का अविश्वास प्रस्ताव माना जाएगा।
LDP में नेतृत्व का संकट
इशिबा के इस्तीफे के बाद जापान में तब तक राजनीतिक अनिश्चितता बनी रहेगी, जब तक LDP अपने नए नेता का चयन नहीं कर लेती। LDP के नए नेता को न केवल पार्टी के भीतर समर्थन जुटाना होगा, बल्कि संसद में भी प्रधानमंत्री बनने के लिए बहुमत हासिल करना होगा। चूंकि LDP के नेतृत्व वाले गठबंधन ने ऊपरी सदन में बहुमत खो दिया है, निचले सदन में उसकी सबसे बड़ी हिस्सेदारी होने के बावजूद नए नेता के लिए जीत की गारंटी नहीं होगी।
LDP के नियमों के अनुसार, नेतृत्व चुनाव में उम्मीदवार को कम से कम 20 सांसदों का समर्थन चाहिए। कई सांसद पहले से ही इस दौड़ में अपनी उम्मीदवारी पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। संभावित उम्मीदवारों में शामिल हैं:
साने ताकाइची: पूर्व आंतरिक मंत्री, जो दक्षिणपंथी विचारधारा का समर्थन करती हैं।
शिंजिरो कोइज़ुमी: कृषि मंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइज़ुमी के बेटे, जो युवा नेताओं में लोकप्रिय हैं।
ताकायुकी कोबायाशी: पूर्व आर्थिक सुरक्षा मंत्री, जो एक नया चेहरा हो सकते हैं।
योशिमासा हयाशी: वर्तमान मुख्य कैबिनेट सचिव, जिनके पास अनुभव और स्थिरता की छवि है।
कात्सुनोबु काटो: वित्त मंत्री, जो आर्थिक नीतियों में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं।
गठबंधन सरकार की चुनौतियां
इशिबा के नेतृत्व में LDP को 1955 में अपनी स्थापना के बाद पहली बार गठबंधन सरकार बनानी पड़ी थी, क्योंकि उनके पास संसद में पूर्ण बहुमत नहीं था। नया नेता भी इसी चुनौती का सामना करेगा। उसे न केवल LDP के भीतर एकता बनाए रखनी होगी, बल्कि गठबंधन सहयोगियों और अन्य दलों से समर्थन जुटाना होगा। निचले सदन में LDP की सबसे बड़ी हिस्सेदारी होने के कारण नए नेता के लिए जीत की संभावना है, लेकिन यह आसान नहीं होगा।
भविष्य की संभावनाएं
इशिबा का इस्तीफा जापान की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। LDP के नए नेता को न केवल पार्टी के भीतर एकता स्थापित करनी होगी, बल्कि आर्थिक चुनौतियों, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और आंतरिक सुधारों जैसे मुद्दों पर भी ध्यान देना होगा। जापान की अर्थव्यवस्था, जो हाल के वर्षों में स्थिरता की तलाश में है, और क्षेत्रीय सुरक्षा, विशेष रूप से उत्तर कोरिया और चीन के साथ तनाव, नए नेतृत्व के लिए प्रमुख प्राथमिकताएं होंगी।
इशिबा का कार्यकाल छोटा लेकिन महत्वपूर्ण रहा। उनके सुधारवादी दृष्टिकोण ने कुछ हद तक LDP की छवि को नरम करने की कोशिश की, लेकिन पार्टी के भीतर वैचारिक मतभेद और संसदीय हार ने उनके प्रयासों को कमजोर कर दिया। अब यह देखना बाकी है कि LDP का अगला नेता इन चुनौतियों से कैसे निपटता है और क्या वह जापान को इस अनिश्चितता के दौर से बाहर निकाल पाता है।
