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- 01-Aug-2025 03:20 PM IST
Prajwal Revanna: कर्नाटक हाईकोर्ट ने जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को यौन उत्पीड़न और रेप के एक मामले में दोषी ठहराया है। इस फैसले ने न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई है, बल्कि पूरे कर्नाटक में इसकी व्यापक चर्चा हो रही है। कोर्ट में फैसला सुनाए जाने के दौरान प्रज्वल रेवन्ना फूट-फूटकर रोने लगे। कोर्ट ने अभी सजा का ऐलान नहीं किया है, जो जल्द ही सुनाया जाएगा। यह मामला कथित सेक्स टेप से जुड़ा है, जिसने पूरे राज्य में सनसनी मचा दी थी।
मामला क्या है?
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ उनके घर में काम करने वाली एक महिला ने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की थी। इसके अलावा, बेंगलुरु के सार्वजनिक स्थानों पर कई पेन ड्राइव बरामद हुए, जिनमें कथित तौर पर 3,000 से 5,000 वीडियो थे। इन वीडियो में प्रज्वल रेवन्ना को महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करते हुए देखा गया। खास बात यह थी कि इन वीडियो में पीड़ित महिलाओं के चेहरे ब्लर नहीं किए गए थे, जिससे मामला और गंभीर हो गया।
इस मामले के सामने आने के बाद कर्नाटक में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। बढ़ते दबाव के बीच कर्नाटक सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। जांच के बाद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ रेप, छेड़छाड़, ब्लैकमेलिंग और धमकी देने जैसे गंभीर आरोपों में तीन मामले दर्ज किए गए। आरोप है कि रेवन्ना पीड़ित महिलाओं को सरकारी नौकरी का प्रलोभन देकर उनका शोषण करते थे।
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ अन्य मामले
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ कुल चार मामले दर्ज हैं, जिनमें से अभी केवल एक में उन्हें दोषी ठहराया गया है। बाकी मामलों में कोर्ट जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। इन मामलों ने न केवल उनकी राजनीतिक छवि को धूमिल किया है, बल्कि जनता दल (एस) को भी मुश्किल स्थिति में ला खड़ा किया है। पार्टी ने प्रज्वल को पहले ही निलंबित कर दिया था।
कौन हैं प्रज्वल रेवन्ना?
प्रज्वल रेवन्ना देश के पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते हैं। उनके परिवार का कर्नाटक की राजनीति में गहरा प्रभाव रहा है। उनके दादा प्रधानमंत्री, चाचा मुख्यमंत्री और पिता मंत्री रह चुके हैं। प्रज्वल ने 2019 में हासन से लोकसभा चुनाव जीता था, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। करीब एक दशक तक जनता दल (एस) के साथ सक्रिय राजनीति में रहे प्रज्वल का करियर इस विवाद के बाद गंभीर संकट में है।
मामला कब आया सामने?
यह पूरा मामला 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान उजागर हुआ। 26 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान से पहले कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। इन वीडियो ने पूरे देश का ध्यान खींचा। कर्नाटक राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी ने इस मामले में जांच की मांग की और कांग्रेस सरकार को पत्र लिखा। इसके बाद सरकार ने तुरंत SIT जांच के आदेश दिए।
आगे क्या?
प्रज्वल रेवन्ना को दोषी ठहराए जाने के बाद अब सबकी नजर कोर्ट के सजा के ऐलान पर है। इसके साथ ही बाकी तीन मामलों में कोर्ट के फैसले का भी इंतजार है। इस मामले ने कर्नाटक की राजनीति में भूचाल ला दिया है और जनता दल (एस) के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हुआ है। यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और सत्ता के दुरुपयोग जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर करता है।