Kangana Ranaut News / किसान आंदोलन पर टिप्पणी: कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा फिर से शुरू

अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत के खिलाफ आगरा में राष्ट्रद्रोह का मुकदमा फिर से शुरू हो गया है। यह मामला किसान आंदोलन और स्वतंत्रता सेनानियों पर उनकी कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों से जुड़ा है। राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट रमाशंकर शर्मा की पुनर्विचार याचिका के बाद अदालत ने सुनवाई दोबारा शुरू की है।

अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत एक बार फिर कानूनी मुश्किलों में घिर गई हैं। उत्तर प्रदेश के आगरा में उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा फिर से शुरू हो गया है। यह मामला किसान आंदोलन और स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ उनकी कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों से संबंधित है, जो उन्होंने सोशल मीडिया पर की थीं। इस मामले की सुनवाई पहले खारिज कर दी गई थी, लेकिन अब राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट रमाशंकर शर्मा द्वारा दायर एक पुनर्विचार याचिका के बाद अदालत ने इसे दोबारा खोल दिया है।

मामले की पृष्ठभूमि और प्रारंभिक याचिका

एडवोकेट रमाशंकर शर्मा ने एएनआई से बातचीत में बताया कि उन्होंने 11 सितंबर 2024 को आगरा की एक स्थानीय अदालत में यह याचिका दाखिल की थी और उनकी याचिका में आरोप लगाया गया था कि कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया था, जिसमें किसान समुदाय का अपमान किया गया था। इसके साथ ही, याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने। महात्मा गांधी सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ देशद्रोही टिप्पणियां की थीं। इन टिप्पणियों को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों में काफी रोष देखा गया था, और कई। लोगों ने कंगना के बयानों को देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा बताया था।

कंगना की ओर से प्रतिक्रिया का अभाव

शर्मा के अनुसार, अदालत द्वारा कई बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद, कंगना। रनौत या उनके किसी भी प्रतिनिधि की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। अदालत ने उन्हें अपना पक्ष रखने का एक और मौका दिया था, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। कानूनी प्रक्रिया के तहत, जब किसी पक्ष को अपना बचाव प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाता है और वह ऐसा करने में विफल रहता है, तो इससे मामले की कार्यवाही प्रभावित हो सकती है। इस मामले में भी कंगना की चुप्पी ने प्रक्रिया को जटिल बना दिया था।

अदालत का प्रारंभिक आदेश और याचिका का खारिज होना

प्रतिक्रिया न मिलने के बाद, अदालत ने 9 जनवरी 2025 को एक आदेश जारी किया, जिसमें पुलिस से याचिकाकर्ता द्वारा दी गई शिकायत और सबूतों के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया था। एडवोकेट शर्मा ने बताया कि उन्होंने सभी आवश्यक दस्तावेज, कंगना के सोशल मीडिया पोस्ट और अन्य संबंधित सबूत अदालत में जमा किए थे और हालांकि, अभिनेत्री की ओर से जवाब न मिलने और प्रक्रियात्मक देरी के चलते यह याचिका बाद में खारिज कर दी गई थी। अदालत ने पाया कि बिना प्रतिवादी के सहयोग के मामले को आगे बढ़ाना मुश्किल हो रहा था।

पुनर्विचार याचिका और सुनवाई की बहाली

एडवोकेट शर्मा ने कहा कि कंगना रनौत की ओर से कोई उत्तर या कानूनी प्रावधान पेश नहीं किया गया, जिसके कारण अदालत ने मामला बंद कर दिया था। लेकिन, उन्होंने इस पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की, जिसे अब अदालत ने स्वीकार कर लिया है और सुनवाई फिर से शुरू कर दी गई है। यह पुनर्विचार याचिका मामले को दोबारा खोलने और आरोपों की गहन न्यायिक जांच सुनिश्चित करने की मांग करती है। शर्मा ने विश्वास व्यक्त किया कि उन्हें न्याय अवश्य मिलेगा, क्योंकि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं।

कंगना के पूर्व विवाद और आगामी सुनवाई

कंगना रनौत के सोशल मीडिया बयानों को लेकर पहले भी कई बार विवाद उठ चुके हैं। उनके राजनीतिक बयानों और टिप्पणियों ने अक्सर कानूनी और जनमत बहसों को जन्म दिया है और यह पहली बार नहीं है जब उन्हें अपने बयानों के लिए कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले की अगली सुनवाई आने वाले कुछ हफ्तों में होने की संभावना है। इस मामले में अदालत का फैसला कंगना के सार्वजनिक बयानों और उनके कानूनी परिणामों पर एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम कर सकता है।