NEPAL / भारत को महत्वपूर्ण परियोजना सौंपने जा रहा काठमांडू, चीनी कंपनियों से छीनेगा काम

Zoom News : May 11, 2022, 04:15 PM
नेपाल ने अपनी महत्वपूर्ण पश्चिमी सेती जलविद्युत परियोजना के लिए भारत से बातचीत शुरू की है। इससे पहले इस परियोजना पर वह चीन के साथ वार्ता कर रहा था, लेकिन अब नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा ने जानकारी दी है कि सेती जलविद्युत परियोजना को लेकर भारत के साथ बातचीत कर रहा है। इस परियोजना के तहत 1250 मेगावाट बिजली पैदा की जा सकती है। 


खबरों के मुताबिक, नेपाल ने 2012 और 2017 में इसी परियोजना को लेकर चीनी कंपनियों के साथ समझौता किया था। अब नेपाल के पीएम देउबा ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी 16 मई को लुंबिनी आ रहे हैं। इसी दौरान इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए उनके साथ निर्णायक बातचीत की जाएगी। 


1981 से सेती परियोजना पर चल रहा काम 

खबरों के मुताबिक, पश्चिमी सेती जलविद्युत परियोजना पर 1981 से काम जारी है। 1987 में एक फ्रांसीसी कंपनी ने इस परियोजना में बदलाव किया और कहा, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना यहां 380 मेगावाट का भंडारण किया जा सकता है। लेकिन 1994 में परियोजना के सर्वेक्षण के लिए ऑस्ट्रेलियाई कंपनी को लाइसेंस मिला। 1997 में भी इस कंपनी को लाइसेंस दिया गया। इस प्रोजेक्ट के तहत 90 फीसद बिजली भारत को बेचने का इरादा था। हालांकि, बाद में इस प्रोजेक्ट में चीनी कंपनियां शामिल हो गईं। 


भारत की तरफ क्यों बढ़ रहा नेपाल 

रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने नेपाल से दो टूक कहा हुआ है कि अगर नेपाल भारत के पावर एक्सचेंज मार्केट में बिजली बेचने की योजना बना रहा है तो उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि उसकी जलविद्युत परियोजनाओं में कोई चीनी घटक नहीं होगा। अब यही कारण है कि नेपाल पश्चिमी सेती हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट को लेकर भारत की तरफ कदम बढ़ा रहा है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER