दुनिया / दक्षिण कोरिया में तख्तापलट के लिए किम जोंग उन ने रची ऐसी साजिश, रात-दिन काम कर रहे 50000 लोग

Zoom News : Jan 25, 2023, 12:03 PM
Kim Jong Un plot coup in south Korea: नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने साउथ कोरिया में तख्तापलट के लिए जो साजिश रची थी उसका परत दर परत खुलासा हो गया है. हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक किम जोंग उन के 50000 सीक्रेट एजेंट अलग-अलग जगहों से दक्षिण कोरिया की नींव खोखली कर रहे हैं. 

डबल क्रास साजिश

कोरियन इंस्टीट्यूट ऑफ लिबरल डेमोक्रेसी के एक शोधकर्ता के मुताबिक किम के इन 50 हजार खुफिया सैनिकों में बहुत साके शरणार्थी बनकर दक्षिण कोरिया की सीमा में दाखिल हुए थे. इस एजेंसी के मुताबिक तानाशाह किम ने पड़ोसी देश की सरकार गिराने और वहां पर अपना नुमाइंदा बिठाने के लिए जो प्लान बनाया उसका नाम डबल क्रॉस कान्सपिरेसी रखा गया. इस मुहिम में उत्तर कोरिया के कुछ खास लोगों को जानबूझकर प्रताड़ित करके अपना घुसपैठिया बनाकर दक्षिण कोरिया की सीमा पार कराई जाती है. 

कैसे काम करती है किम की खुफिया फौज?

रिपोर्ट के मुताबिक किम के जासूस खुद को शरणार्थी या विक्टिम कार्ड खेलकर या खुद को किम का विरोधी बताकर पड़ोसी देश में एंट्री कर लेते हैं. इनमें से कुछ की चोरी पकड़ी जाती है तो उन्हें जेल भेज दिया जाता है और जो अपनी पहचान छिपा लेते हैं वो जिस थाली में खाते हैं उसमें खुलेआम छेद करते हैं. जेल में बंद किम के प्रशिक्षित एजेंट सलाखों के भीतर से दूसरे देश की कानून व्यवस्था को प्रभावित करते हैं. इनमें से कुछ तो जेल से ही अपना एक्सटॉर्शन रैकेट चलाते हैं.

किम का मकसद दुनिया के सामने आया 

कोरियन इंस्टीट्यूट ऑफ लिबरल डेमोक्रेसी के मुताबिक इतनी बड़ी तादात में उत्तर कोरिया के लोगों का दक्षिण कोरिया की जेलों में होना किम का सीक्रेट प्लान है. किम के मंसूबों की बात करें तो उत्तर कोरिया जब पड़ोसी देश पर बड़ा हमला करेगा तो खास संकेत मिलते ही जेलों में बंद ये कैदी जेलों में बगावत करके विद्रोह कर देंगे.

ट्रेनिंग लेकर आए किम के जासूस

दक्षिण कोरिया ने खुद ऐसे जासूसों की करतूतों को कड़ी दर कड़ी जोड़ते हुए किम की तख्तापलट वाली साजिश की थ्योरी की पुष्टि की है. सियोल की खुफिया पुलिस ने जेल के अंदर और बाहर मौजूद ऐसे एजेंट्स के ठिकानों पर कार्रवाई करते हुए किम जोंग उन के नापाक मंसूबों का खुलासा किया है.

किम के सीक्रेट एजेंटों को पुख्ता जासूसी ट्रेनिंग और खुफिया उपकरणों के साथ भेजा गया है. जो वहां की खुफियां सूचनाओं को मौका मिलते हैं अपने देश भेज देते हैं.

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