Rajasthan / केंद्र-राज्य योजनाओं से किसानों की आय में वृद्धि, कृषि में नवाचार पर जोर: मुख्य सचिव श्री वी. श्रीनिवास

मुख्य सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने राजस्थान में केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं से किसानों की आय में हो रही उल्लेखनीय वृद्धि की सराहना की। उन्होंने नवाचार, आधुनिक तकनीक और शोध आधारित खेती को प्रदेश की कृषि को मजबूत करने वाला बताया। श्रीनिवास ने किसानों को ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट-2026 में भाग लेने और विदेश भ्रमण के माध्यम से उन्नत कृषि तकनीकों को सीखने के लिए प्रोत्साहित किया।

जयपुर, 31 दिसंबर। प्रदेश के किसानों की आर्थिक स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है, जिसका श्रेय केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और किसानों द्वारा अपनाए जा रहे नवाचारों को जाता है और यह बात मुख्य सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने राज्य कृषि अनुसंधान संस्थान (आरएआरआई), दुर्गापुरा, जयपुर के अपने हालिया भ्रमण के दौरान कही। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक तकनीक और शोध आधारित खेती राजस्थान के कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है, जिससे किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है।

कृषि क्षेत्र में नवाचार और प्रगति

मुख्य सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने आरएआरआई कैंपस, कृषि फील्ड और श्याम दुर्गापुरा का विस्तृत दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक और व्यापक परिवर्तनों को करीब से देखा और उनकी भूरी-भूरी प्रशंसा की और उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर प्रकाश डाला कि आज का किसान पारंपरिक तरीकों से हटकर आधुनिक तकनीकों को तेजी से अपना रहा है। यह प्रवृत्ति राज्य सरकार की कृषि नीतियों की सफलता का प्रमाण है, जो धरातल पर प्रभावी साबित हो रही हैं। श्रीगंगानगर में स्थापित गाजर मंडी को उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक सफल और। अनुकरणीय प्रयोग बताया, जो दर्शाता है कि सही विपणन रणनीतियों से किसानों को कितना लाभ मिल सकता है।

किसानों के साथ संवाद और चुनौतियाँ

श्याम ऑडिटोरियम में आयोजित एक महत्वपूर्ण संवाद कार्यक्रम में मुख्य सचिव ने प्रदेशभर से आए प्रगतिशील कृषकों और कृषि विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की और इस अवसर पर उन्होंने किसानों की सफलता की कहानियों को ध्यानपूर्वक सुना, उनके द्वारा अपनाए गए कृषि नवाचारों की जानकारी ली और जमीनी स्तर पर किसानों को आ रही चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। श्रीनिवास ने किसानों को उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कृषि क्षेत्र में प्रगति की राह में कोई बाधा न आए। इस संवाद का उद्देश्य किसानों और नीति निर्माताओं के बीच सीधा संपर्क स्थापित करना था, ताकि नीतियों को और अधिक किसान-केंद्रित बनाया जा सके। मुख्य सचिव ने किसानों से आगामी वर्ष आयोजित होने वाली ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट-2026 (ग्राम) में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि यह तीन दिवसीय राज्य स्तरीय आयोजन कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जिसमें 50 हजार से अधिक किसानों के भाग लेने की संभावना है। ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (ग्राम) का मुख्य उद्देश्य कृषि में नवाचार को बढ़ावा देना, स्मार्ट फार्मिंग तकनीकों का प्रदर्शन करना, आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रसार करना और कृषि क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करना है। इस आयोजन के माध्यम से राजस्थान को कृषि निर्यात के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य के रूप में। स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे प्रदेश के किसानों को वैश्विक बाजार तक पहुंच मिल सके।

ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट-2026 में भागीदारी का आह्वान

किसानों के विदेश भ्रमण पर जोर

किसानों की क्षमता संवर्धन और उन्हें वैश्विक कृषि पद्धतियों से अवगत कराने के लिए मुख्य सचिव ने विदेश भ्रमण को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य सरकार के नॉलेज एन्हांसमेंट प्रोग्राम के तहत किसानों का एक दल पहले ही विदेश भ्रमण कर चुका है, जहाँ उन्होंने उन्नत कृषि तकनीकों और सफल मॉडलों का अध्ययन किया। शीघ्र ही, किसानों का एक दूसरा दल भी उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी प्राप्त करने और उन्हें अपने खेतों में लागू करने के उद्देश्य से विदेश भेजा जाएगा और इस पहल से किसानों को अपनी उपज और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे उनकी आय में और अधिक वृद्धि होगी।

विभिन्न कृषि पद्धतियों पर चर्चा

संवाद कार्यक्रम के दौरान, मुख्य सचिव ने प्रगतिशील किसानों से विभिन्न फसलों और कृषि पद्धतियों पर विस्तार से जानकारी ली। इनमें सरसों की खेती, जैविक खेती के लाभ, जीरा, पानमेथी और ईसबगोल जैसी विशिष्ट फसलों की उन्नत किस्में शामिल थीं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अनार, सीताफल, आंवला, लहसुन, गाजर और शिमला मिर्च जैसी बागवानी फसलों के उत्पादन, गुलाब की खेती, औषधीय पौधों के महत्व और मधुमक्खी पालन जैसे सहायक व्यवसायों पर भी चर्चा की। इस चर्चा का उद्देश्य विभिन्न कृषि क्षेत्रों में हो रहे नवाचारों और। सफलताओं को समझना था, ताकि उन्हें अन्य किसानों तक पहुंचाया जा सके।

कृषि अनुसंधान को किसान-केंद्रित बनाने पर बल

आरएआरआई के भ्रमण के दौरान, मुख्य सचिव ने खरीफ व रबी फसलों से जुड़े अनुसंधान परीक्षणों, प्रदर्शन इकाइयों, बीज उत्पादन प्रक्षेत्रों और प्रयोगशालाओं का गहन निरीक्षण किया। वैज्ञानिकों ने उन्हें जलवायु परिवर्तन के अनुरूप विकसित की जा रही किस्मों, उन्नत फसल प्रबंधन तकनीकों, समेकित कीट प्रबंधन रणनीतियों, मृदा स्वास्थ्य सुधार के उपायों और जल उपयोग दक्षता बढ़ाने वाली तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि कृषि अनुसंधान को अधिक व्यवहारिक, किसान-केंद्रित और क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जाए। उन्होंने कृषि विभाग, अनुसंधान संस्थानों और विस्तार तंत्र के बीच बेहतर समन्वय पर भी जोर दिया, ताकि अनुसंधान परिणामों को किसानों तक शीघ्रता से पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही, उन्होंने किसान प्रशिक्षण कार्यक्रमों और खेत स्तर पर प्रदर्शनों को और सशक्त करने तथा गुणवत्तापूर्ण बीजों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी श्रीमती मंजू राजपाल, आयुक्त कृषि सुश्री चिन्मयी गोपाल, आयुक्त उद्यानिकी श्रीमती शुभम चौधरी, कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलगुरु डॉ. पुष्पेंद्र सिंह चौहान, निदेशक कृषि विपणन विभाग श्री राजेश कुमार चौहान, डॉ. श्याम सिंह कुशवाह सहित कृषि एवं उद्यान विभाग के कई अन्य अधिकारी, आरएआरआई के वैज्ञानिक और प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रगतिशील कृषक उपस्थित रहे। यह दौरा राजस्थान के कृषि क्षेत्र के भविष्य के लिए एक। सकारात्मक संकेत है, जो नवाचार और किसान कल्याण पर केंद्रित है।