Christmas Day 2019 / जानिए क्रिसमस ट्री की कहानी से लेकर क्रिसमस डे के इतिहास की वो सारी बाते जिन्हें जानना बेहद जरूरी

AMAR UJALA : Dec 24, 2019, 01:15 PM
Christmas Day 2019 | 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है। यह पर्व ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्रिसमस के मौके पर सबसे ज्यादा क्रेज सैंटा क्लॉज का होता है, खासतौर पर बच्चे बेसब्री से सैंटा क्लॉज से उपहार पाने के लिए इंतजार करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं सैंटा क्लॉज क्यों बच्चों को उपहार देते हैं और कब से शुरू हुई ये परंपरा, तो आइए जानते हैं क्रिसमस डे से जुड़े रोचक तथ्य।

क्रिसमस डे का इतिहास

ईसाई मतानुसार, 360 ईस्वी के आसपास पहलीबार रोम के एक चर्च में ईसा मसीह के जन्मदिन का समारोह किया गया। लेकिन इस समय जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन की तारीख को लेकर बहस जारी थी। इसके बाद चौथी शताब्दी में 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्मदिवस घोषित किया गया। साल 1836 में अमेरिका में क्रिसमस डे को आधिकारिक रूप से मान्यता मिली और 25 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया।

सैंटा क्लॉज का इतिहास

संत निकोलस का जन्म 340 ईस्वी में 6 दिसंबर को हुआ था। ईसाई मान्यता के अनुसार, हर 25 दिसंबर की रात को संत निकोलस बच्चों के लिए उपहार लेकर के आते हैं। यहीं संत निकोलस बच्चों के लिए सांता क्लॉज बन गए। कहा जाता है कि बचपन में ही इनके माता पिता का देहांत हो गया था। बड़े होने के बाद वह एक पादरी बन गए औऱ उन्हें लोगों की मदद करना काफी पसंद था। कहा जाता है कि वे गरीब बच्चों और लोगों को अर्धरात्रि में इसलिए गिफ्ट देते थे ताकि उन्हें कोई देख न पाए।

क्रिसमस ट्री की कहानी

कहते हैं उत्तरी यूरोप में कई हजार साल पहले क्रिसमस ट्री को सजाने की शुरुआत हुई थी। हालांकि उस समय फेयर नाम के एक पेड़ को सजाकर विंटर फेस्टिवल मनाया जाता था। धीरे-धीरे क्रिसमस ट्री का चलन हर जगह बढ़ता चला गया और हर कोई इस मौके पर पेड़ घर पर लाने लगा। एक मान्यता के अनुसार जीसस के जन्म के समय खुशी व्यक्त करने के लिए सभी देवताओं ने क्रिसमस ट्री को सजाया था। इसी मान्यता के अनुसार क्रिसमस के मौके पर लोग क्रिसमस ट्री को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाते हैं।

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