लाइफस्टाइल / सर्दियों में रखें खास ध्यान, गलत तरीके से नहाने से जा सकती है आपकी जान

Zoom News : Nov 02, 2019, 03:38 PM
लाइफस्टाइल डेस्क | स्नान हम सभी हर दिन करते हैं। गर्मी है तो ठंडे पानी से और सर्दी है तो गर्म पानी से नहाते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि स्नान करना भी एक कला है? गलत तरीके से स्नान करना आपकी सेहत पर भारी भी पड़ सकता है। क्या आपने कभी अपने आस-पास देखा या सुना है कि नहाते समय किसी वृद्ध व्यक्ति को लकवा मार दिया हो? किसी बुजुर्ग की दिमाग की नस फट गई (ब्रेन हेमरेज) या हार्ट अटैक आ गया हो? आपने देखा होगा कि छोटे बच्चे को नहलाते समय वह बहुत कांपता है, इसे देखकर मां समझती है कि उसे नहाने से डर लग रहा है लेकिन वस्तुतः ऐसा नहीं होता है। ये सभी समस्याएं गलत तरीके से नहाने से होती हैं।

मारे शरीर में गुप्त विद्युत शक्ति खून के निरंतर प्रवाह के कारण पैदा होती रहती है, जिसकी स्वास्थ्यवर्धक प्राकृतिक दिशा ऊपर से शुरू होकर नीचे पैरों की तरफ आती है। सिर में बहुत महीन रक्त नलिकाएं होती हैं जो दिमाग को रक्त पहुंचाती हैं। यदि कोई व्यक्ति निरंतर सीधे सिर पर ठंडा पानी डालकर नहाता है तो ये नलिकाएं सिकुड़ती हैं या फिर इससे रक्त के थक्के जमने लगते हैं। जब शरीर इनको सहन नहीं कर पाता तो ऊपर लिखी घटनाएं वर्षों बीतने के बाद बुजुर्गों के साथ होती हैं।

क्या होता है जब डालते हैं सीधे सिर पर पानी

सिर पर सीधे पानी डालने से हमारा सिर ठंडा होने लगता है, जिससे हृदय को सिर की तरफ ज्यादा तेजी से रक्त भेजना पड़ता है। ऐसा करने से बुजुर्गों में हार्ट अटैक या दिमाग की नस फटने की अवस्था हो सकती है। ठीक इसी तरह बच्चे का नियंत्रण तंत्र भी तुरंत प्रतिक्रिया देता है, जिससे बच्चे के कांपने से शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है। मां या परिवार के लोग समझते हैं कि बच्चा डर रहा है। सच यह है कि गलत तरीके से नहलाने से बच्चे की हृदय की धड़कन अत्यधिक बढ़ जाती है।

नहाने का सही तरीका जान लें

बाथरूम में आराम से बैठकर या खड़े होकर सबसे पहले पैर के पंजों पर पानी डालें और उसे रगड़ें। फिर पिंडलियों (calves), घुटनों, जांघों पर पानी डालना चाहिए। इसके बाद हाथों से मालिश करें। तब हाथों से पानी लेकर पेट को रगड़िए। कंधो पर पानी डालिए, फिर अंजुली में पानी लेकर मुंह पर और हाथों से पानी लेकर सिर पर मलिए। इसके बाद आप शावर के नीचे खड़े होकर या बाल्टी सिर पर उड़ेलकर या फिर मग से पानी डालकर नहा सकते हैं।

इस प्रक्रिया में केवल 1 मिनट लगता है, लेकिन इससे आपके जीवन की रक्षा होती है। इस 1 मिनट में शरीर की विद्युत प्राकृतिक दिशा में ऊपर से नीचे ही बहती रहती है, क्योंकि विद्युत को आकर्षित करने वाला पानी सबसे पहले पैरों पर डाला गया है।

बच्चे को इसी तरीके से नहलाने पर वो बिल्कुल कांपता या डरता नहीं है। इस प्रक्रिया में शरीर की गर्मी पेशाब के रास्ते बाहर आ जाती है। इस तरीके को अपनाते हुए आप कितनी भी सर्दी में नहाएं, कभी सर्दी-जुकाम, बुखार नहीं होगा।

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